-यूपी टीईटी का पहला पड़ाव राहत भरा

-बीते सालों के मुकाबले कैंडीडेट्स का राहत

BAREILLY: यूपी टीचर्स एलिजिबिलिटी टेस्ट (टीईटी) का पहला पड़ाव राहत भरा रहा। पिछले दो बार से क्वेश्चंस काफी हार्ड पूछे जा रहे थे। इसको लेकर कैंडीडेट्स के माथे पर लकीरें भी साफ दिख रही थीं। लेकिन सैटरडे को टेस्ट खत्म होने के बाद कैंडीडेट्स चेहरे पर क्वेश्चंस सॉल्व करने का सुकून दिखा। अधिकांश कैंडीडेट्स जो काफी वक्त से टेस्ट की तैयारी कर रहे थे, वे इस बार क्00 परसेंट उम्मीद जगा बैठे हैं।

9भ् परसेंट रहे प्रजेंट

सैटरडे को पेपर टू का टेस्ट कंडक्ट किया गया। पहली पाली में क्8 सेंटर्स पर क्0,799 कैंडीडेट टेस्ट के लिए रजिस्टर्ड थे। ईवनिंग शिफ्ट में ब् सेंटर्स पर क्,989 कैंडीडेट्स रजिस्टर्ड थे। करीब भ् परसेंट से ज्यादा कैंडीडेट्स अब्सेंट रहे। वहीं संडे को पेपर फ‌र्स्ट का टेस्ट कंडक्ट किया जाएगा। सुबह की पाली में 8 सेंटर्स पर फ्8क् और शाम की पाली में क् सेंटर पर भ्क्9 कैंडीडेट्स अपीयर होंगे।

पर साहित्यक हिंदी ने होश उड़ाए

हालांकि टेस्ट में पूछे क्वेश्चंस ओवरऑल नॉर्मल थे। लेकिन हिंदी के पोर्शन ने जरूर कैंडीडेट्स को परेशान किया। उन्होंने बताया कि हिंदी में ग्रामर से रिलेटेड क्वेश्चंस कम साहित्य से रिलेटेड ज्यादा पूछे गए थे। ऐसे राइटर्स और उनके साहित्य के बारे में पूछा गया था जो उन्होंने पढ़े नहीं थे। साइंस के ऐसे कैंडीडेट्स जिनका मैथ्स सब्जेक्ट नहीं था उन्हें सवाल सॉल्व करने में ज्यादा प्रॉब्लम्स फेस करनी पड़ी।

मैने टेस्ट तीसरी बार दिया है। पहले दो के मुकाबले इस बार क्वेश्चंस काफी आसान लगे। चाइल्ड साइकोलॉजी के क्वेश्चंस करने में भी काफी राहत महसूस हुई। साइंस के खासकर मैथ्स के क्वेश्चंस ने थोड़ा बहुत परेशान किया।

-सुशील कुमार, कैंडीडेट

मैने टेस्ट दूसरी बार दिया है। मैथ्स मेरा सब्जेक्ट नहीं रहा इसलिए उसके क्वेश्चंस ने मुझे काफी परेशान किया। हिंदी में साहित्यिक क्वेश्चंस ज्यादा पूछे गए थे। कई ऐसे क्वेश्चंस आए थे जिनके बारे में मैंने पढ़ा नहीं था।

- अनुपम गुप्ता, कैंडीडेट