बरेली(ब्यूरो)। एमजेपीआरयू के शोध निदेशालय के सभागार में 18 जून को होने वाली रिसर्च प्रवेश परीक्षा के लिए बैठक हुई। बैठक में बताया गया कि विवि को कुल 40 विषयों में शोध के लिए चार हजार आवेदन प्राप्त हुए हैं। इसमें तकरीबन 10 छात्र विदेश से हैं। परीक्षा के लिए सात केंद्र बनाए गए हैं, जिसमें तीन केंद्र विवि कैंपस, एक केंद्र लखनऊ, एक केंद्र मुरादाबाद, एक केंद्र गाजियाबाद में बनाया गया है।
दो पालियों में होगा एग्जाम
दो पाली में होने वाली परीक्षा में 100-100 बहुविकल्पीय प्रश्न पूछे जाने हैं। पहली पाली में सामान्य ज्ञान, रिसर्च और कंप्यूटर से संबंधित( सभी के लिए अनिवार्य) पेपर होगा। दूसरी पाली में विषय संबंधी पेपर होगा। बैठक में कुलपति प्रो। केपी ङ्क्षसह ने बताया कि विश्वविद्यालय के फैकल्टी आफ इंजीनियङ्क्षरग एंड टेक्नोलाजी में पहले कंप्यूटर साइंस विषय में ही शोध की सुविधा उपलब्ध थी, लेकिन अब फैकल्टी आफ इंजीनियङ्क्षरग एंड टेक्नोलाजी में स्थित सभी विभागों में शोध की सुविधा उपलब्ध होगी। यही नहीं आयुर्वेद के 10 विषयों में भी शोध की सुविधा उपलब्ध होगी। इसके लिए अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान सहित अनेकों प्रतिष्ठित संस्थानों से अभ्यर्थियों ने आवेदन किया है।
10 विषयों में शोध की सुविधा
सरकारी विभागों में कार्यरत कर्मचारियों के लिए पार्ट टाइम पीएचडी की सुविधा भी विश्वविद्यालय में उपलब्ध कराई गई है। सिविल सेवा में कार्यरत अधिकारियों एवं 10 वर्ष की सेवा पूर्ण कर चुके सेना के अफसरों को भी शोध में शामिल करने का प्रावधान किए गए हैं। शोध निदेशक प्रो। सुधीर कुमार ने परीक्षा को नकल विहीन एवं शांतिपूर्ण संपन्न कराने के लिए आवश्यक निर्देश एवं जानकारी सभी केंद्र अधीक्षकों एवं पर्यवेक्षकों को दी जा चुकी है। सह- शोध निदेशक डा। संजीव त्यागी, डॉ। अवनीश अग्रवाल, डॉ। बृजेश कुमार, डॉ। गौरव राव, सहायक निदेशक डॉ। ललित पांडेय एवं डा। विनोद गंगवार आदि रहे।