- सत्यापन के लिए यूनिवर्सिटी में भेजी गई थीं
- इनमें से एक मार्कशीट शिक्षामित्र की है
BAREILLY: आरयू का फर्जी मार्कशीट के साथ नाता पुराना नहीं है। अक्सर यूनिवर्सिटी की फर्जी मार्कशीट पकड़ी जाती हैं। आरयू भी अपने स्तर से इस संबंध में कोई कार्रवाई ना कर अपना पल्ला झाड़ लेता है। एक बार आरयू की फर्जी मार्कशीट पकड़ी गई हैं। कैंपस में ही फर्जी मार्कशीट पकड़ी गई। जॉब के सिलसिले में ये मार्कशीट सत्यापन होने के लिए आई थीं। सत्यापन के दौरान इनके रिकॉर्ड फर्जी मिले। आरयू अब इनके विभाग को फर्जी मार्कशीट के रिलेटेड पूरी डिटेल भेजने की तैयारी कर रहा है।
एक शिक्षामित्र भी
जो तीन मार्कशीट फर्जी पाई गई है उनमें से दो प्राइवेट जॉब की कंपनी की तरफ से सत्यापन के आई थीं तो एक शिक्षामित्र पूरनमल की थी। जिसकी नियुक्ति बदायूं में सहायक अध्यापक पद के लिए हुआ है। उसने आरयू की बीए की फर्जी मार्कशीट लगाई थी। जबकि बाकी दो मार्कशीट बीए और बीकॉम की हैं। गोपनीय विभाग ने इनके रिकॉर्ड खंगाले तो कई प्रकार की गड़बडि़यां मिलीं। मार्क्स में भी बड़े पैमाने पर हेरफेर किया गया था। वहीं मार्कशीट के प्रारूप और रंग में भी काफी डिफ्रेंस था। गोपनीय विभाग ने अपनी रिपोर्ट में इन तीनों मार्कशीट को फर्जी करार दिया है।
आरयू महज दे रहा इंफॉर्मेशन
आरयू के नाम की फर्जी मार्कशीट है। लेकिन यूनिवर्सिटी अपने स्तर से कोई कार्रवाई नहीं कर रही है। वह महज इन मार्कशीट की रिपोर्ट डिटेल समेत संबंधित विभाग को भेज देगा। रजिस्ट्रार एके सिंह ने बताया कि हमारे स्तर से यह मामला नहीं बनता। सत्यापन के लिए आई थीं। सत्यापन कर जो भी डिटेल है वह हम संबंधित विभाग को भेज देंगे।