बरेली (ब्यूरो) । कभी अफसर, कभी विधायक तो कभी सांसद बनकर सिफारिश करने वाले तो अक्सर सुनने में आते हैं, लेकिन इस बार तो डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या का फर्जी पत्र लेकर एक छात्रा एमजेपीआरयू वीसी के पास पहुंची, छात्रा ने बताया कि उसका एडमिशन बरेली कॉलेज में करा दिया जाए। जब एमजेपीआरयू वीसी प्रो। केपी सिंह को मामले में कुछ झोल लगा तो सहायक रजिस्ट्रार प्रशासन ने पत्र की हकीकत जांचने को कहा तो पता चला कि पत्र फर्जी है। इसके बाद वीसी ने छात्रा से पूछताछ की तो पता चला कि लड़की के घर में रहने वाले किराएदार ने पत्र दिया है और वह एडमिशन के लिए वीसी को कई बार फोन भी कर चुका है। फिलहाल एमजेपीआरयू की तरफ से बारादरी में एफआईआर दर्ज करा दी है।
कई बार कर चुका है फोन
ज्ञात हो एमजेपीआरयू के एफिलेटेड महाविद्यालय में यूजी के एडमिशन की प्रक्रिया लगभग बंद हो चुकी है। युवती का कहना है कि एडमिशन कराने के लिए एक युवती ने अपने घर में रहने वाले किराएदार को बताया। जिस पर किराएदार ने खुद को बीजेपी ऑफिस यूपी में कार्यरत बताते हुए उसके एडमिशन के लिए डिप्टी सीएम ऑफिस का बताकर फोन भी किया। युवती का कहना है कि युवक खुद को मौर्या बताता है। उसने युवती को एडमिशन कराने का झांसा दिया, और वीसी को एडमिशन के लिए फोन किया। युवती का कहना है कि किराएदार ने उसे बताया कि डिप्टी सीएम ने पत्र लिखकर दिया है और आपका एडमिशन हो जाएगा।
निजी सचिव ने बताया पत्र फर्जी है
एमजेपीआरयू वीसी प्रो। केपी सिंह के पास दोपहर में एक युवती डिप्टी सीएम केशव प्रसाद का हस्ताक्षर युक्त पत्र लेकर पहुंची थी। जिस पर बरेली कॉलेज में एडमिशन कराने की बात लिखी थी। वीसी ने जैसे ही पत्र देखा तो उन्हें शक हुआ मामले की जांच कराने डिप्टी सीएम ऑफिस को जब सहायक रजिस्ट्रार ने फोन किया तो डिप्टी सीएम के निजी सचिव ने बताया कि पत्र फर्जी है।
एफआईआर दर्ज
एमजेपीआरयू प्रशासन की तरफ से शाम को बारादरी थाने में तहरीर दी है जिसमें कहा गया है कि एमजेपीआरयू ने जांच कराई तो पत्र डिप्टी सीएम के निजी सचिव ने फर्जी बता दिया है। अब आरोपित के खिलाफ मामले में जांच कर कार्रवाई करने का कष्ट करें। वहीं बारादरी पुलिस का कहना है कि मामले में एफआईआर दर्ज कर ली गई है।