बहेड़ी/छंगाटांडा, आंवला: बारिश से बर्बाद हुए किसानों की सदमें में सांसे उखड़ने का सिलसिला थम नहीं रहा है। रिठौरा, बहेड़ी और आंवला में तीन और किसानों की मौत का मामला सामने आया है।

बर्बाद फसल उठाते ही गिर पड़ा

बंजरिया गांव का 60 वर्षीय किसान वहीद अहमद पुत्र गुलाम रसूल ने दो दिन पहले मसूर काटकर खेत में छोड़ दिया था। रात में बारिश होने पर वह पत्‍‌नी रईसन के साथ सुबह 8 बजे खेत पर गया तो वहां जाकर देखा खेत में पड़ी मसूर बारिश से खराब हो गई है। पिछले दिनों हुई बारिश से गेहूं की फसल पहले ही चौपट हो चुकी थी। खेत में खराब हो चुकी मसूर को उठाते समय अचानक उसकी तबीयत बिगड़ने लगी और वह बेहोश होकर वह वहीं खेत में गिर पड़े। आसपास मौजूद लोग जब तक मौके पर पहुंचते उसकी सांसे थम चुकी थी। बताते हैं कि उस पर किच्छा एसबीआई और साधन सहकारी समिति का फसल पर लिया लोन है, जिससे वह तनाव में रहता था।

सुबह फसल देखने गया था

थाना हाफिजगंज के गांव संतोषपुर निवासी रामस्वरूप पुत्र मुन्नालाल 60 बर्श की गेहूं की फसल पूर्व में हुई ओलों के साथ बारिश ने गिरा दिया था। किसी प्रकार बर्बाद फसल को उसने बचाया भी था कि एक बार फिर हुई बारिश से बची फसल भी बर्बाद हो गई। फ्राइडे की सुबह सात बजे रामस्वरूप खेत गया, जहां फसल देखकर उसे सदमा लग गया और वहीं गिर पड़ा, जिससे मौके पर ही मौत हो गई।

खेत में ही गिर गया

आंवला में ग्राम गैनी का नेमचन्द उर्फ भूरे कश्यप 32 थर्सडे को अपने खेत पर फसल देखने गया था, वापस लौटा तो उसकी अचानक तबीयत खराब हो गयी। परिजन उसे लेकर बरेली गए, लेकिन वहां पर उसकी मौत हो गयी। मृतक के पास मात्र पौन बीघा जमीन है, जिसमें वह गेहूँ बोए थे। इस फसल पर उसकी पत्‍‌नी व चार बच्चों की वर्ष भर की उम्मीदों के साथ स्वयं के इलाज की भी उम्मीदें टिकी थी, लेकिन मौसम की मार न उसे बर्बाद कर दिया।