बरेली(ब्यूरो)। शहर की ट्रैफिक व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए जगह-जगह चौराहे पर ट्रैफिक पुलिस तैनात की गई है। साथ ही इस व्यवस्था को और बेहतर बनाने के लिए आईसीसीसी यानि इंटीग्रेटिड कंट्रोल एंड कमांड सेंटर की भी हेल्प ली जा रही है। उसके बाद भी विभिन्न चौराहों पर बेतरतीब तरीके से अस्थाई डिवाइडर व बैरियर लगाकर डायवर्जन किया गया है। जिससे आए दिन लोग हादसे का शिकार हो रहे हैैं। साथ ही वाहन सवारों के लिए कंफ्यूजन की स्थिति पैदा हो रही है। चौराहों पर तैनात ट्रैफिक पुलिसकर्मी भी ट्रैफिक नियंत्रित करने के प्रति गंभीरता लेते नहीं दिख रहे हैैं। शहर की ट्रैफिक व्यवस्था की हकीकत परखने के लिए दैनिक जागरण आईनेक्स्ट की टीम ने विभिन्न चौराहों का रियलिटी चेक किया, पेश है यह स्पेशल रिपोर्ट


सीन 01 गांधी उद्यान के सामने
गांधी उद्यान के सामने लंबे समय से ट्रैफिक कंट्रोल करने के उद्देश्य से डिवाइडर लगा दिए गए हैैं। ऐसे में चौकी चौराहे से सैटेलाइट जाने वाले लोगों के लिए पहले विकास भवन की ओर 200 मीटर जाकर टर्न लेना पड़ रहा है। इससे कई बार दोनों ओर से आ रहे वाहन आपस में टकरा जाते है और दुर्घटना हो जाती है। साथ ही दोपहिया वाहन सवार डिवाइडर के ऊपर से ही वाहन निकालकर शॉर्टकट लेते हैैं, जिससे दूसरी ओर से आ रहे वाहन को नियंत्रण पाना मुश्किल हो जाता है।

सीन.02 ईंट पजाया चौराहा
यहां पर ट्रैफिक लाइट्स लगी होने के बाद भी चौराहे को अस्थाई डिवाइडर व बैरियर लगाकर बाधित कर दिया है, जिससे चौराहे के दूसरे छोर तक जाने के लिए वाहन चालकों को 100 मीटर अधिक चलना पड़ रहा है। वहीं इससे कंफ्यूजन की स्थिति भी पैदा हो रही है, चौराहे को इस तरह से बंद करके ट्रैफिक मैनेज करने का यह तरीका बरेलियंस को रास नहीं आ रहा है।

सीन.03 डेलापीर चौराहा
यहां पर बेतरतीब तरीके से हर तरफ अस्थाई डिवाइडर व बेरिकेटिंग की गई है, जिससे राहगीरों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। सौ फुटा रोड से मंडी समिति रोड पर जाने वाले लोगों को पहले स्टेडियम रोड की ओर 200 मीटर का फेर लेना पड़ रहा है। साथ ही डेलापीर से स्टेडियम रोड जाने वाले लोगों को भी पहले पीलीभीत रोड पर 200 मीटर का फेर लगाना पड़ रहा है। बिना किसी ट्रैफिक लाइट के यहां वाहनों का आवागमन हो रहा है, जिस कारण आए दिन हादसे हो रहे हैैं।


आए दिन होते रहते हैैं हादसे
डेलापीर चौराहा के दुकानदारों के मुताबिक यहां डिवाइडर लगा होने से अक्सर कार, बाइक व अन्य वाहन मोडऩे पर टकरा जाते हैैं। रोड पार करने के दौरान वाहन सवार को समझ नहीं आता है कि किस साइड से टर्न लेना है। इसी तरह गांधी उद्यान रोड पर ट्रैफिक पुलिस तैनात होने के बाद भी लोग वाहनों को गलत तरीके से मोड़ लेते हैैं। डिवाइडर लगा होने से वाहनों को 200 मीटर अधिक चलना पड़ता है, साथ ही चौराहे से किसी ओर भी जाने के लिए अधिक मशक्कत करनी पड़ रही है।

ट्रैफिक पुलिस कर रही आराम
शहर के चौराहों पर ट्रैफिक को मैनेज करने के लिए ट्रैफिक पुलिस की ड्यूटी लगाई जाती है। लेकिन डेलापीर रोड पर तैनात ट्रैफिक पुलिसकर्मी दुकान पर बैठे हुए आराम फरमा रहे हैैं। साथ ही गांधी उद्यान चौराहे पर भी कोई ट्रैफिक पुलिसकर्मी मौके पर नहीं मिला और न ही कोई पुलिसकर्मी ईंट पजाया चौराहा पर तैनात मिला। ऐसे में ट्रैफिक कंट्रोल के दावे खोखले साबित हो रहे हैैं।

डिवाइडर पर नहीं लगाए रिफ्लेक्टर
चौराहों पर रूट डायवर्ट करने के लिए अस्थाई डिवाइडर लगाए गए हैैं। साथ ही बेरिकेटिंग को भी रस्सी के सहारे बांधा गया है। अस्थाई डिवाइडर पर कई स्थानों पर रिफ्लेक्टर का इस्तेमाल नहीं किया गया है, जिससे रात में आते वाहनों के लिए यह खतरे की घंटी साबित हो सकती है।