दयादृष्टि रंगविनायक की तरफ से संडे को विंडरमियर में 'ऑफ माइस एंड मेन' प्ले प्रेजेंट किया गया। जॉन स्टीनबेक के उपन्यास पर आधारित इस प्ले का बहुत ही इमोशनल प्रेजेंटेशन और डायरेक्शन किया है, एनएसडी, दिल्ली की प्रोफेसर हेमा सिंह ने। वहीं नाटक को अपनी जानदार एक्टिंग से सजाया रंगविनायक रंगमंडल के कलाकारों ने। इस मौके पर स्पेशल गेस्ट डीआईजी आरकेएस राठौर, डॉ। बृजेश्वर सिंह, डॉ। गरिमा सिंह, शिखा सिंह व अन्य मौजूद रहे।
नाटक की पृष्ठभूमि 1930 के उस अमेरिका की है, जो 'द ग्रेट डिप्रेशन' यानि विश्वव्यापी मंदी का मारा था। वहां के बेसहारा युवा इधर से उधर काम की तलाश में भटका करते थे। ऐसे ही दो दोस्त जॉर्ज और लिने आंखो में खुद की जमीन पर खेती करने का सपना देख काम के लिए एक जगह से दूसरी जगह मारे-मारे फिरते थे। जॉर्ज जहां बेहद सयाना था पर लिने एकदम मंदबुद्धि लेकिन शक्तिशाली था। दोनों बचपन से एक-दूसरे के साथ थे इसलिए दोनों में प्यार भी बहुत था। जॉर्ज हमेशा लिने का ख्याल रखता था और उसे जमीन दिलाकर खरगोशों से खिलाने की बात कहकर बहलाता था। इसी दौरान वे एक नई जगह पर काम करने पहुंचते हैं, ताकि जल्द से जल्द पैसे कमाकर अपने सपनों को पूरा कर सकें, लेकिन अंजाम कुछ और ही होता है। प्ले में बेसिकली दिखाने की कोशिश की गई है, इंसान को हर हाल में एक इंसान के साथ की जरूरत हमेशा होती है। मुश्किल से मुश्किल हालात से उबरने का हौसला हमें मानवीय रिश्ते ही देते हैं।