मंदिर जा रहे थे सभी
हादसा संडे मॉर्निंग कोतवाली थाना अंतर्गत बिहारीपुर कसगरान में हुआ। यहां नवीन सक्सेना अपने परिवार के साथ रहते हैं। नवीन ने बताया कि वह सुबह अपने दोस्त रंजन की मारुती कार घर लेकर आए थे। कार में गैस न होने के कारण वो इसमें दस लीटर पेट्रोल डलवाकर घर लाए और कार को गली में खड़ा कर दिया। सुबह करीब 11 बजे सभी लोग पूजा करने के लिए धोपा मंदिर जा रहे थे।
और निकला आग का गोला
नवीन के चचेरे भाई शिवेंद्र ने बताया कि नवीन को कार कम चलानी आती है। इसलिए नवीन ने उनसे गली से कार बाहर निकालने के लिए बोला। शिवेंद्र कार का लॉक खोलकर अंदर पहुंचे। कार को स्टार्ट करने के लिए चाबी घुमाई लेकिन कार स्टार्ट नहीं हुई। दोबारा चाबी घुमाते ही कार के अगले हिस्से के नीचे से बॉनेट की ओर आग का गोला निकला और बाहर खड़े लोगों को अपनी चपेट में ले लिया। शिवेंद्र ने तुरंत कार को बंद कर दिया। कार के आसपास नवीन, नवीन की मां पूनम, उसका बेटा अंशु और उत्कर्ष, उसकी बहन की बेटी अंशिका, पड़ोसी पुरुषोत्तम का बेटा गोलू और पड़ोसी रामबहादुर की बेटी निक्की खड़े थे। सभी आग में बुरी तरह से झुलस गए।
हाहाकार मच गया
आग की चपेट में आते ही मौके पर हाहाकार मच गया। आग के गोले से सात लोग बुरी तरह से झुलस गए, लेकिन कार में कुछ भी नहीं हुआ। कार की हालत देखने से ऐसा लगता है कि जैसे कार से आग निकली ही नहीं है। हादसे की सूचना पाकर मौके पर पुलिस पहुंची और घायलों को डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में एडमिट करवाया। वहीं हादसे में जख्मी निक्की को प्राइवेट हॉस्पिटल में एडमिट करवाया गया है। हादसे में अधिकांश घायलों के शरीर का निचला हिस्सा जला है.
बोनट से धुंआ निकला था
पड़ोसी पुरुषोत्तम ने बताया कि सुबह भी दो बार कार की बोनट से धुंआ निकला था, लेकिन उसके बाद भी कार को बिना ठीक कराए स्टार्ट किया गया और यह हादसा हो गया। आग के गोले की चपेट में आने के बावजूद भी नवीन की बहन गुंजन सक्सेना बाल-बाल बच गई। गुंजन ने बताया कि आग के गोले से उनकी साड़ी भी जल गई। पैरों में जलन हो रही है, लेकिन वो जलने से बच गई।
समझ में नहीं आया कि क्या हुआ
प्रत्यक्षदर्शी गुंजन ने बताया कि उसे तो कुछ समझ में ही नहीं आया कि ये हुआ क्या है। उसने बताया कि आग का गोला करीब पांच मिनट तक रहा और उसके बाद गायब हो गया। उसका कहना है कि सभी भगवान की पूजा के लिए मंदिर जा रहे थे, लेकिन न जाने भगवान क्यों खफा हो गए। हादसे में जली अंशिका की मां आराधना ने बताया कि वो रामपुर में रहती हैं । तीज के त्योहार पर भाई के घर आयी थीं । हादसे में उनकी बेटी के पैर बुरी तरह से जल गए। उन्होंने बताया कि आग में जलने के बाद से उनकी बेटी सहम गई है और कुछ भी बोल नहीं रही है। वो अपनी बेटी की हालत देखकर रो पड़ी और बोली कि अभी तो अंशिका के पिता दीपक को भी अपनी बेटी की इस हालत के बारे में कुछ पता नहीं है।
क्या कहते हैं एक्सपर्ट
अक्सर कार में आग लगने की घटना सामने आती रहती है। ये सभी घटनाएं कार में एलपीजी गैस लीकेज से होती थी। अमूमन इन घटनाओं में कार के अंदर बैठे लोग इंजर्ड होते हैं, लेकिन बरेली में हुए हादसे ने सभी को हैरान कर दिया है। यह पहली बार है कि कार से आग का गोला निकला और उसने एक साथ इतने लोगों को इंजर्ड कर दिया। दूसरी तरफ कार को कुछ नहीं हुआ। कार में एलपीजी एंड सीनएजी किट लगाने वाले एक्सपर्ट उदय अग्रवाल ने बताया कि हादसे की कंडीशन से लगता है कि कहीं न कहीं कार में कुछ गैस होगी जो लीक कर रही होगी। जैसे ही ड्राइवर ने कार स्टार्ट करने के लिए चाबी घुमाई होगी कार में स्पार्क हुआ होगा। इसके बाद आसपास मौजूद गैस में आग लग गई होगी। उन्होंने बताया कि एलपीजी गैस हवा से भारी होती है इसलिए जल्दी आग पकड़ लेती है वहीं सीएनजी में इतनी जल्दी आग नहीं पकड़ती है।
Precaution
इस तरह के हादसे से बचने के लिए कार चालकों को कुछ प्वाइंटस पर ध्यान रखना चाहिए
-कार स्टार्ट करने से पहले चेक कर लें कि कही गैस की बदबू तो नहीं आ रही है
-गैस लीकेज होने पर कार को स्टार्ट न करें
-एलपीजी की जगह सीएनजी किट लगवानी चाहिए
-कार में घरेलू सिलेंडर नहीं लगवाने चाहिए, इनमें लीकेज की अधिक संभावना रहती है
-एप्रूब्ड गैस किट ही लगवानी चाहिए
-पेट्रोल की कार होने पर भी बोनट से धुंआ निकलने पर कार को स्टार्ट नहीं करना चाहिए।
हॉस्पिटल में आग से जले हुए चार बच्चों समेत सात लोगों को एडमिट करवाया गया है। ये सभी करीब 60 परसेंट जल गई हैं जबकि बांकी अन्य लोग करीब 15 परसेंट जले हैं। सभी का ट्रीटमेंट किया जा रहा है। बुजुर्ग लेडी की कंडीशन सीरियस है।
- केके निर्मल, ईएमओ डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल