नए सेशन से डिग्री कॉलेजेज में लगेगी टीचर्स की हाजिरी
शासन कर रहा बायोमैट्रिक मशीन लगाने की कवायद
BAREILLY: नए सेशन से डिग्री कॉलेजेज में ना केवल स्टूडेंट्स की अटेंडेंस सुनिश्चित की जाएगी बल्कि टीचर्स की अटेंडेंस सबसे ज्यादा प्रियॉरिटी पर होगी। अटेंडेंस के मामले में अब तक स्टूडेंट्स की क्लास लगती थी, लेकिन इस क्लास से अब टीचर्स कतई नहीं बच सकते। उनकी क्लास लगना तय है। स्टूडेंट्स से पहले टीचर्स की अटेंडेंस सुनिश्चित की जाएगी। शासन इस ओर काफी गंभीर है। हायर एजूकेशन के ऑफिसर्स को यह निर्देश जारी किए गए हैं कि टीचर्स की अटेंडेंस को भी काफी गंभीरता से लिया जाए और शासन की तरफ से जो भी कदम उठाए जा रहे हैं उन्हें कॉलेजेज में अक्षरश: पालन कराया जाए। जल्द ही इस संबंध में कॉलेजेज स्तर पर भी कार्ययोजना तैयारी की जाएगी और दिशा-निर्देश जारी कर दिए जाएंगे।
एकेडमिक एक्सिलेंस में सुधार की कवायद
अटेंडेंस के मामले में टीचर्स की क्लास लगाने की तैयारी इसलिए की जा रही ताकि कैंपस के एकेडमिक एक्सिलेंस में और गुणात्मक सुधार किया जा सके। गवर्नमेंट और एडेड कॉलेजेज में स्टूडेंट्स की अटेंडेंस को लेकर बुरी स्थिति है। स्टूडेंट्स शुरुआत में केवल एडमिशन के टाइम ही कैंपस में नजर आते हैं। उसके बाद सीधे एग्जाम के दौरान ही कैंपस में पैर रखते हैं। जबकि स्टूडेंट्स के लिए मिनिमम 7भ् परसेंट अटेंडेंस कंपलसरी है। इसके लिए टीचर्स और स्टूडेंट्स एक दूसरे पर दोष मढ़ते हैं। टीचर्स का तर्क यह रहता है कि स्टूडेंट्स शुरू के एक-दो हफ्तों की क्लास अटेंड करने के बाद धीरे-धीरे गायब होने लगते हैं। जबकि स्टूडेंट्स का आरोप रहता है कि टीचर्स खुद ही क्लास में नहीं आते। वे ट्यूशन क्लास में ज्यादा इंट्रेस्ट दिखाते हैं। जब टीचर्स ही नहीं आते तो स्टूडेंट्स क्लास में कैसे आएं।
लग सकती है बायोमैट्रिक मशीन
स्टूडेंट्स और टीचर्स दोनों रेगुलर क्लास में आए इसी पर शासन गंभीर हुआ है। लेकिन जोर टीचर्स पर दिया जा रहा है ताकि वे आएं और क्लास में पढ़ाएं। जिससे स्टूडेंट्स भी क्लास अटेंड करने के लिए मोटिवेट हो सकें। इसके लिए शासन बायोमैट्रिक मशीन लगवाने की योजना बना रहा है। यह डिपार्टमेंट में लगाए जाएंगे ताकि टीचर्स आएं और सबसे पहले मशीन के जरिए अपना अटेंडेंस लगाएं। योजना तो यह है कि हर क्लास के शुरू और अंत में अटेंडेंस लगाएं। ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि वे कैंपस में पूरे दिन मौजूद रहे।
हर तीन महीने में होगी ऑनलाइन
यही नहीं उनकी अटेंडेंस को ऑनलाइन भी किया जाएगा। कॉलेज की वेबसाइट पर हर तीन महीने में अटेंडेंस ऑनलाइन किया जाएगा, ताकि पारदर्शिता बनी रहे। कोई भी वेबसाइट पर जाकर टीचर्स की अटेंडेंस चेक कर सुनिश्चित कर सकता है। शासन काफी तेजी से इस ओर काम कर रहा है। सोर्सेज की मानें तो हायर एजूकेशन डिपार्टमेंट को इसको लेकर निर्देश भी जारी हो चुके हैं। जल्द ही कॉलेजेज में इसको लेकर कार्ययोजना तैयार हो जाएगी। सोर्सेज की मानें तो बरेली कॉलेज में नेक्स्ट मंथ ही इस पर मुहर लग सकती है। अर्जेट बोर्ड की मीटिंग में इसे सुनिश्चित कर सभी को निर्देश जारी कर दिया जाएगा।
स्टूडेंट्स के लिए भी है यही योजना
एजूकेशन डिपार्टमेंट के सोर्सेज की मानें तो स्टूडेंट्स के लिए भी कुछ इसी तरह की योजना तैयार की जा रही है। 7भ् पर्सेट अटेंडेंस सुनिश्चित करने के लिए उनके अटेंडेंस के डाटा को भी कॉलेज की वेबसाइट पर ऑनलाइन किया जाएगा। इससे पहले एडमिशन के टाइम उनसे शपथ पत्र भरवाए जाने की योजना है। जिसमें स्टूडेंट को यह स्वीकार करना होगा कि यदि उसकी अटेंडेंस कम पाई जाएगी तो कॉलेज जो भी सजा देगा वह स्वीकार होगा। उन्हें एग्जाम से बाहर भी किया जा सकता है।
कैंपस में लगाए जाएंगे बोर्ड
स्टूडेंट्स के लिए कैंपस में साइन बोर्ड भी लगाए जाने की योजना है। एजूकेशन डिपार्टमेंट के सोर्सेज की मानें तो एंटी रैगिंग साइन बोर्ड की तरह यह बोर्ड लगाए जाएंगे, जिसमें यह लिखा होगा कि स्टूडेंट्स के लिए 7भ् परसेंट अटेंडेंस होना जरूरी है। वहीं निर्देश तो ऐसे भी हैं कि कॉलेजेज के प्रॉस्पेक्टस में भी अटेंडेंस को लेकर बड़े-बड़े अक्षरों में लिखा होगा।