सर्किट हाउस के पास उमा ज्वेलर की शॉप में चोरों का धावा

चैनल, शटर, ग्लास का गेट तोड़कर दो किलो चांदी की ज्वेलरी उठा ले गए

आसपास सभी बड़े अधिकारियों के आफिस व आवास और कई बैंक की ब्रांच और आफिस

BAREILLY: सिटी के सबसे सेफ जोन यानि सर्किट हाउस, जहां चोरों ने एक ज्वैलरी शॉप में धावा बोलकर चांदी की ज्वैलरी व ज्वैलरी वजन करने की मशीन पर हाथ साफ कर दिया। चोरों का हौंसला देखिए उन्होंने उस स्थान को निशाना बनाया जहां आईजी, कमिश्नर, एसएसपी के आफिस व आवास भी हैं। इस वारदात ने पुलिस की वर्किंग पर सवाल खड़ा कर दिये हैं। आखिर शहर कितना सेफ है।

सुबह म् बजे मिली सूचना

केसर भवन, सिविल लाइंस निवासी स्वाधीन खंडेलवाल पुत्र राजेंद्र खंडेलवाल की सर्किट हाउस चौराहा के पास इलाहाबाद बैंक के ठीक सामने उमा ज्वेलर के नाम से शॉप है। स्वाधीन खंडेलवाल ने मंडे शाम को करीब 7 बजे दुकान बंद की थी। ट्यूजडे सुबह करीब म् बजे पड़ोस में रहने वाले किसी शख्स ने दुकान खुली देखी तो उन्होंने मकान मालिक राजू खंडेलवाल को इसकी सूचना दी। करीब म् बजकर क्फ् मिनट पर वह दुकान पर पहुंचे और तुंरत पुलिस को मामले की सूचना दी।

कई ताले और लॉक तोड़े

राजेंद्र खंडेलवाल ने बताया कि चैनल में तीन ताले लगे हुए थे। चोर दो ताले काटकर अपने साथ ले गए । एक ताला कटा हुआ मिला है। चैनल और शटर के बीच में बोर्ड, कुर्सी व अन्य सामान रखा रहता था। चोरों ने शटर के ताले न तोड़कर उसकी दोनों लॉक को काटा है। इसका मतलब है चोरों ने चैनल और शटर के बीच में रखा सामान बाहर निकाला होगा। उसके बाद ग्लास के गेट को मोटी राड से तोड़ा। फिर चोर अंदर घुसे और काउंटर में सजी ज्वैलरी को काउंटर के साइड ग्लास को तोड़कर बाहर निकाला होगा। चोर दुकान से दो किलो की चांदी की ज्वेलरी और एक या दो हजार की नकदी ही ले जाने में कामयाब हो सके हैं। जिसकी कीमत करीब एक लाख रुपये होगी।

नहीं तोड़ पाए स्ट्रांग रूम

ज्वैलर ने अंदर स्ट्रांग रूम बना रखा था। इसी रूम के अंदर सोने की ज्वैलरी रखी हुई थी। चोर स्ट्रांग रूम को नहीं तोड़ पाए हैं। यदि स्ट्रांग रूम को तोड़ डालते तो काफी नुकसान हो जाता। हो सकता है कि चोरों को स्ट्रांग रूम के बारे में जानकारी ही न हो।

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घटना पर खड़े हो रहे कई सवाल

सेफ जोन में हुई चोरी की वारदात पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं जिनके जवाब तलाशना पुलिस के लिए बड़ी चुनौती है। ज्वेलरी शॉप में तीन सीसीटीवी लगे होने के बावजूद चोरों की फुटेज कैद न होना और खुद ही कैमरे के बंद हो जाना और ग्लास के टूटने के तरीके से पुलिस भी चक्कर में पड़ गई है। पुलिस ने मौके पर फील्ड यूनिट को भी जांच के लिए बुलाया। सीसीटीवी फुटेज की टेक्निकल जांच के बाद ही सारी हकीकत सामने आ सकेगी।

कैसे बंद हो गया सीसीटीवी

शॉप में तीन सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं। तीनों कैमरे अंदर की ही रिकार्डिग करते हैं। एक कैमरे से गेट से इंट्री करने वालों की भी रिकार्डिग होती है। जब पुलिस ने सीसीटीवी कैमरे की जांच की तो बंद पाया गया। स्विच आन करते ही कैमरा आन हो गया। पुलिस ने रिकार्डिग देखी तो पाया कि शाम को दुकान बंद करने के बाद से कैमरा लगातार रिकार्डिग कर रहा है। रात में फ् बजकर क्क् मिनट पर अचानक कैमरा बंद हो गया। कैमरे में गेट से किसी की इंट्री भी नहीं दिख रही है। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल कि आखिरकार कैमरा खुद कैसे बंद हो गया। यदि कैमरा अंदर जाकर बंद किया तो किसी की इंट्री क्यों नहीं दिखा रहा है। क्या चोरों ने एंट्री के बाद कैमरे की रिकार्डिग डिलीट की लेकिन कैमरे में डिलीट का आप्शन ही नहीं है। कैमरे की पूरी जानकारी लखनऊ से आने वाली टेक्निकल टीम के बाद ही पता चल सकेगा।

कांच के टुकड़े बाहर कैसे आए

चैनल और शटर तोड़ने के बाद चोरों ने ग्लास का गेट तोड़ा है। यदि बाहर से ग्लास को लोहे की रॉड से तोड़ा गया है तो अंदर की ओर कांच के टुकड़े क्यों नहीं गिरे हैं। कांच के टुकड़े बाहर की ओर ख्भ् फुट से ज्यादा दूरी तक गिरे हैं। यही नहीं ग्लास तोड़ने पर काफी तेज आवाज हुई होगी लेकिन आसपास कई सिक्योरिटी गार्ड एटीएम और बैंक में रहते हैं लेकिन किसी ने कोई आवाज नहीं सुनी है। सिर्फ एक गार्ड ने पुलिस को बताया कि उसे हल्की आवास सुनाई दी थी। इसके अलावा काउंटर के ग्लास को चोरों ने क्यों तोड़ा क्योंकि ग्लास की लॉक में चाबियां लगी हुई थीं।

छोड़ गए भगवान

चोर दुकान से सिर्फ चांदी की ज्वेलरी ही लेकर गए हैं। इसके अलावा दुकान में कई भगवान की बड़ी-बड़ी मूर्तियां रखी हुई थीं। इसके अलावा एक अन्य प्रिंटिंग मशीन भी रखी हुई थी लेकिन चोर सिर्फ ज्वैलरी तौलने की ही मशीन लेकर गए हैं। इसके अलावा कुछ ज्वैलरी चोर गिराकर भी चले गए हैं।

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चेकिंग होती रही और चोरी हो गई

आईजी लॉ एंड आर्डर के निर्देश पर बरेली रेंज में डीआईजी के निर्देश पर मंडे रात क्0 बजे से क्ख् बजे तक सराय, होटल, ढाबा, रेलवे स्टेशन बस अड्डा, पेट्रोल पंप व अन्य जगह की चेकिंग और रात क्ख् बजे से ख् बजे तक पुलिस की पिकेट और गार्द की चेकिंग का अभियान चलाया गया लेकिन इसके बावजूद भी सेफ जोन में चोरी पर कहीं न कहीं सवाल खड़े होते हैं। उमा ज्वैलर के पास भी रात में गार्द की चेकिंग में कोतवाली पुलिस की मोबाइल गाड़ी फ् बजकर भ्म् मिनट पर इलाहाबाद बैंक में गार्द के पास पहुंची थी। इसकी रजिस्टर में भी एंट्री है। ऐसे में क्या चोरों ने फ् से ब् बजे के बीच में चोरी की वारदात को अंजाम दिया । या फिर चोर पुलिस की गाड़ी पहुंचने पर भाग गए जिससे कुछ सामान उनसे जल्दबाजी में गिर गया।

पब्लिक प्लेसेज की चेकिंग का रिजल्ट

डिस्ट्रिक्ट प्लेस चेक व्यक्ति चेक एफआईआर अरेस्टिंग

बरेली क्ब्9 ब्70 फ् भ्

बदायूं क्भ्भ् 7ख्8 9 क्0

पीलीभीत भ्9 ख्00 ख् ख्

शाहजहांपुर क्78 ब्भ्8 7क् 80

पुलिस की गस्त और गार्द की चेकिंग

डिस्ट्रिक्ट प्लेस चेक गार्द अबसेंट

बरेली क्भ्7 क्भ् 0

बदायूं क्0ख् क्भ् क्

पीलीभीत 8ख् क्क् 0

शाहजहांपुर क्क्9 क्फ् 0