- एक दिन में दस कोरोना संक्रमितों की मौत से मचा कोहराम

- रुहेलखंड मेडिकल कॉलेज में एक साथ सात मौत के बाद स्वजनों ने काटा हंगामा

- मेडिकल कॉलेज पर मृतकों के स्वजनों ने लगाए गंभीर आरोप, मौके पर पहुंची पुलिस

बरेली : बरेली में कोरोना संक्रमितों की मौत का ग्राफ दिन-ब-दिन बढ़ रहा है क्योंकि यहां 'साहब' संजीदा नहीं है। इसी का नतीजा है कि थर्सडे को रूहेलखंड मेडिकल कॉलेज में सात और अन्य कोविड हॉस्पिटल में 3 कोरोना संक्रमितों की मौत हो गई। बता दें कोरोना संक्रमितों के इलाज में कहीं न कहीं लापरवाही बरती जा रही है। इसका खुलासा रूहेलखंड मेडिकल कॉलेज में एडमिट बुजुर्ग ने मरने से पहले किया। उन्होंने अपनी व्हाट्सएप चैट में लिखा है कि यहां से निकालना बहुत जरूरी है, यहां गतिविधियां अच्छी नहीं है जिससे साफ है कि हॉस्पिटल प्रशासन के इलाज से वह सेटिसफाई नहीं थे। वहीं कुछ ही घंटों के बाद हॉस्पिटल प्रशासन की ओर से परिजनों को उनकी मौत की सूचना दी गई।

फोन पर ये हुई बात

पापा, मैं बाहर हूं आप घबराना नहीं। आप ठीक हो जाएंगे। डॉक्टर से बात हो रही है, वह कह रहे हैं इलाज मिलते ही आपके पापा घर चले जाएंगे। बेटी की पिता से यह बातें हुए कुछ ही देर हुई थी। पिता से बात कर वह आश्वस्त थी कि पिता ठीक हैं। लेकिन कुछ ही देर में सूचना मिली कि पिता की मौत हो गई। बेटी पर जैसे दुखों का पहाड़ टूट पड़ा हो। रुहेलखंड हॉस्पिटल में चीत्कार मच गया। इस अस्पताल में थर्सडे को ही एक साथ सात मौतें हुईं, जबकि डिस्ट्रिक्ट में कोरोना संक्रमितों की कुल दस मौतें हुईं। इससे पूरे दिन हॉस्पिटल में कोहराम मचा रहा।

अधिकारियों के नहीं उठे फोन

शहर के जनकपुर निवासी राकेश त्रिवेदी की तबीयत बिगड़ने पर उन्हें रूहेलखंड मेडिकल कालेज में भर्ती कराया गया। यहां जांच होने पर वह कोरोना संक्रमित पाए गए। इसके बाद उनका इलाज शुरू कर दिया गया। उनकी बेटी प्रियंका त्रिवेदी ने बताया कि सुबह उनकी बात फोन से पापा से हुई थी। कुछ देर बाद अचानक रूहेलखंड मेडिकल कालेज से फोन आया कि उनके कार्डियक अटैक आया है और उनकी मौत हो गई। उसके बाद प्रियंका ने उसी नंबर पर कई फोन किए लेकिन वह नंबर नहीं लगा। वह मेडिकल कालेज पहुंची तो उन्हें बताया गया कि राकेश त्रिवेदी का शव ले जाएं। वह दोपहर 12 बजे तक अस्पताल के बाहर डॉक्टरों से बात करने को गिड़गिड़ाती रही लेकिन कोई उनसे बात करने नहीं आया। इस दौरान उन्होंने सीएमओ, एसीएमओ, एडीएम प्रशासन, एडीएम सिटी समेत कई अधिकारियों को फोन किया लेकिन किसी ने फोन नहीं उठाया। मौके पर पहुंची बारादरी पुलिस को उन्होंने मेडिकल कालेज के खिलाफ कार्रवाई के लिए शिकायत दी।

यहां भी बदल दिया शव

इसके बाद जब वह पिता का शव लेने पहुंची तो उन्हें किसी दूसरे मृतक राकेश का शव दे दिया गया। इस पर उन्होंने वहां हंगामा किया। पिता के बेड नंबर के बारे में जानकारी दी। करीब आधे घंटे बाद उन्हें शव मिल सका।

तीन अन्य संक्रमितों की मौत पर हंगामा

इसी तरह शहर के सिविल लाइंस क्षेत्र के रहने वाले राकेश का इलाज रुहेलखंड मेडिकल कालेज में चल रहा था। वह भी कोरोना संक्रमित पाए गए थे। इलाज के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया। शहर की एक महिला को हालत बिगड़ने पर बुधवार को भर्ती कराया गया था। इलाज के दौरान उन्होंने भी दम तोड़ दिया। मृतकों के परिजन मेडिकल कालेज परिसर में काफी देर तक हंगामा करते रहे उसके बाद वापस लौट गए। इसी तरह संजय नगर के वीरपाल कोरोना संक्रमित मिले तो परिजन ने उन्हें मेडिकल कालेज में भर्ती कराया। यहां इलाज के दौरान गुरुवार की दोपहर दम तोड़ दिया।

लापरवाही का आरोप

जहानाबाद से अवधेश कुमार को रूहेलखंड में भर्ती कराया गया था। परिजन के मुताबिक गुरुवार सुबह तक ठीक थे, अचानक फोन आया कि मौत हो गई है। मृतक के भाई राकेश शर्मा ने मेडिकल कालेज प्रबंधन पर इलाज में लापरवाही का आरोप लगाया है।

रजश्री मेडिकल कालेज में अधेड़ की मौत

राजश्री मेडिकल कालेज में मढ़ीनाथ निवासी ओरंटिएल बैंक के कर्मी जगदीश प्रसाद की हालत खराब होने पर उन्हें राजश्री मेडिकल कालेज भर्ती कराया गया। यहां जांच में संक्रमित पाए गए। गुरुवार को उन्होंने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया।

अपैक्स अस्पताल में दो की मौत

महानगर के पास स्थित अपैक्स हॉस्पिटल में पचास वर्षीस सुरेश चंद्र समेत दो लोगों की कोरोना से मौत हुई है। यहां एक साथ दो लोगों की मौत होने पर अस्पताल प्रशासन घबरा गया। अस्पताल की ओर से एक शव को एंबुलेंस से श्मशान भिजवा दिया गया, जबकि उनके परिजनों को सूचना भी नहीं दी गई।

रुहेलखंड मेडिकल कॉलेज में सात मौत हुई हैं। इसे लेकर कुछ मरीजों ने हंगामा किया था। नोडल अधिकारी होने के नाते मौके पर पहुंच कर स्थिति की जानकारी ली। मृतकों के स्वजनों को समझा बुझाकर शांत कराया। जिले में मृत्यु दर का बढ़ना ¨चता जनक है। इसकी रोकथाम के लिए प्रयास किए जा रहे हैं।

- डॉ। अशोक कुमार, एसीएमओ/नोडल अधिकारी रुहेलखंड मेडिकल कॉलेज