बरेली (ब्यूरो)। भोजीपुरा क्षेत्र के पीपलसाना की किशोरी संडे को बालिका वधू बनने से बच गई। दरअसल संडे को इज्जतनगर थाना क्षेत्र से किशोरी की बारात जानी थी, इसी बीच उसके गांव से किसी कॉलर ने चाइल्डलाइन को सूचना दे दी। इस पर चाइल्ड लाइन, वन स्टॉप सेंटर ओर पुलिस बारात के पहुंचने से पहले ही मौके पर पहुंच गई और किशोरी के परिजनों को समझाकर बारात रुकवा दी। समझाने पर किशोरी के परिजन मान गए और बालिग होने तक शादी न करने की बात कही।
सात भाई बहन हैं किशोरी
पीपलसाना निवासी किशोरी के पिता ने बताया कि उनके तीन बेटियां और चार बेटे हैं। जिस बेटी की शादी थी उसकी उम्र आधार कार्ड में चार माह कम थी। यानि बालिग होने पर उसे अभी चार माह पहले ही उन्होंने निकाह करने की तैयारी की थी लेकिन अब वह उसकी शादी बालिग होने के बाद ही करेंगे। जिस किशोरी की शादी थी वह तीन बहनों से छोटी थी, किशोरी के पिता ने बताया कि वह आंखो से दिव्यांग हैं, मेहनत मजदूरी करके परिवार का पालन पोषण करते हैं।10:30 बजे मिली सूचना
जिला प्रोबेशन अधिकारी नीता अहिरवार ने बताया कि संडे सुबह लगभग 10:30 बजे एक व्यक्ति ने कॉल करके सूचना दी कि भोजीपुरा के ग्राम पीपलसाना में एक नाबालिक लडक़ी का बाल विवाह किया जा रहा है। जो नाबालिग है। उन्होंने तत्काल चाइल्ड लाइन, वन स्टॉप सेंटर की सब इंस्पेक्टर कनकलता एवं स्टाफ को बाल विवाह रुकवाने के संबंध में कार्रवाई करने के निर्देश दिए। उन्होंने वन स्टॉप सेंटर की टीम ने भोजीपुरा पुलिस थाने में सूचना दी गई, चाइल्डलाइन की टीम तत्काल पीपलसाना के लिए रवाना हुई पुलिस एवं चाइल्डलाइन वन स्टॉप सेंटर की टीम ने तत्काल प्रभाव से बाल विवाह को रोकने की कार्रवाई की गई एवं बालिका के माता-पिता को बाल कल्याण समिति के समक्ष कल प्रस्तुत होने के निर्देश दिए। बाल विवाह जाकर मौके पर रोका गया। टीम के द्वारा माता पिता को बाल विवाह एक अपराध है, इसमें सजा और दंड दोनों का प्रावधान है के विषय में अवगत कराया गया तब माता पिता ने यह लिखित रूप से दिया है कि उनकी लडक़ी जब तक 18 वर्ष से ऊपर नहीं होगी तब तक वह विवाह नहीं करेंगे। इस प्रकार से उत्तर प्रदेश महिला कल्याण विभाग द्वारा एक बालिका का भविष्य और स्वास्थ्य दोनों की ही सुरक्षा करते हुए बाल विवाह जैसी कुरीति को रोकने में सफलता प्राप्त की।