बरेली(ब्यूरो)। शीशगढ़ के गांव जियानगला में तीन सितंबर को सुनील कुमार की मुस्लिम युवती से प्रेम-प्रसंग के चलते हत्या कर दी गई थी। स्वजन ने युवती के स्वजन व रिश्तेदारों पर हत्या कर शव पेड़ से लटकाने का आरोप लगाकर शिकायती पत्र दिया था। पोस्टमार्टम में हैंङ्क्षगग से मृत्यु पुष्टि होने पर पुलिस प्राथमिकी लिखने में टालमटोल करने लगी तो ग्रामीणों ने सडक़ जाम कर कार्रवाई की मांग की थी। बाद में फजल, यासीन, गुड्डू उर्फ अबरार, इसरार अहमद, सरफराज अहमद सहित पांच के विरुद्ध हत्या की प्राथमिकी लिखी गई। पुलिस ने सोमवार को राजफाश कर सभी आरोपितों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। आरोपितों ने बताया कि मार्च में समझौता होने के बाद भी सुनील ने प्रेमिका के फोटो नहीं हटाए। वह प्रेमिका के फोटो दोस्त से अपने स्टेटस पर लगवाता था। प्रेमिका का चाचा अबरार उर्फ गुड्डू स्क्रीनशाट लेकर चंडीगढ़ में रहने वाले अपने भाई को भेजता था। इसके बाद सुनील की हत्या कर दी गई। एसएसपी सत्यार्थ अनिरुद्ध पंकज ने बताया कि आरोपितों को जेल भेज दिया गया है। हत्याकांड की विवेचना जारी है। कई बिदुओं पर जांच चल रही है। विवेचना में जो भी तथ्य सामने आएगा। उसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
10 दिन बाद भी दीपक का नहीं लग सका सुराग
हत्या से पहले वायरल आडियो में सुनील ने दीपक नाम के युवक का जिक्र किया था। दस दिन बीतने के बाद भी पुलिस दीपक को तलाश नहीं कर पाई है। पुलिस का कहना है कि दीपक की तलाश जारी है। सुनील हत्याकांड के राजफाश का पुलिस भले ही दावा कर रही है, लेकिन इसमें पुलिस के दबाव में आकर कार्रवाई करने की चर्चा है।
सिर्फ आरोपों के चलते की कार्रवाई
लोगों का कहना है कि पुलिस के पास ऐसा कोई भी सुबूत नहीं है जिससे प्रेमिका के स्वजन को हत्यारा बताया जा सके। चर्चा है कि पुलिस ने सिर्फ आरोपों के चलते प्रेमिका के स्वजन जेल भेज दिया। पुलिस ने लगातार 16 घंटे जाम लगाने के मामले में सुनील के दो भाई व मां सहित 30 नामजद व 17 अज्ञात लोगों के विरुद्ध प्राथमिकी लिखी थी। अब पुलिस जल्द ही रोड जाम करने में नामजद लोगों पर कार्रवाई की तैयारी में है।