आसमान से गिरे तो खजूरपे अटके
12वीं के रिजल्ट्स आने के बाद स्टूडेंट्स को चिंता एडमिशन की है। ग्रेजुएशन की कट ऑफ मेरिट की बात करें तो थर्ड लिस्ट में 60 परसेंट तक आते-आते सीटेंं फु ल हो जाती हैं। वहीं साइंस में तो 70 परसेंट पाने वालों को भी मुश्किल से ही एडमिशन मिल पाता है। ऐसे में सबसे बड़ी समस्या सेकेंड और थर्ड डिविजनर्स के सामने है।

आखिर एडमिशन लें तो कहां?
प्राइवेट पढ़ाई को मजबूर

कट ऑफ का इंतजार करते-करते इतना समय भी बीत चुका होता है कि ये स्टूडेंट्स किसी अन्य ऑप्शन के बारे में सोच भी नहीं पाते हैं। ऐसे में कई बार इनका साल खराब होता है। तमाम स्टूडेंट्स को प्राइवेट फॉम्र्स डालकर पढ़ाई करनी पड़ती है। कुछ स्टूडेंट्स तो पढ़ाई छोड़ तक देते हैं। कुल मिलाकर कई बार तो फस्र्ट डिविजनर्स को भी मनपसंद स्ट्रीम पाने के लिए काफी संघर्ष करना पड़ता है। या फिर उन्हें सेकेंड या थर्ड ऑप्शन के साथ सैटिस्फाई होना पड़ता है।

साइंस स्ट्रीम में संघर्ष ज्यादा
12वीं में सेकेंड या थर्ड डिविजनर्स स्टूडेंट्स को एडमिशन के लिए तमाम जद्दोजहद करनी होती है। इनमें साइंस साइड के स्टूडेंट्स के लिए यह संघर्ष और भी बढ़ जाता है। वह चाहे किसी भी बोर्ड से क्यों न हों। स्टूडेंट्स भी इसे लेकर काफी आश्वस्त हैं कि उन्हें आसानी से एडमिशन नहीं मिलेगा। पर सवाल यह है कि जब सेकेंड और थर्ड डिविजनर्स के लिए एडमिशन मिलना ही मुश्किल होता है तो बोर्ड उन्हें पास ही क्यों करता है।

यूपी बोर्ड की है अलग समस्या

सीबीएसई और आईसीएसई के सामने यूपी बोर्ड के स्टूडेंट्स की एडमिशन स्ट्रगल और भी बढ़ जाती है। दरअसल, यूपी बोर्ड में फस्र्ट डिवीजन पाने वालों की संख्या काफी कम होती है। 2012 के रिजल्ट में बरेली से यूपी बोर्ड के 12वीं में विद ऑनर्स पास होने वालों की संख्या मात्र 1058 है। वहीं आईएससी और सीबीएसई के 75 परसेंट माक्र्स पाने वालों की संख्या इससे कहीं ज्यादा रही है।

कट ऑफ लिस्ट
बरेली के मोस्ट वांटेड कॉलेज बरेली कॉलेज की ईयर 2011 की कट ऑफ लिस्ट
बीएससी बायो     70.13 परसेंट
बीएससी मैथ      77.12 परसेंट
बीकॉम            78.09 परसेंट
बीए               61.65 परसेंट

इसकी शुरुआत तो बेसिक एजुकेशन से ही हो जाती है। यहां से सभी को पास करने का जो प्रावधान है, उसी का नतीजा है कि स्टूडेंट आगे चलकर बड़ी संख्या में पासआउट तो होते हैं पर उनमें गुणवत्ता की कमी होती है। ऐसे में स्टूडेंट्स को हायर स्टडीज में एडमिशन मिलने में प्रॉब्लम होती है। और एडमिशन न मिलने से स्टूडेंट्स में फ्रस्ट्रेशन पैदा होता है और बेरोजगारी भी बढ़ती है।
-डॉ। यशपाल, एजुकेशन एक्सपर्ट

प्रैक्टिकल सब्जेक्ट्स में अच्छे माक्र्स एचीव करने और एग्जामनर्स के पास कॉपी चेकिंग का एक्स्ट्रा लोड होने की वजह से स्टूडेंट्स का सही-सही इवैल्युएशन नहीं हो पाता है। ऐसे में कई बार अच्छे स्टूडेंट्स को भी कम माक्र्स मिलते हैं और उसे हायर स्टडीज में एडमिशन लेने में प्रॉब्लम होती है। अगर सेकेंड्री एजुकेशन में भी क्वालिटी पर खास ध्यान दिया जाए तो ऐसी नौबत नहीं आएगी।
-डॉ। राकेश आजाद, एजुकेशन एक्सपर्ट

मेरिट से एडमिशन होने की वजह से ग्रेजुएशन में एडमिशन मिलना काफी मुश्किल हो रहा है। 60 परसेंट माक्र्स एचीव करने के बाद भी बीएससी में एडमिशन मिलना बहुत ही मुश्किल लग रहा है। हर बार कट ऑफ लिस्ट हाई जाती है इसलिए अब तो कुछ और ऑप्शन चूज करना पड़ेगा।
- वैशाली वर्मा, स्टूडेंट

मैं साइंस की स्टूडेंट हूं। 12वीं में मेरे 60 परसेंट माक्र्स आए हैं। मैं बरेली कॉलेज से बीएससी करना चाहती हूं पर लास्ट ईयर की मेरिट देखकर मुझे लगता नहीं है कि मुझे एडमिशन मिल पाएगा। अब तो इस बात पर फोकस करना है कि कहां एडमिशन मिलेगा।
- मेहनाज फातिमा, स्टूडेंट

कहने को तो फस्र्ट डिवीजन से पास हुई हूं। घर में इसका जश्न भी मन गया। पर अब चिंता यह है कि मुझे बीएससी में एडमिशन कैसे मिलेगा। बीएससी एडमिशन के लिए तो मेरिट भी काफी हाई होती है। पता नहीं कॉलेजेज में सीट क्यों बढ़ाई नहीं जा रही हैं।
- इरम कुरैशी, स्टूडेंट

जब तक 70 परसेंट से ज्यादा माक्र्स न आएं, तब तक बीएससी में एडमिशन मिलना बहुत मुश्किल है। अब तो लगता है कि सेकें ड डिवीजन से तो मुझे पास ही नहीं होना चाहिए था। फेल हो जाती तो अच्छा रहता। कम से कम एडमिशन की चिंता तो नहीं रहती।
- हिना गुलाब, स्टूडेंट

टॉपर्स ने पकड़ी दिल्ली की राह
मुझे आईआईटी से इंजीनियरिंग करना है। इसके लिए कानपुर में रहकर तैयारी करने का मन बना लिया है। इसके लिए प्रोफेसर्स का चुनाव भी कर लिया है। बरेली में मुझे कोई स्कोप नजर नहीं आता।
- गौरव कौशल, स्टूडेंट

मेरी डीयू कॉलेज से बीएससी ऑनर्स करने की पूरी तैयारी है। बस फॉर्म जारी होने का इंतजार है। कॉलेज का भी चुनाव कर लिया है। सेंट स्टीफेंस कॉलेज पहली पसंद है। लास्ट ईयर का कट ऑफ मालूम है। एडमिशन होने की पूरी उम्मीद है।
- अंकित गंगवार, स्टूडेंट

मुझे ऑर्मी में जाना है। इससे पहले मैं बीएससी ऑनर्स करना चाहता हूं। ऑनर्स कोर्सेज के लिए दिल्ली फेमस है। साथ ही प्लेसमेंट के अवसर भी वहां पर ज्यादा हैं। इसलिए मैने दिल्ली जाने के लिए पूरा मन बन लिया है।
- अभिषेक वर्मा, स्टूडेंट

मुझे बीएससी ऑनर्स कोर्स करना है। स्पेशलाइज्ड कोर्स के लिए दिल्ली के कॉलेज बेहतर माने जाते हैं। इसलिए मैने वहां के कॉलेजेज का चुनाव किया है। पढ़ाई का स्टैंडर्ड भी हाई रहता है।
- अभिषेक गंगवार, स्टूडेंट

मैं आईआईटी से इंजीनियरिंग करने के बाद सिविल सर्विस में जाना चाहती हूं। तैयारी के लिए मैने दिल्ली की एक कोचिंग का चुनाव कर लिया है। बात भी हो गई है। पेरेंट्स को भी मना लिया है। वहां पर तैयारी का ज्यादा स्कोप है।
- पारुल गंगवार, स्टूडेंट

रिजल्ट के बाद अब एडमिशन की दौड़
सीबीएसई, आईएससी और यूपी बोर्ड के इंटर का रिजल्ट डिक्लेयर होने के बाद अब एडमिशन के लिए स्टूडेंट्स की भागदौड़ शुरू हो गई है। सीटें कम हैं और स्टूडेंट्स ज्यादा। लिहाजा स्टूडेंट्स की नजरें एक से ज्यादा कॉलेजों पर टिक गई हैं।
 
42 हजार से ज्यादा की टेंशन
डिस्ट्रिक्ट में इंटर पासआउट करीब 42 हजार से ज्यादा स्टूडेंट्स हैं। यूपी बोर्ड के सबसे ज्यादा 36,748 हैं। सभी की नजरें प्रमुख कॉलेजेज के यूजी कोर्सेज पर टिकी हैं। अधिकांश स्टूडेंट्स बीए, बीकॉम और बीएससी जैसे जनरल कोर्सेज में एडमिशन लेने की फिराक में हैं। जबकि इन कोर्सेज की सीटों की बात करें तो 5 गुने से भी कम हैं।

सिटी के प्रमुख कॉलेजों की सीटें
कॉलेज                  बीए      बीएससी      बीकॉम        बीकॉम ऑनर्स
बीसीबी                1840       1600      1040
साहू राम स्वरूप         720
अवंतीबाई राजकीय     540        120       120
आर्य कन्या महाविद्यालय 400
केसीएमटी                240       120                            60
महाराजा अग्रसेन                     480       160                80
सूरज भान                             180        60
जमुना प्रसाद             160        160       160
खुसरो मेल              1440        640       640
रीजनल कॉलेज                                    160              160

Report by: Abhishek Singh, Nidhi Gupta