एक सिंहासन पर दोराजा का कब्जा
सीबीएसई 12वीं की बरेली की मेरिट लिस्ट के हर पायदान पर एक से ज्यादा दावेदार हैं। फस्र्ट पोजिशन ही नहीं टॉप फाइव तक की पोजिशन हासिल करने के लिए स्टूडेंट्स के बीच कांटे की भिड़ंत हुई है। कोई भी साफ तौर पर उस पोजिशन का अकेला हकदार नहीं है। हर पोजिशन पर अपना दबदबा बनाने के लिए कम से कम दो स्टूडेंट्स दावा कर रहे हैं। यह स्थिति बिरले ही बनती है और जब बनती है तो नजारा भी अदभुत होता है। बिल्कुल वैसे ही जैसे किसी एक सिंहासन के लिए दो राजा दावेदारी कर रहे हों।
टॉप टेन में 5 परसेंटेज
रिजल्ट डिक्लेयर होने के बाद जो स्थिति उभर कर आई है, उसके मुताबिक बरेली के टॉप टेन लिस्ट में केवल 5 परसेंटेज माक्र्स के ही पायदान हैं। इनही परसेंटेज पर ही टोटल 10 स्टूडेंट्स स्टैंड कर रहे हैं। 96.4, 96.2, 95.8, 95.4 और 95 परसेंटेज पर टॉप टेन स्टूडेंट्स स्टैंड कर रहे हैं।
हर पोजिशन के दो दावेदार
हालांकि टॉप टेन की लिस्ट में 10 स्टूडेंट्स शामिल हैं, लेकिन उनके परसेंटेज पर गौर करें ते वे फस्र्ट फाइव पोजिशन की दावेदारी पेश कर रहे हैं। फस्र्ट पोजिशन पर 96.4 परसेंटेज के साथ बिशप के मानस अग्रवाल और सेंट फ्रांसिस के शशिकांत मिश्रा ने कब्जा जमाया है। वहीं सेकेंड पोजिशन पर 96.2 के साथ जीआरएम के हर्षवर्धन और पूजा करनानी ने ताल ठोकी है। थर्ड पोजिशन के लिए 95.8 परसेंट के साथ जीआरएम की प्रियांशु डुडेजा और केवी एनईआर इज्जतनगर के गौरीश गंगवार ने झंडा बुलंद किया है। फोर्थ पोजिशन पर 95.4 परसेंट के साथ केवी एनईआर इज्जतनगर की सपना तिवारी ओर बीबीएल के मुदित बंसल का कब्जा है।
एक पोजिशन पर तीन बच्चे
सबसे ज्यादा कांटे की टक्कर फिफ्थ पोजिशन के लिए हुई है। इस पोजिशन पर पर तो तीन स्टूडेंट्स ने अपनी दावेदारी बुलंद की है। 95 परसेंट के साथ जीआरएम के प्रखर तिवारी, बिशप कोनराड की करती अग्रवाल और आर्मी पब्लिक की सोनाक्षी बिश्वास ने इस पोजिशन पर झंडा गाड़ा है।
यह है पिक्चर
परसेंटेज स्टूडेंट स्कूल
96.4 मानस अग्रवाल बिशप कोनराड
96.4 शशिकांत मिश्रा सेंट फ्रांसिस
96.2 हर्षवर्धन जीआरएम
96.2 पूजा करनानी जीआरएम
95.8 प्रिंयाशी डुडेजा जीआरएम
95.8 गौरीश गंगवार केवी एनईआर, इज्जतनगर
95.4 सपना तिवारी केवी एनईआर, इज्जतनगर
95.4 मुदित बंसल बीबीएल
95.0 प्रखर तयाल जीआरएम
95.0 करती अग्रवाल बिशप कोनराड
95.0 सोनाक्क्षी बिश्वास आर्मी स्कूल
Bishop Conrad
Rest leave to God
सिटी और बिशप कोनराड के टॉपर मानस अग्रवाल हार्ड वर्क के साथ किस्मत पर भी उतना बिलीव करते हैं। उन्होंने साइंस में 96.4 परसेंट माक्र्स हासिल किए हैं। वह इंजीनियरिंग में अपना करियर बनाने चाहते हैं। कंसंट्रेशन के साथ पढ़ाई जरूरी है लेकिन रिफ्रेशमेंट के लिए एक्टिविटीज जरूरी जारी रखनी चाहिए। वह क्रिकेट के फैन हैं। उसे भी जारी रखा। कभी दोस्तों के साथ तो कभी टीवी पर।
St Francis
शशिकांत को यह तो यकीन था कि वह एग्जाम्स में अच्छा स्क ोर करेंगे पर सिटी टॉपर बनने पर उन्हें ज्यादा खुशी है। उन्होंने 96.4 परसेंट माक्र्स के साथ स्कूल में टॉप किया। शशांक को पढ़ाई के लिए दोस्त शोभित ने इंस्पायर किया। वह क्लास 8 तक एक एवरेज स्टूडेंट रहे पर उसके बाद उनकी फ्रेंडशिप शोभित से हुई और सब कुछ बदल गया। वह इंजीनियरिंग के बाद एमबीए करना चाहते हैं।
GRM
मेहनत का विकल्प नहीं
हर्षवर्धन ने 96.2 परसेंट माक्र्स के साथ स्कूल टॉप किया। उन्हें कम्प्यूटर गेम्स खेलना बहुत पसंद है। वह इंजीनियरिंग की तैयारी कर रहे हैं। पर उनका अल्टीमेट ऐम आईएएस क्वालीफाई करना है। उन्हें फुटबॉल खेलना भी अच्छा लगता है। वह अपनी सफलता का श्रेय अपने पेरेंट्स और टीचर्स को देते हैं। उनके मुताबिक, जब भी पढ़ें मन लगाकर पढ़ें। केवल किताब लेकर न बैठें।
BBL
उम्मीद से ज्यादा मिला
मुदित ने 95.4 परसेंट माक्र्स के साथ स्कूल टॉप किया। वह कहते हैं कि स्टूडेंट लाइफ में खूब मेहनत करो और फिर पूरी जिंदगी सक्सेस का मजा लो। मुदित की मानें तो उन्हें जब भी टाइम मिलता है, वह पढ़ाई ही करते हैं। चार्टर्ड एकाउंटेंट बनने के प्रिपे्रशन कर रहे मुदित को टीवी देखना भी अच्छा लगता है। मुदित मेहनत को ही सफलता की कुंजी मानते हैं। वह सफलता का श्रेय अपनी मां को देते हैं।
Army School
मस्ती भी जरूरी है
कॉमर्स में 95 परसेंट माक्र्स स्कोर करने वाली सोनाक्षी बिश्वास ने पढ़ाई के साथ-साथ जमकर मस्ती की। एचआर में करियर बनाने वाली सोनाक्षी ने कभी पढ़ाई की टेंशन नहीं ली। मस्ती करने के बाद जब मन किया पढ़ लिया। यही कारण है कि इस दौरान उसने अपनी हॉबी नहीं छोड़ी। सिंगिंग और क्लासिकल डांस उनकी हॉबी है। पढ़ाई के दौरान अपनी प्रैक्टिस नहीं छोड़ी।
KV JLA
मन लगाकर पढ़ें
केंद्रीय विद्यालय जेएलए की टॉपर निधि सिंह 94.4 परसेंट माक्र्स हासिल किए। वह सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनना चाहती हैं। निधि ने केमेस्ट्री में 96, मैथ्स व फिजिक्स में 95-95 और आईपी में 97 माक्र्स स्कोर किए हैं। उन्होंने हमेशा फोकस स्टडी पर ही ध्यान दिया और दूसरे स्टूडेंट्स को भी यही टिप्स देती हैं। उनका मंत्रा है कि जब भी पढ़ें फोकस्ड और कंसंट्रेट होकर पढ़ाई करें।
Wood Row
आईआईटी करना है
डेली 8 से 10 घंटा स्टडी करने वाले नीरज ने वुड रो से टॉप करके अपने पेरेंट्स का नाम रोशन किया है। नीरज ने 94.2 परसेंट माक्र्स गेन किए। नीरज को मैथ के पजल्स सॉल्व करने में खासा मजा आता है। आईआईटी में अपना करियर बनाने की ख्वाहिश रखने वाले नीरज को स्पोट्र्स में बहुत दिलचस्पी है। फ्री टाइम में फ्रेंड्स के साथ मस्ती करते हैं। सफलता का क्रेडिट पेरेंट्स और टीचर्स को देते हैं।
Madhav Rao Scindia
स्पेशल है ये सक्सेस
उज्जवल गुप्ता के लिए स्कूल टॉप करना कुछ ज्यादा स्पेशल है। उन्हें 92.2 परसेंट माक्र्स मिले। कुछ महीने पहले तक पेरेंट्स इस बात की उम्मीद छोड़ चुके थे कि वह बोर्ड एग्जाम दे सकेगा। उसका क्रिटिकल रोड एक्सीडेंट हो गया था। बैकबोन में फ्रैक्चर हो गया था। डॉक्टर्स ने 5 महीने तक टोटल बेड रेस्ट रिकमेंड कर दिया था लेकिन उसने वो कर दिखाया जो किसी ने सोचा भी नहीं था।
Sacred Hearts
डॉक्टर ही बनना है
87.6 परसेंट माक्र्स हासिल करने वाले भान प्रताप क ो जब स्कूल टॉप करने के बारे में पता चला तो उन्हें यकीन ही नहीं हुआ। उन्हें लगा दोस्त मजाक कर रहे हैं। पर स्कूल आए तो टीचर्स ने उन्हें बधाई दी। भान प्रताप कहते हैं कि वह ज्यादा से ज्यादा समय पढ़ाई में ही लगाते हैं। उनका ऐम कॉर्डियोलॉजिस्ट बनना है। वह इसी की तैयारी में लगे हुए हैं। कहते हैं, कामयाबी में मां-पापा का सबसे बड़ा हाथ है।
KV IVRI
हेड गर्ल से स्कू ल टॉपर
डीएल गंगवार और ममता गंगवार की बेटी शिखा को 86 परसेंट मिले। को भविष्य में चार्टर्ड एकाउंटेंट बनना है। शिखा लीडरशिप क्वालिटी के चलते स्कूल की हेड गर्ल हैं। उन्हें सोशल वर्किंग, डिबेट में पार्टिसिपेट करना बहुत अच्छा लगता है। शिखा सक्सेस का क्रेडिट अपने पेरेंट्स और टीचर्स को देती हैं। वह बताती हैं कि उन्होंने कोचिंग नहीं ली है। स्कूल की पढ़ाई और सेल्फ स्टडी से ही सफलता मिली।
I am a writer
पूजा करनानी क इतने अच्छे माक्र्स आने की बिल्कुल भी उम्मीद नहीं थी। पूजा कहती हैं कि उन्हें मैथ्स के एग्जाम से पहले चिकनपॉक्स हो गया था। इससे पढ़ाई नहीं हो पाई थी। पूजा को राइटर या पोएट बनना है। उन्हें 2010 और 2011 में दो बार इपिक लिटरेरी रिव्यू की ओर से इंटरनेशनल अवॉर्ड भी मिल चुका है। पूजा क ो रिजल्ट के बारे में दिल्ली से उनकी मासी ने बताया था। वह रिजल्ट पता चलते ही अपने मां-पापा के साथ स्कूल पहुंच गई थीं। वह डीयू से बीक ॉम ऑनर्स करना चाहती हैं।
गमगीन दिखा माहौल
जीआरएम की ख्याति भटनागर ने 90 परसेंट माक्र्स स्कोर किए। उसे अच्छे रिजल्ट की खुशी तो हुई पर एक कसक मन में जरूरी रही। रिजल्ट से एक दिन पहले ही ख्याति के साथ ऐसी ट्रैजेडी हुई कि उसकी दुनिया बदल गई। दरअसल, संडे को एक रोड एक्सीडेंट में ख्याति के मां-पापा नहीं रहे। स्कूल में न तो मिठाइयां बंटी, न ही जश्न हुआ। रिजल्ट निकलने पर बच्चे स्कूल पहुंचे और डायरेक्टर राजेश अग्रवाल से आशीर्वाद लेकर और दोस्तों से मुलाकात करके ही वापस चले गए। डायरेक्टर राजेश अग्रवाल ने बताया कि ख्याति ने काफी अच्छे माक्र्स स्कोर किए हैं। उसके कम्प्यूटर साइंस में 86, इंग्लिश में 84, मैथ्स में 95, फिजिक्स में 90 और केमेस्ट्री में 95 माक्र्स स्कोर किए हैं।
एक घंटे पहले आए रिजल्ट ने चौंकाया
सीबीएसई ने 12वीं के रिजल्ट का डिक्लेरेशन टाइम 11 बजे दिया था। लेकिन बोर्ड ने एक घंटे पहले 10 बजे ही रिजल्ट डिक्लेयर कर सबको चौंका दिया। फिर क्या था मॉर्निंग से ही वेबसाइट और मोबाइल पर रिजल्ट जानने के लिए नजरे गड़ाए स्टूडेंट्स एक्टिव हो गए। मैसेज और फोन के जरिए सभी ने अपने फ्रेंड्स को रिजल्ट डिक्लेयर होने की इंफोरमेशन देनी शुरू कर दी। मोबाइल और नेट जिसको भी जहां सहूलियत मिली वहीं पर रिजल्ट जानने के लिए जुट गया। बटलर प्लाजा, कैंट, सिविल लाइंस के साइबर कैफे में स्टूडेंट्स की भीड़ जुटनी शुरू हो गई।
स्कूलों को करनी पड़ी मशक्कत
हालांकि रिजल्ट एक घंटे पहले डिक्लेयर हो गया था। स्टूडेंट्स इंडीविजुअली अपनी रिजल्ट तो देख पा रहे थे, लेकिन स्कूलों को अपने सभी स्टूडेंट्स के रिजल्ट देखने में काफी मशक्क्त करनी पड़ी। रिजल्ट डिक्लेयर होने के दो घंटे बाद ही उन्हें अपने स्टूडेंट्स की कुछ स्थिति साफ होते नजर आई। बल्क में रिजल्ट निकालने की वजह से सर्वर बार-बार बैठ जा रहा था। करीब तीन घंटे के इंतजार के बाद ही सर्वर स्मूथली फंक्शन करने लगा। बिशप, केंद्रीय विद्यालय, बीबीएल, जीआरएम समेत सभी स्कूलों में यही प्रॉबलम बनी रही।
आई नेक्स्ट से पूछा रिजल्ट
रिजल्ट डिक्लेयर होने के साथ ही आई नेक्स्ट की हेल्पलाइन सेवा पर भी सुबह से फोन घंनघनाने लगे। स्टूडेंट्स समेत उनके पेरेंट्स भी फोन कर रिजल्ट जानने के लिए इच्छुक थे। कोई रिजल्ट के डिक्लेेयर की टाइमिंग पूछ रहा था तो कोई सिटी टॉपर के बारे में। ज्यादातर उनके फोन आए जो नेट की सुविधा न होने की वजह से अपना रिजल्ट नहीं जान पाए। उनके लिए आई नेक्स्ट ने हेल्प डेस्क के सहयोग से नेट के थ्रू उनको रिजल्ट बताया।
स्कूल-कालोनी में सेलिब्रेशन
जैसे-जैसे स्टूडेंट्स को अपना रिजल्ट मालूम चला वे स्कूल और कालोनीज में अपनी इस खुशी को बांटने लगे। सबसे पहले फ्रेंड्स और टीचर्स को मोबाइल से बताया गया। घर में मिठाइयां आईं। उनके पेरेंट्स ने कालोनी के सभी बाशिंदों के साथ मिठाई खिलाकर यह खुशियां बांटीं। यही नहीं स्टूडेंट्स ने स्कूल के सभी टीचर्स, प्रिंसिपल समेत कर्मचारियों के बीच भी मिठाइयां बांट कर अपनी खुशी का इजहार किया। प्रिंसपिल और टीचर्स का उन्होंने अशीर्वाद लिया।