बरेली (ब्यूरो)। बरेली में चल रही तीन दिवसीय 68वीं प्रदेशीय विद्यालीय वालीबॉल प्रतियोगिता (बालिका) में ट्यूजडे को पहले ही दिन बड़ा फर्जीवाड़ा पकड़ में आया। हालांकि पहले तो कुछ जिम्मेदार इसको छुपाने और समझौता कराने में लगे रहे। लेकिन इस खबर को दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने 16 अक्टूबर के अंक में प्रमुखता से प्रकाशित किया। इसके बाद अफसरों ने मामला गंभीरता से लिया और टीम में फर्जी तरीके से टीम मैनेजर बनकर आए संजय सिंह सुबह तड़के ही खिसक लिया। अफसरों ने आजगढ़ की टीम को सस्पेंड कर बापस कर दिया। इसके बाद बरेली से आजमगढ़ तक कि अफसर दिन भर इस मामले में अपडेट लेते रहे। ज्ञात आजमगढ़ मंडल की अंडर-19 टीम में दो ऐसी छात्राएं पकड़ी गईं जो दूसरी खिलाडिय़ों की जगह खेलने पहुंची थी। यानी मंडल से भेजी गई सूची में जिन छात्राओं का नाम था उनकी जगह दूसरी छात्राएं खेलने आई थीं। दोनों छात्राएं बलिया जिले की रहने वाली हैं। पूरी टीम को प्रतियोगिता से बाहर कर दिया गया है।
विभाग पर उठते सवाल
आजमगढ़ मंडल टीम में फर्जी तरीके से शामिल हुए संजय सिंह ने खेल विभाग पर सवाल खड़े कर दिए। टीम में संजय के शामिल होने की जानकारी जब संबंधित विभाग से ली गई तो विभाग के अधिकारियों साफ इनकार कर दिया। यहां तक की संजय कौन है और क्यों शामिल हुआ। इससे सभी अधिकारी अपना पल्ला झाड़ते नजर आए। बीएसए बलिया से जब संजय को लेकर बात की गई तो उन्होंने कहा कि हमारी तरफ से किसी संजय सिंह को टीम में शामिल होने के लिए नहीं भेजा गया था। यह प्रकरण हमारी जानकारी में आया है। इस संबंध में लैटर आने के बाद विभागीय कार्रवाई की जाएगी।
लेन देन का हो सकता है प्रकरण
स्पोट्र्स सर्टीफिकेट के बेस पर सरकारी नौकरी मिलने में आसानी होती है इसलिए कुछ खिलाड़ी जीतोड़ मेहनत करके स्पोट्र्स में अपना नाम कमाते हैं लेकिन संजय जैसे कुछ लोग इन बच्चों के भविष्य पर प्रश्नचिन्ह लगाने को खड़े हैं। ये लोग बच्चों के माता-पिता को फुसलाकर उनके बच्चों को आसानी से सर्टिफिकेट दिलाने के नाम पर लाखों रुपए ठग लेते हैं। ऐसे लोग विभाग पर सवालिया निशान लगवा रहे है।
खास-खास
- 68वीं प्रदेशीय विद्यालीय वालीबाल प्रतियोगिता में पकड़ा गया फर्जीवाड़ा
- आजमगढ़ मंडल की दो खिलाडिय़ों की जगह अंडर-19 में खेल रहीं थी दूसरी छात्राएं
- प्रमाण पत्र जांच के दौरान खुला मामला, पूरी टीम को किया गया बाहर
- छात्राओं ने महिला शिक्षक की जगह आए टीम मैनेजर शिक्षक संजय को बताया दोषी
- जनपदीय क्रीड़ा सचिव ने जेडी बरेली को भेजी रिपोर्ट, शासन को भी भेजेंगे पत्र
- बलिया के डीआइओएस देवेंद्र गुप्ता ने कहा मामले की कराएंगे जांच, होगी कार्रवाई
कराएंगे जांच
इतना ही नहीं जेडी आजमगढ़ मंडल द्वारा जारी की गई टीम मैनेजर की सूची में जिस महिला शिक्षक को बतौर टीम मैनेजर बनकर आना था उसकी जगह पुरुष शिक्षक टीम मैनेजर बनकर आए थे। जनपदीय क्रीड़ा सचिव एवं आयोजक नईम अहमद ने बताया कि मामले च्े उच्चाधिकारियों को अवगत करा दिया गया है। पूरी रिपोर्ट जेडी बरेली को भेजी जाएगी। वहीं इस बाबत बात करने पर बलिया के डीआइओएस देवेंद्र गुप्ता ने बताया कि उन्हें मामले की कोई जानकारी नहीं है। वह इस पूरे प्रकरण की जांच कराकर कार्रवाई करेंगे।
ऐसे पकड़ा गया फर्जीवाड़ा
मंगलवार की शाम अंडर-19 आजमगढ़ और अलीगढ़ मंडल के बीच मैच चल रहा था। अचानक दस्तावेजों की जांच के दौरान शक होने पर जनपदीय क्रीड़ा सचिव एवं प्रतियोगिता के आयोजक नईम अहमद ने मैच रुकवाकर सभी खिलाडिय़ों को लाइनअप करा दिया। आजमगढ़ मंडल द्वारा भेजी गई खिलाडिय़ों की सूची से मौके पर मौजूद खिलाडिय़ों से मिलान करना शुरू किया गया तो पता चला कि महात्मा गांधी इंटर कालेज दलन छपरा बलिया की कक्षा 11 की छात्रा अंशु पुत्री राजनरायन ङ्क्षसह की जगह रेनू राजभर और कक्षा 10 की छात्रा निशा ङ्क्षसह की जगह अंशिका पासवान खेल रही हैं। अंशु और निशा सगी बहनें हैं तो उनकी पकड़ी गई रेनू और अंशिका ने बताया कि वह मऊ जिले की रहने वाली हैं लेकिन खेलती बलिया से हैं। पूछताछ के दौरान दोनों ने बताया कि उन्हें ऐसा करने के लिए टीम मैनेजर संजय ङ्क्षसह ने कहा था।
पहले ही फरार हो गई एक छात्रा
जांच के दौरान ही आजमगढ़ मंडल की एक और छात्रा कुमकुम यादव पुत्री कन्हैया यादव के दस्तावेज पर शक हुआ। पकड़े जाने से पहले ही उसकी जगह खेलने आई फर्जी खिलाड़ी मौके से फरार हो गई। सूत्रों के मुताबिक वह शादीशुदा थी और बिहार राज्य की रहने वाली थी।
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कृष्णा देवी की जगह आए थे संजय
पकड़ी गई दोनों फर्जी खिलाडिय़ों द्वारा टीम मैनेजर संजय ङ्क्षसह का नाम लेने पर उनके दस्तावेजों की जांच की गई तो सभी लोग चौक पड़े। पता चला कि जेडी आजमगढ़ मंडल द्वारा टीम मैनेजर एवं कोच की जो अधिकृत सूची भेजी गइच् है उसमें उच्च प्राथमिक विद्यालय नरही बलिया की अनुदेशक कृष्णा देवी को टीम मैनेजर बनाया गया है लेकिन उनकी जगह कंपोजिट विद्यालय रामनगर शिक्षा क्षेत्र मुरली छपरा बलिया के शिक्षक संजय ङ्क्षसह टीम मैनेजर बनकर आए थे। जांच कर रहे अधिकारी इस बात से हैरान थे कि जब संजय ङ्क्षसह का नाम ही सूची में नहीं था वह टीम लेकर कैसे आए?
तो कौन होता जिम्मेदार
फर्जीवाड़े के खुलासे के बाद इस बात की चर्चा रही कि आजमगढ़ मंडल की अंडर-19 टीम में आई छात्राओं के साथ अगर कोई अनहोनी हो जाती तो उसका जिम्मेदार कौन होता। आजमगढ़ मंडल एवं बलिया जिले के जिम्मेदार अधिकारियों ने आखिर बगैर कोई जांच किए कैसे छात्राओं की टीम के साथ एक पुरुष शिक्षक को क्यों भेज दिया और अधिकृत महिला अनुदेशक कृष्णा देवी क्यों नहीं आईं। ताज्जुब है कि सोमवार को बरेली पहुंची टीम के साथ तथाकथित मैनेजर संजय ङ्क्षसह तीन दिन तक साथ में रहे।
सर्टिफिकेट के लिए फर्जीवाड़ा
अधिकृत छात्राओं की जगह दूसरी खिलाडिय़ों को खेलने भेजने के पीछे स्पोट््र्स सर्टिफिकेट हासिल करने का खेल है। शिक्ष्रा और नौकरी समेत कई अन्य क्षेत्रों में स्पोट््र्स सर्टिफिकेट का खासा महत्व होता है। इनके लिए अलग से कोटा तय होता है। वरीयता सूची बनाते समय खिलाडिय़ों को अलग से वेटेज दिया जाता है। ऐसे में मेडिकल समेत अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्र-छात्राएं स्पोट््र्स कोटा से वेटेज प्राप्त करने के लिए किसी भी कीमत पर सर्टिफिकेट हासिल करना चाहते हैं। जिम्मेदारों की मिलीभगत से अपनी जगह दूसरों को खेलने को भेजते हैं लेकिन सर्टिफिकेट पर असली प्रतिभागी का नाम रहता है।
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जिम्मेदारों की सुनिए
जानकारी में आया था कि बिना सूचना के कोई बलिया टीम की तरफ से शामिल हुआ था। जेेडी की ओर से लेटर आने वाला था आया नहीं है। कोई भी मौखिक या फिर लिखित में लेट आने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
मनीष सिंह, बीएसए बलिया
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ये जांच का विषय है, इसमें बच्चों का नुकसान न हो रहा है। हमारे यहांं से संजय नाम के किसी व्यक्ति को नहीं भेजा गया था। इसमें जो दोषी है उसको कड़ी सजा जरूर मिलनी चाहिए। पूरी टीम को इसकी सजा नहीं मिलनी चाहिए।
दिनेश प्रसाद, जनपद क्रीड़ा सचिव, बलिया
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इस प्रकरण की कार्रवाई में टीम को दोषी पाए जाने पर उसे टूर्नामेंट से बाहर कर दिया गया है। इसकी जानकारी अधिकारियों को कर दी गई है। इसके आगे की कार्रवाई जेडी की ओर की जाएगी।
नईम अहमद, जनपद क्रीड़ा अधिकारी, बरेली
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ये दूसरे लोग दूसरे मंडल से आए हुए थे, हमारी टीम की सतर्कता से ये पकड़े गए। चिन्हित लोगों के ऊपर कार्रवाई के लिए संबंधित जेडी को पत्र लिख रहे हैं, औपचारिक कार्रवाई वहां से होगी।
डॉ। प्रदीप कुमार, जेडी बरेली मंडल