सभी टोटके फेल

लास्ट मंथ पब्लिक को अवेयर करने के लिए ट्रैफिक पुलिस ने ट्रैफिक वीक और इसी महीने ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट ने परिवहन सप्ताह ऑर्गनाइज किया लेकिन सब बेअसर साबित हुए। पहले पुलिस के अधिकारी संसाधनों का रोना रोते थे लेकिन पिछले महीने नए रिक्रूट्स के पुलिस में शमिल हो जाने से उनकी ये परेशानी दूर हो गई। इसके बावजूद प्रॉब्लम जस की तस बनी हुई है।

कैमरा देखते ही मुस्तैद

मंडे को जब आई नेक्स्ट ने असलियत की पड़ताल की तो स्थिति चौंकाने वाली निकली। आईवीआरआई क्रॉसिंग पर पुलिस के जवानों ने आई नेक्स्ट के फोटो जर्नलिस्ट को फोटो खींचते हुए देखा तो जाम हटवाने में मुस्तैद हो गई। लोगों ने बताया, जब कभी जाम लग जाता है तो पुलिस नहीं दिखती। कैमरे का कमाल है कि पुलिस दिख रही है।

नॉवेल्टी : सड़क बनी parking

कुतुबखाने पर मौजूद लोगों ने बताया कि यहां जाम की सबसे बड़ी वजह सड़क के किनारे कैसेट्स की दुकान और रोडवेज की बसें हैं। बसें सड़क पर ही खड़ी हो जाती हैं। यहां पुलिस का आना-जाना लगा रहता है लेकिन इस समस्या का समाधान करने वाला कोई नहीं है।

IVRI crossing over bridge जरूरी

आईवीआरआई क्रॉसिंग पर पैसेंजर्स भरने के वाहन रोड पर ही खड़े हो जाते हैं। इससे जाम लग जाता है। काफी समय से ओवर ब्रिज की बात चल रही है लेकिन बन नहीं पा रहा। लोगों ने बताया कि यहां तब तक कोई सुधार नहीं हो सकता जब तक यहां और कुदेशिया रेलवे क्रॉसिंग पर ओवर ब्रिज नहीं बन जाता। अमूमन पुलिस यहां कम ही दिखती है। जब पुलिस ही सतर्क नहीं है तो जाम से कैसे निजात मिलेगी।

चौपुला: सड़क पर भरते हैं passengers

शहामतगंज और चौपुला में सड़क घेर कर पैसेंजर्स बैठाते वाहन दिखे। यही जाम की मेन वजह हैं। यहां लोगों ने बताया कि पुलिस तो यहां रोजाना दिखती है लेकिन जब किसी वीवीआईपी का आना होता है तब ज्यादा मुस्तैद दिखाई देती है।

क्या है solution?

-वन वे पर सख्ती बरते पुलिस।

-जाम लगने वाली जगह पर हो एडिशनल ट्रैफिक पुलिस।

-सड़क पर एनक्रोचमेंट करने वाले शॉप कीपर्स पर सख्ती हो।

-बसें रोड पर पैसेंजर्स न भरें।

-सड़क पर रोक कर पैसेंजर भरने वाले वाहनों के अगेंस्ट हो ऐक्शन।

-रेलवे कुदेशिया क्रॉसिंग और आईवीआरआई क्रॉसिंग पर ओवर ब्रिज जल्दी बने।

न कभी शहर के ट्रैफिक में सुधार हुआ है और न होने की संभावना है। इसके पीछे सबसे बड़ी वजह पुलिस का उदासीन रवैया है।

-सरताज हुसैन, स्टूडेंट

पुलिस वालों को जाम में फंसे लोगों की परेशानी से क्या लेना देना। जब सर्दियों में ये हालात हैं तो गर्मी में क्या होगा? इसका तो भगवान ही मालिक है।

-आकांक्षा, स्टूडेंट

जाम की वजह से पिछले साल मेरा बीटेक का पेपर छूट गया था। शहर का जाम केवल कागज पर लिखने से खत्म नहीं हो सकता। उसके लिए एडमिनिस्ट्रेशन को कुछ प्रयास तो करने ही होंगे।

-गहना, स्टूडेंट

जहां जिसका मन आता है गाड़ी पार्क कर देता है। ऑटो वाले सड़क पर ही लोगों को बैठाते हैं। पुलिस भी उन्हें नहीं रोकती। ऐसे में जाम से निजात कैसे मिलेे? पुलिस से हमें कोई उम्मीद नहीं है।

-पूजा, सर्विसवुमन

हार्टमैन रेलवे क्रॉसिंग पर रेलवे गार्डर बनवा रहा है। वैसे तो यह यूपी गवर्नमेंट का काम है। पुल के लिए उन्हें फंड सेंक्शन करना चाहिए। जब सरकार मदद करेगी, तब रेलवे भी प्रोजेक्ट को पूरा सहयोग देगा।

-राजेंद्र सिंह, पीआरओ, एनईआर, इज्जतनगर मंडल

पुलिस अपने स्तर से हमेशा ठोस कार्रवाई करती है लेकिन जब तक बीडीए और नगर निगम पार्किंग के लिए स्थानों का चयन नहीं करेगा, तब तक जाम से परमानेंट सॉल्यूशन नहीं मिल सकता। हम फिर भी हमेशा अपनी तरफ से पूरी कोशिश करते हैं कि कहीं जाम न लगे। आगे भी ट्रैफिक को स्मूद करने के लिए पूरे एफट्र्स करते रहेंगे।

-अतुल सक्सेना, एसपी सिटी