बरेली (ब्यूरो)। बच्चे को स्कूल भेजने के बाद आप निङ्क्षश्चत हो जाते हैं। मगर आपको क्या यह पता है कि जिस आटो-ई-रिक्शा से आप च्पने बच्चों को भेज रहे हैं वह कितने सुरक्षित तरह से उन्हें ले जा रहे हैं? शायद नहीं क्योंकि अगर आपको पता होता तो आप च्पने बच्चों की ङ्क्षजदगी से खिलवाड़ नहीं करते। आटो, ई-रिक्शा चालक कितने सुरक्षित तरहच् से बच्चों को लेकर जाते हैं इसकी पोल बुधवार को तब खुली जब एसपी ट्रैफिक ने स्कच्ली बच्चों से भरे एक आटो को पकड़ लिया। आटो में एक दर्जन से भी अच्धक बच्चों को ठूंस-ठूंसकर बैठाया गया था। उस आटो को सीज कर दो अन्य आटच् से बच्चों को घर भिजवाया गया।

कांस्टेबल को भी भेजा
बुधवार दोपहर करीब दो बजे एसपी ट्रैफिक अकमल खान चौपुला चौराहे पर वाहनों की चैङ्क्षकग कर रहे थे। इसी बीच बदायूं रोड से एक आटो स्कूच् के बच्चों को भरकर तेज रफ्तार में निकलने का प्रयास कर रहा था। एसपी ट्रैफिक ने उसे रोकाच्और बच्चे गिने। एक स्कूल के उसमच्ं 13 बच्चे बैठे हुए थे। चालक ने अपने अगल-बगल भीच्चार बच्चों को बैठाया हुआ था। इनमें च्े दो बच्चे आधे लटके हुए थे। यदि जरा भी आटो का वैलेंस बिगड़ता चेनों बच्चे सबसे पहले सड़क पर गिरते। एसपी ट्रैफिक ने चालक सेच्इतने बच्चे एक साथ बैठाने का कारण पूछा तो वह कुछ भी नहीं बता पाया। गुस्साए एसपी ने तत्काल टीम को आदेशित किया कि आटो को सीज करें। इसके बाद दो अन्य आटो बुलाकर उच्समें बच्चों को बैठाया और दोनों आटो के साथ एक-एक कांस्टेबल को भी भेजा। कहा कि उनके स्वजन को इस बात की जानकारी देकर आएं कि उच्नके बच्चे किस स्थिति में स्कूल जाते हैं।

आटो में तीन और ई-रिक्शा में चार सवारियां बैठाने का प्रावधान
ट्रैफिक पुलिस के अनुसार, किसी भी आटो में एक बार में तीन ही सवारियों को बैठाया जा सकता है। तीन सवारियों संग एक चालक का ही आटो में प्रावधान है। इसी तरह से ई-रिक्शा में एक बार में चार सवारियां ही बैठ सकती हैं। इससे अधिक सवारियां बैठाने पर उसे ओवरलोड माना जाएगा।

वर्जन ::
एक आटो में मानच् से अधिक बच्चों को बैठाकर ले जाया जा रहा था। जिसकी वजह से उसे सीजच्किया गया, बच्चों को अन्य आटो से उनके घर भेजा गया है।
-- अकमल खान, एसपी ट्रैफिक।