बरेली(ब्यूरो)। आम आदमी को अस्पतालों के महंगे इलाज से राहत देने के लिए जुलाई 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्रों की स्टार्टिंग की थी। इन केंद्रों पर 50 प्रतिशत से भी कम दामों पर दवाएं दी जा रही हैं। लेकिन, महाराणा प्रताप जिला संयुक्त चिकित्सालय में बने जन औषधि केंद्र की हालत काफी बदहाल है। यहां काफी समय से स्टॉक में दवा नहीं है, जिसकी वजह से अस्पताल मेंं आने वाले पेशेंट्स को मजबूरन बाहर से अधिक कीमत देकर दवा लेनी पड़ रही है। इस कारण अस्पताल के बाहर मेडिकल स्टोर्स पर पेशेंट्स की भीड़ लगी रहती है।

निजी केंद्र पर स्टॉक फुल
जिला अस्पताल मेंंं स्थित जन औषधि केंद्र मेंंं भले ही दवा न हो, लेकिन शहर के अधिकतर केंद्रों पर दवाएं मौजूद हैैं। 300 बेड कोविड चिकित्सालय के सामने स्थित जन औषधि केंद्र के संचालक राहुल बताते हैैं कि सप्लाई की कोई परेशानी नहीं है। हमारे यहां स्टॉक फुल है। साथ ही बताया कि जिला अस्पताल के दिन भर में सैकड़ों पेशेंट्स यहां से दवा ले जाते है।

दवा नहीं है, बाहर मिलेगी
जिला अस्पताल में रोजाना करीब डेढ़ हजार से अधिक पेशेंट्स आते हैैं। यहां निजी अस्पतालों में इलाज कराने में अक्षम लोगों की संख्या अधिक आते हैैं। डॉक्टर द्वारा दवा लिखे जाने पर केंद्र पहुंचने पर रोजाना सैैंकड़ों पेेशेंट्स को दवा नहीं मिल पाती है। केंद्र पर दवा नहीं मिलने के कारण पेशेंट्स को मजबूरन अधिक कीमत में बाहर से दवा खरीदनी पड़ रही है। केंद्र पर कार्यरत फार्मासिस्ट ने बताया कि दवा नहीं होने के कारण मजबूरी में पेशेंट्स को बाहर भेजना पड़ता है। दवा को मंगाने के लिए हमारे अधिकारियों द्वारा मीटिंग की जाएगी, जिसके बाद ही दवाएं केंद्र पर आ पाएंगी।

मीटिंग के बाद आएगा स्टॉक
जिला अस्पताल के एडीएसआईसी से जब इस बारे में पूछा गया तो उनका कहना था कि जन औषधि केंद्र के फार्मासिस्ट से कई बार दवा न होने के कारण पूछा है, वह हर बार अपने अधिकारियों की मीटिंग के बाद दवा की सप्लाई आने की बात कहता है। इसको लेकर उससे काफी बार कहा जा चुका है। लेकिन, अब तक केंद्र में दवा सप्लाई नहीं हो पाई हैै।

उम्मीदें तोड़ता केंद्र
सस्ती दवा की उम्मीद में जिला अस्पताल के केंद्र पर रोजाना सैैंकड़ों पेशेंट्स पहुंचते हैैं। दवा नहीं मिलने पर लोगों को यहां से निराश वापस लौटना पड़ता है। जिला अस्पताल में स्थित जन औषधि केंद्र पर दवा लेने पहुंचे रमेश ने बताया कि उनका पेशेंट वार्ड में एडमिट हैै। सस्ते दाम पर दवा मिलने की आस में यहां आए थे। लेकिन, दवा नहीं मिलने के कारण अब बाहर से लेनी पड़ेगी। इसके साथ ही अपने बेटे के लिए दवा लेने पहुुंची शहनाज ने बताया कि जानकारी थी कि यहां सस्ती दवा मिलती है। लेकिन, यहां न मिलने के कारण बाहर से महंगी दवा मजबूरी में लेनी पड़ेगी।

ये दवाएं प्रमुख रूप से मौजूद हैं केंद्र में
नेप्रॉक्सिन टैबलेट्स
नेविबोल हाइड्रोक्लोराइड टैबलेट
क्लोरोक्वीन फॉस्फेट
बोग्लिवोज मेथफॉर्मिन
ट्राइकोलाइन
लाइकोपेन एंटीऑक्सिडेंट
डाइक्लोफेनिक मरहम
पेंटोप्रॉक्सोल डीएसआर
रेबिप्रोजोल
इनके अलावा अन्य दवाएं भी मौजूद हैैं।

वर्जन
जन औषधि केंद्र में दवा नहीं होने की जानकारी पर फार्मासिस्ट से कई बार इस विषय में पूछा जा चुका है। उसके द्वारा सप्लाई न होने की बात कही जा रही है। हमारी ओर से केंद्र के संचालन के लिए सिर्फ अस्पताल परिसर में कमरा मुहैया कराया गया है।
-डॉ। मेघ सिंह, एडीएसआईसी, जिला अस्पताल

हमारे यहां ज्यादातर दवाएं मौजूद हैैं। साथ ही अन्य दवाओं की भी सप्लाई डिमांड के अनुसार आती रहती है। सप्लाई के लिए ऑनलाइन माध्यम से अप्लाई करना होता है। हमारे यहां स्टॉक होने के कारण जिला अस्पताल से रोजाना कई पेशेंट्स हमारे पास आते हैैं।
-अमूल्य कुमार गुप्ता, जन औषधि केंद्र संचालक, ईसाइयों की पुलिया

हमारे यहां लगभग सभी दवाएं मौजूद हैैं, जिससे जिला अस्पताल के केंद्र पर दवा न मिलने के कारण हमारे यहां आते हैैं। दवाओं की सप्लाई हो रही है। स्टॉक में दवाएं इस समय मौजूद हैैं। पेशेंट्स की जरूरत के हिसाब से सभी दवाएं मिले, इसका विशेष ध्यान रखा जाता है।
-राहुल श्रीवास्तव, जन औषधि केंद्र संचालक, मालियों की पुलिया