(बरेली ब्यूरो)। वन ïिवभाग की टीम ने अख्रिरकर तेंदुए को पिंजरे में कैद कर लिया। जिसके बाद से ग्रामीणों को चैन की सांस मिली। आसपास लोगों में तेंदुए को लेकर दहशत बनी हुई थी। शनिवार को सटीक जानकारी मिलने पर चार घंटे रेस्क्यू चला तेंदुआ को कचोली गांव में सरसों के खेत से सुरक्षित पकड़ा गया। उसके पिछले दाएं पैर पर घाव होने के कारण उसे चिडिय़ाघर उपचार के लिए भेजे जाने की वन विभाग तैयारी में जुटा है।

दहशत में थे ग्रामीण
शनिवार देर रात कचौली गांव में सरसों के खेत में तेंदुआ को देखे जाने की ग्रामीणों ने वन विभाग को सूचना दी। रातभर ग्रामीणों के साथ वन विभाग के लोग तेंदुए की निगरानी करते रहे। रविवार सुबह तक वह ङ्क्षपजरे में नहीं फंसा। जिसके बाद उसे पकडऩे के लिए रेस्क्यू अभियान मुख्य वन संरक्षक ललित कुमार की अगुवाई में चलाया गया। तेंदुआ को सुरक्षित पकडऩे के लिए पीलीभीत टाइगर रिजर्व से वन्य जीव विशेषज्ञ डा। दक्ष गंगवार को बुलाया गया। डीएफओ समीर कुमार के निर्देश में इस अभियान में रेंजर वैभव चौधरी, मनोज कांडपाल, रङ्क्षवद्र सक्सेना समेत चार रेंजरों की अलग-अलग टीम लगाई गई। खेत को खाबर से पहले ही चारों ओर से घेराबंदी किया गया था। बाद में जेसीबी से वन्य जीव विशेषज्ञ खेत के अंदर गए। जहां रेस्क्यू चला तेंदुआ को सुरक्षित पकड़ लिया गया। वन्य जीव विशेषज्ञ ने तेंदुए को पकडऩे के बाद उसका प्राथमिक उपचार किया। पकड़े गए तेंदुए की उम्र साढ़े तीन साल बताई जा रही है। तेंदुए को पकडक़र वन संरक्षक जावेद अख्तर के सीबीगंज स्थित कार्यालय पर लाया गया है। जहां च्च्च स्तरीय कमेटी के निर्देश पर तेंदुआ को उपचार के लिए लखनऊ या कानपुर में किस चिडिय़ाघर भेजा जाना है पर विचार किया जा रहा है।


ड्रोन से भी नहीं मिली सफलता
तेंदुआ की सटीक लोकेशन की जानकारी करने के लिए वन विभाग के अधिकारियों ने कई बार ड्रोन की सहायता ली। कई बार ड्रोन उड़ाने के बाद भी तेंदुआ की सटीक जानकारी नहीं हो सकी। जिसके बाद जेसीबी से खेत के अंदर जाया गया। जेसीबी से अंदर जाने से पहले जहां खेत को खाबड़ से राउंड किया गया था वहीं डबल नेट लगाया गया। जिससे तेंदुआ भाग न सके। जेसीबी को अपनी ओर आता देख तेंदुआ भागने लगा और पहले नेट में फंसा। जहां से उसे ङ्क्षपजरे में पहुंचाया गया।


फैक्ट एंड फिगर
25 फरवरी को दिखा था क्षेत्र में तेंदुआ
26 फरवरी को मिली थी तेंदुआ की सटीक जानकारी
27 फरवरी को वन विभाग की टीम तेंदुआ को पकडऩे को लगाया पिंजरा
04-घंटा तक चला रेस्क्यू अभियान
4-रेंजरों की बनाई गई टीम
3.5 साल तेंदुआ की बताई जा रही उम्र
=====================

वर्जन :
तेंदुआ को सुरक्षित रेस्क्यू अभियान चला पकड़ लिया गया है। उसके पिछले दाएं पैर में पुराना घाव है। यहां उसे प्राथमिक उपचार दिया गया है। उसकी उम्र साढ़े तीन साल के करीब है। शासन से आदेश मिलते ही लखनऊ या कानपुर चिडिय़ाघर में उसे उपचार के लिए भेजा जाएगा। जहां ठीक होने के बाद उसे किसी जंगल में छोडऩे पर विचार किया जाएगा।
- ललित कुमार, मुख्य वन संरक्षक रुहेलखंड जोन