- मौसम विभाग ने जताई आशंका, अब खिलेगी धूप, गलन भी होगी कम

-पहाड़ों पर होने वाली बर्फबारी, पश्चिमी विक्षोभ का दिखा असर

बरेली : जिले में फ्राईडे की रात पिछले सात सालों में दिसंबर की सबसे ठंडी रात रही। न्यूनतम पारा 2.8 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। इससे पहले न्यूनतम पारा 3.0 डिग्री सेल्सियस था। इससे पहले फ्राईडे को न्यूनतम तापमान 3.3 डिग्री सेल्सियस था। वहीं, अधिकतम तापमान भी 12.7 डिग्री सेल्सियस रहा, यह सामान्य से दस डिग्री सेल्सियस कम है। वहीं संडे को भी सुबह से ही शीतलहर जारी रही लेकिन दोपहर में हल्की धूप खिलने से ठंडक कम महसूस की गई, लेकिन सूरज ढलने के बाद स्थिति फिर जस की तस हो गई, संडे को न्यूनतम तापमान 3.3 डिग्री सेल्सियस वहीं अधिकतम तापमान 14.8 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया।

ठंडक की ये बन रही वजह

मौसम विज्ञानी डॉ। आरके सिंह के मुताबिक इतनी ठंड की तीन मुख्य वजह हैं। पहला पहाड़ों पर होने वाली बर्फबारी, दूसरा पश्चिमी विक्षोभ और तीसरा ला-नीना। तीनों ही ठंड बढ़ाने के कारण हैं। चूंकि, इस बार तीनों एकसाथ हैं, इसलिए भीषण सर्दी का सितम जारी रहेगा। बरेली को पहाड़ों का पड़ोसी कहा जाता है। चूंकि, हिमालय पर्वत की श्रंखला समेत कई पहाड़ी इलाकों में बर्फबारी शुरू हो गई है। ऐसे में उधर, से चलने वाली हवाओं का असर जिले पर भी पड़ रहा है।

क्या है ला-नीना

बढ़ती ठंड की एक बड़ी वजह ला-नीना भी है। मौसम विज्ञानी बताते हैं कि पूर्वी प्रशांत महासागर की ओर से चलने वाली ये हवाएं ठंडी होती हैं। इससे कई इलाकों में बारिश भी होती है। जिले में इससे मौसम तेजी से बदला है।

जम्मू से भी कम रहा तापमान

जिले में सर्दी का आलम यूं समझा जा सकता है कि यहां जम्मू (3.3 डिग्री सेल्सियस) से भी ज्यादा ठंड रही। वहीं, शिमला (5.8), नैनीताल (4.0), लखनऊ (4.3), कानपुर (5.6), गोरखपुर (5.1) व आगरा (5.5) का तापमान भी बरेली से कम रहा।

निगम ने जलवाए अलाव

भीषण ठंड के प्रकोप को देखते हुए नगर निगम प्रशासन ने शहर के 50 स्थानों पर अलाव जलवाए जिससे मजलूमों के चेहरे अलाव तापते नजर आए, वहीं नगर निगम ने रैन बसेरों की व्यवस्था पहले ही कर ली थी जिससे सड़क पर सोने वालों को काफी सूहलियत मिल रही है।