बरेली: शहर में पिंक टायलेट न होना एक बड़ी समस्या है। पिंक टायलेट न होने से शहर की ही नहीं शहर आने वाली महिलाएं भी परेशान होती है लेकिन इसका समाधान नहीं हो पा रहा है। फ्राइडे को दैनिक जागरण आईनेक्स्ट के कैंपेन के तहत कॉलेज आने वाली स्टूडेंट्स ने भी पिंक टॉयलेट जरूरी बताया। गर्ल्स का कहना था कि आज तक जो जिम्मेदार शहर में आए उन्होंने पिंक टायलेट बनवाने की कभी जरूरत नहीं समझी। जबकि महिलाओं के लिए यह समस्या कोई नई नहीं है, पहले से ही है। फिर भी महिलाओं की समस्या को अनदेखा किया जाता रहा है। जिम्मेदारों को चाहिए कि वह अब महिलाओं की समस्या को ध्यान में रखते हुए पिंक टायलेट का निर्माण कराएं, ताकि महिलाओं की समस्या दूर हो सके और वह भी मार्केट या फिर कॉलेज के लिए बेझिझक निकल सकें।
सिर्फ कहने के लिए आधी आबादी
कॉलेज स्टूडेंट्स का कहना है कि महिलाओं के लिए पुरुषों की आधी आबादी कहा जाता है, लेकिन जब आधी आबादी की प्रॉब्लम आज तक किसी जिम्मेदार ने नहीं सुनी और महिलाएं आज तक इस समस्या को फेस कर रही हैं। महिलाओं की भी समस्या को जिम्मेदार गंभीरता से लें, तभी इस समस्या का निस्तारण हो सकता है। महिलाएं मार्केट या फिर कॉलेज जाने के लिए निकलती हैं तो उनके लिए घर से सोच कर निकलती है कि उन्हें टायलेट जाना न पड़े। क्योंकि रास्ते में या फिर मार्केट जाते समय जो महिलाएं समस्या फेस करती हैं उसे सबसे अधिक दिक्कत होती है।
रास्तों पर भी हो टॉयलेट
कॉलेज जाने वाले रास्ते में भी पिंक टॉयलेट होना बहुत जरूरी है। क्योंकि अक्सर ऐसा होता है, कि जब हम घर से निकलते हैं। तो हमें टॉयलेट न जाने के लिए सोचना पड़ता है, रास्ते में कोई टॉयलेट नहीं है। ऐसी परिस्थितियों से बचने के लिए ही हम कम पानी पीते हैं। जिससे हमें टॉयलेट जाने की जरूरत न पड़े, शहर के कुछ रास्तों में पिंक टॉयलेट हैं पर उनकी हालत इतनी खराब है। महिलाएं उन्हें यूज करना पसंद नहीें करतीं, क्योंकि वह असुविधाजनक हैं। जिनको यूज करने से बहुत सी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। जिससे समस्याऐं बढ़ती जा रही है, जिनका समाधान सिर्फ पिंक टॉयलेट का बनना है।
सोनम स्टूडेंट
पिंक टॉयलेट की सुरक्षा जरूरी
शहर में जो भी टॉयलेट हैं वह सुरक्षा की दृष्टि से ठीक नहीं हैं। जिससे बहुत सारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। हमारे शहर में एक तो टॉयलेट बहुत ही कम हैं और वह भी असुरक्षित हैं। वहां पर कोई भी केयर टेकर नहीं है जिसकी वजह से हम खुद को सुरक्षित महसूस नहीं करते हैं। कोशिश करते हैं कि रास्तों पर बने टॉयलेट यूज न करना पड़े। महिलाओं के लिए बने टॉयलेट में कोई पुरुष न जाए और न ही उसके सामने खड़े हों। इस तरह के लोग गलत टिप्पणी करते हैं, जिसके चलते हम टॉयलेट यूज नहीं करना चाहते हैं। क्योंकि हम वहां खुद को सुरक्षित महसूस नहीें करते हैं।
पूजा मौर्या स्टूडेंट
कॉलेज जाने के लिए जब भी घर से निकलती हूं तो मुझे लगता है कि अब सीधे कॉलेज में ही टायलेट के लिए जाना पड़ें। बीच रास्ते में टायलेट के लिए जाना न पड़े क्योंकि टायलेट रास्ते में और मार्केट में हैं ही नहीं। ऐसे में महिलाओं को प्रॉब्लम फेस करनी पड़ती है। महिलाओं के लिए जिम्मेदारों की तरफ से सुविधाओं के लिए दावा तो किया जाता है लेकिन हकीकत में कितनी सुविधाएं मिल रही है इसका अंदाजा शहर के पिंक टायलेट को देखकर ही लगा सकते हैं। जिम्मेदारों को समझना चाहिए कि वह महिलाओं की समस्या को दूर करें और पिंक टायलेट का निर्माण कराएं।
भावना
पिंक टायलेट न होने से हम महिलाएं खुद को असहज महसूस करते हैं। इसीलिए जरूरी है कि पिंक टायलेट बनवाए जाए। मैं भी कभी मार्केट जाती हूं तो पुरुषों के टायलेट में जाना खुद को सुरिक्षत नहीं समझती हूं। इसीलिए जरूरी है कि पिंक टायलेट बनाए जाएं ताकि महिलाएं भी जरूरत पर यूज कर सके। शहर में पिंक टायलेट का निर्माण कराना ही काफी नहीं उन पर केयर टेकर भी बैठाए जाएं ताकि वहां पर साफ सफाई भी रहे।
अंजलि
मैं एक बार कॉलेज आ रही थी रास्ते में सोचा टायलेट जाने को लेकिन देखा तो पिंक टायलेट नहीं मिला पुरुषों के साथ महिलाओं का टायलेट बना हुआ जरूर दिखा लेकिन वहां पर पुरूष थे तो टायलेट जाने की हिम्मत ही नहीं हुई कॉलेज आकर टायलेट गई।
रितिका
पिंक टायलेट गंभीर समस्या है। इसके लिए महिलाओं का शर्मिदगी महसूस करनी पड़ती है। क्योंकि जब वह टायलेट जाना चाहती है तो वह इधर-उधर भटकती हैं लेकिन उनकी समस्या का कोई समाधान नहीं है। जिम्मेदारों को भी नहीं लगता है कि इस समस्या का समाधान किया जाए।
साक्षी
मैं कभी मार्केट जाती हूं तो घर से टायलेट करके निकलती हूं। क्योंकि मुझे तो पता है कि शहर की मार्केट या फिर कॉलेज तक जाने के लिए कोई टायलेट नहीं मिलना है। ऐसे में टायलेट जाने का काम ही नहीं बनता। कॉलेज पहुंचकर ही टायलेट जाने को मिलता है इसीलिए घर से तैयारी करके निकलती है।
शिखा
जिम्मेदारों को इस बात के लिए गंभीर होना होगा तभी इस समस्या का समाज में समाधान हो सकता है। क्योंकि इस समस्या के लिए कोई एक व्यक्ति दूर नहीं कर सकता है। अब तो हमारे शहर में स्मार्ट सिटी के तहत भी काम हो रहा है, अब तो स्मार्ट सिटी के तहत ही महिलाओं की समस्या दूर हो जाए और महिलाओं के लिए अलग से पिंक टायलेट बनाए जाएं तो बेहतर काम होगा।
वैशाली
महिलाओं के लिए टायलेट की व्यवस्था तो होनी ही चाहिए। क्योंकि महिलाएं पुरुषों के टायलेट में तो टायलेट के लिए नहीं जा सकती हैं। क्योंकि वहां प गंदगी इतनी होती है कि कोई भी महिला जाने से पहले सोचती है कि उसे हाइजीन की प्रॉब्लम हो सकती है। इसीलिए जरूरी है कि महिलाओं के लिए पिंक टायलेट जरूर हो।
सुरीली
पिंक टायलेट न होने से महिलाओं को प्रॉब्लम तो होती ही है इससे बीमार भी होने का चांस बढ़ जाता है.हमारे यहां यही बड़ी समस्या है कि महिलाओं की समस्या को अनदेखा कर दिया जाता है। मार्केट में अभी तक किसी जिम्मेदार ने पिंक टायलेट बनवाने की जरूरत ही नहीं समझी, जिस कारण आज प्रॉब्लम फेस करनी पड़ रही है।
सुरभि
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सोशल मीडिया कमेंट
जब हम मार्केट जाते हैं तो हमें यह लगता है, कि घर से निकलने के बाद टॉयलेट न जाना पड़े, क्योंकि पिंक टॉयलेट जो हम महिलाओं के लिए बने हैं। वह इस प्रकार के हैं, उन्हे यूज नहीं किया जा सकता। कु छ जगह तो हैं ही नहीं, मेरा मानना है ज्यादातर शहर में यह टॉयलेट होना चाहिए।
नीलम स्टूडेंट
पिंक टॉयलेट शहर में भले ही कितने क्यों न बना दिये गऐ हों, पर हर टॉयलेट में कोई न कोई कमी जरूर नजर
आ ही जायेगी। मैं यह कहना चाहती हूं, कि सबसे पहले उन्हें पूरी तरह से कंपलीट कराना बहुत जरूरी है। महिलाएं टॉयलेट यूज कर सकें। प्रियंका स्टूडेंट
पिंक टॉयलेट हम महिलाओं के लिए बहुत आवश्यक है, फिर भी हम उन्हें यूज करने से डरते हैं। क्योंकि उनमें कहीें न कहीं बहुत सी असुविधाएं देखने को मिलती हैं। जिसकी वजह से टॉयलेट को यूज करना सेफ नहीं लगता है । हम उन्हे यूज भी नहीं करते हैं।
रूचि गंगवार स्टूडेंट
शहर के पिंक टॉयलेट में सुविधा होना बहुत जरूरी है। टॉयलेट पूरी तरह से ठीक हो उसमें गंदगी भी न हो। सबसे महत्वपूर्ण बात टॉयलेट सेफ जगह पर हो, जहां पुरूषों का जाना कम हो, इससे हमें किसी भी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े।
नेहा स्टूडेंट
पिंक टॉयलेट का होना जरूरी तो है ही, टॉयलेट में केयर टेकर का होना भी बहुत जरूरी है। क्योंकि किसी भी प्रकार की असुविधा महिलाओं को न हो। वह इस बात का ध्यान रखे, कोई पुरूष वहां न आये। महिलाओं से किसी भी प्रकार का चार्ज न लिया जाऐ, क्योंकि यह सरकार की तरफ से नि:शुल्क होना चाहिए।
लता स्टूडेंट
शहर में जो पिंक टॉयलेट हैं, बनाऐ गए हैं। वह ज्यादातर बंद हैं, और कुछ खुले भी हैं। टॉयलेट यूज के लायक नहीं है, उनमें कई प्रकार की असुविधा देखने को मिली हैं। जिसकी वजह के शहर की कोई भी महिला उन्हें यूज नही करना चाहती है।
सोनाली स्टूडेंट
मेरा मानना है कि पिंक टॉयलेट गंदे होने की वजह से यूज करने के योग्य नहीं है। क्योंकि अगर हम इनका इस्तेमाल करते हैं, तो हाइजीन की प्रॉब्लम हो सकती है। जिसकी वजह से बहुत सी बीमारियां भी हो जाती हैं। हम अपनी सुरक्षा रखने के लिए भी यह टॉयलेट यूज नहीं करते हैं।
लवली स्टूडेंट