- बजट की पूर्व संध्या पर शहर के मार्केट में शॉपकीपर्स कस्टमर्स की राह देखते रहे
- बजट से राहत मिलने की उम्मीद में कस्टमर्स ने शॉपिंग पर लगा रखा है ब्रेक
BAREILLY:
आम बजट का पिटारा अभी खुलने में चंद घंटे शेष हैं। लेकिन आम बजट में कहां क्या होने वाला इसके लिए कयासों का बाजार फ्राइडे से ही गर्म हो गया है। आम बजट पर लोगों की उम्मीदें कुछ इस कदर हावी हैं कि पब्लिक ने बजट पेश होने तक बाजार से किनारा कर लिया है, जिससे शहर के मुख्य बाजार जो कि कस्टमर्स की भीड़ से ठसाठस भरे रहते थे। वहां दुकानें तो खुलीं लेकिन खरीददार नदारद रहे। शॉपओनर्स का मानना है कि बजट में लोगों को टैक्सेशन कम होने की उम्मीद है। लिहाजा, बाजार में करीब हफ्ते भर से बिक्री कम हो गई है। इसमें गैजेट्स, गुटखा, सिगरेट, फोर व टू व्हीलर्स समेत कपड़ों की बिक्री पर असर पड़ा है। वहीं, बजट की पूर्व संध्या पर आई नेक्स्ट ने क्या रहा बाजार का हाल आइए आपको बताते हैं
सस्ते का फेर कहीं पड़ न जाए मंहगा
आम बजट की घोषणा से पहले ही बाजार से कस्टमर्स की रौनक कम हो गई है। कस्टमर्स के अनुसार नवनिर्वाचित सरकार से सस्ते का तोहफा मिलने वाला है। ऐसे में बजट तक इंतजार करने में कोई हर्ज नहीं है। जबकि बिजनेसमेन का मानना है कि लोगों को सस्ते की उम्मीद करना बेकार है.रेल बजट से जनता को कोई खास फायदा नहीं हुआ। ऐसे में सरकार आम बजट में भी सस्ते का कोई प्रावधान नहीं रखेगी, क्योंकि घोषणाओं को पूरा करने के लिए राजस्व चाहिए। जो कि टैक्सेशन की दर बढ़ाकर ही हासिल की जा सकती है। ऐसे में कस्टमर्स को दो तरफा नुकसान हो सकता है। पहला तो वह सस्ते बजट के फेर में महंगी शॉपिंग करेंगे। तो दूसरा उन्हें पिछले कई दिनों से मुनाफा न कमाने वाले शॉपकीपर्स आइटम्स के ऊंची कीमतों पर बेचकर भरपाई करेंगे।
सिगरेट हो गई धुआं, राशन फीका
आम आदमी की रगों में 'जहर' घोल रहे उत्पादों पर टैक्सेशन की दर बढ़ने की उम्मीद हैं। ऐसे में दुकानदारों ने पान, गुटखा, खैनी, सिगरेट जैसे अन्य उत्पादों को स्टॉक कर लिया है। ताकि कम कीमतों पर खरीदे गए उत्पादों को बजट में मंहगाई के अनुसार मुनाफे में बेचा जा सके। गौरतलब है कि गुमटियों में तो सिगरेट व अन्य सामान बिक रहे थे। लेकिन बड़े दुकानदारों करीब हफ्ते भर से स्टॉक न होने की बात कर रहे हैं। वहीं, दूसरी ओर राशन के थोक खरीददार भी नदारद हैं। थोक व्यापारी मदनलाल के अनुसार करीब माह भर से कस्टमर्स कम होना शुरू हो गए थे। वहीं करीब हफ्ते भर से दो चार खरीददार ही आ रहे हैं। क्योंकि लोगों पर सस्ते राशन की उम्मीद हावी है।
गैजेट्स हुए स्विच ऑफ
शहर की सबसे बड़ी इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स की मार्केट बटलर प्लाजा में पिछले कुछ दिनों से चहल-पहल कम होती जा रही थी। वहीं, बजट की पूर्व संध्या पर मार्केट काफी हद तक सुनसान रही। बटलर प्लाजा और डीडीपुरम में दुकानें तो ओपन रहीं। लेकिन कस्टमर्स ने कदम पीछे खींच लिए हैं। शॉपओनर्स के अनुसार टेक्नोलॉजी के जरिए विकास का रास्ता तय करने वाली सरकार गैजेट्स को जरूर सस्ता करेगी। ताकि, आम आदमी तक टेक्नोलॉजी की पहुंच हो सके। शॉपओनर्स के मुताबिक आम बजट के वजह से मोबाइल, टैबलेट, आईपैड, एम्प्लीफायर, वीडियो गेम्स समेत अन्य आइटम्स की बिक्री कम हो रही है। बटलर प्लाजा की कुछ शॉप्स पर तो एसेसरीज की भी बिक्री न के बराबर रही।
कश्मकश में कस्टमर्स
उम्मीदों का बजट लोगों पर कुछ इस कदर हावी है। कि ऑटोमोबाइल सेक्टर में कारोबार एक माह भर से धीमा पड़ गया है। टैक्स कम होने से तयशुदा बजट में ही बेहतर बाइक और फोर व्हीलर मिलने का ख्वाब लोगों ने सजा रखा है। फोर व्हीलर शो रूम ओनर सचिन भसीन ने बताया कि ऑटोमोबाइल सेक्टर में पिछले माह ही खरीददार कम हो गए थे। टेस्ट ड्राइव भी लेने कोई नहीं आ रहा है। ऐसे में, टू व्हीलर्स की बिक्री पर तो ज्यादा फर्क नहीं दिख रहा। लेकिन फोर व्हीलर्स के कस्टमर्स पर उम्मीदों का असर जरूर दिखाई दे रहा है। आम बजट ने मंहगी गाडि़यों के शौकीनों की तादाद कम नहीं की है। लेकिन छोटे कस्टमर्स की तादाद पर जरूर ब्रेक लग गया है।
आम बजट की घोषणा से पहले बाजार में कस्टमर्स ने खरीददारी कम कर दी है। लोगों को उम्मीद है कि बजट में उन्हें सस्ते का तोहफा मिलेगा।
संदीप मेहरा, गैजेट शॉप ओनर
बजट ने मार्केट में अलग ही माहौल बना दिया है। मोदी सरकार से आम जनता को काफी उम्मीदें हैं। इसलिए लोगों ने हाथ तंग कर रखे हैं।
राजीव गुप्ता, बिजनेसमेन
करीब माह भर से भारी मात्रा में कोई राशन नहीं खरीदा है। बजट घोषित होने का इंतजार है। सरकार से थाली को सस्ता करने की उम्मीद है।
रिचा टंडन, हाउस वाइफ
चीजें मंहगी भी हो सकती हैं। क्योंकि सरकार वही वायदे कर रही है जिन्हें अमलीजामा पहनाया जा सके। रेलवे बजट इसका पुख्ता उदाहरण है।
वीके भाटिया, नौकरी पेशा