- टोबैको के बिजनेस से जुड़े हैं 500 से अधिक लोग

- दिन ब दिन बढ़ती ही जा रहा इसका बिजनेस, दुकानें भी बढ़ रही हैं

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BAREILLY: फ्क् मई को पूरी दुनिया में 'व‌र्ल्ड नो टोबैको डे' मनाया जाता है। मकसद की टोबैको के सेवन से होने वाली मौतों के बढ़ते आकड़े को रोका जा सके, लेकिन तमाम कोशिशों के बाद भी रिजल्ट ज्यादा राहत वाला नहीं मिल रहा है। एक तरफ टोबैको प्रोडक्ट की खपत कम करने के लिए तमाम तरह के टैक्स लगाए जा रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ इन सबके बावजूद भी टोबैको प्रोडक्ट्स की खपत का आकड़ा दिनों दिन नए रिकार्ड बनाता जा रहा है। अंदाजा इस बात से ही लगाया जा सकता है कि बरेली शहर में ही रोज औसतन लोग एक करोड़ की 'मौत' निगल रहे हैं। सिगरेट, गुटखा, खैनी और जर्दा जैसे प्रोडक्ट की सेल यहां पर डेली का एक करोड़ का बिजनेस बताया जा रहा है।

एक करोड़ का टर्नओवर

अब इसे जिम्मेदारों की अनदेखी कहिए या फिर लोगों की अनअवेयरनेस, टोबैको प्रोडक्ट की खपत का आकड़ा करीब एक करोड़ तक रोजाना पहुंच गया है। इस धंधे से जुड़े हुए लोग एक मोटे अनुमान के आधार पर बताते हैं कि दो साल पहले टोबैको प्रोडक्ट का डेली की खपत करीब 70 लाख रुपए थी, जो बढ़कर एक करोड़ के करीब पहुंच गई है। व्यवसायी बताते हैं कि सिटी में क्00 बोरी से अधिक गुटखा लोग खाकर थूक दे रहे हैं। वहीं 80 हजार सिगरेट का पैकेट रोजाना कंज्यूम हो रहा है। यहीं नहीं जर्दा, बीड़ी, पान, खैनी की भी जमकर खपत है।

बढ़ती जा रही दुकानें

शहर में इन प्रोडक्ट्स को बेचने वाली दुकानें बहुत तेजी के साथ बढ़ती जा रही हैं। वजह इन इनकी बढ़ती मांग। कुछ समय पहले एक एरिया में एक-दो दुकानें ही हुआ करती थीं, लेकिन अब गली-मोहल्लों में कई-कई दुकानें तंबाकू की हैं। जहां 'मौत' बेची जा रही है। व्यवसायियों के मुताबिक सिटी में करीब भ्00 से ज्यादा गुटखा-पान की दूकानें हैं। गौर करने वाली बात यह है कि इस तरह की दुकानों पर किसी भी तरह की कोई रोक टोक नहीं है।

जहां मन हुआ खोल ली दुकान

सिस्टम के फेल्योर का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि, लोगों का जहां पर मन हुआ वहां पर पान-गुटखा की दुकान खोल ली। न कोई रोकने वाला न कोई टोकने वाला। यही रीजन है कि इनकी दुकानों और खपत दोनों की संख्या में बढ़ोत्तरी का आकड़ा तेजी से बढ़ता जा रहा है.

रोजाना का प्रोडक्ट और बिजनेस

प्रोडक्ट - खपत - बिजनेस

सिगरेट - 80 हजार पैकेट - ख्भ् लाख रुपए

जर्दा - क्भ् हजार डब्बा - ब्भ् लाख रुपए

खैनी - ब्0 हजार पैकेट - ख् लाख रुपए

पान - क्फ्00 ढेली - भ् लाख रुपए

गुटखा - क्00 बोरी - फ्0 लाख रुपए

बीड़ी - क्700 बड़ा पैकेट - ख् लाख रुपए

नोट - जैसा ही बिजनेस से जुड़े लोगों ने बताया।

यहां पर टोबैको का बिजनेस अच्छा खासा है। सिर्फ सिगरेट और जर्दा का ही बिजनेस 70 लाख डेली का है। पिछले कुछ सालों में इसका बिजनेस काफी बढ़ा है।

राजेंद्र गुप्ता, महामंत्री, यूपी उद्योग व्यापार मंडल

होलसेल का बिजनेस कुतुबखाना और श्यामगंज है। यही से पूरे शहर और आस-पास के एरिया में भी सिगरेट, पान और अन्य चीजों की सप्लाई होती है। इसकी खपत में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है।

आकाश दीप, होलसेलर

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