-प्रधानाचार्य परिषद ने आरएन टैगोर में 15 लेखपालों को कक्ष निरीक्षक बनाने का किया विरोध
BAREILLY: बीते दिनों लखनऊ कंट्रोल रूम से नकल की जानकारी मिलने के बाद से प्रशासनिक अमला हरकत में आ गया है। एसडीएम-सदर द्वारा सेंसिटिव सेंटर आरएन टैगोर इंटर कॉलेज पर बायोलॉजी के एग्जाम में क्भ् लेखपालों को कक्ष निरीक्षक बनाया गया। इन लेखपालों की निगरानी में इस केंद्र के पांच कमरों में इंटरमीडिएट के बायोलॉजी का एग्जाम कराया गया। इससे पहले ब् मार्च के एग्जाम में भी एसडीएम-सदर द्वारा इस केंद्र पर ख्0 लेखपालों की निगरानी में एग्जाम कराया गया था। प्रशासन द्वारा इस सेंटर पर विशेष निगरानी रखे जाने पर प्रधानाचार्य परिषद द्वारा कड़ा विरोध जताया गया है। इस संगठन का कहना है कि इस तरह किसी एक सेंटर को एक फर्जी खबर के आधार पर प्रशासन द्वारा टारगेट किया जा रहा है।
डीएम से शिकायत करने की दी सलाह
प्रधानाचार्य परिषद ने इस एग्जाम सेंटर पर प्रशासन द्वारा लेखपालों को कक्ष निरीक्षक बनाएं जाने का विरोध जताया है। परिषद का एक दल सुरेश रस्तोगी की अध्यक्षता में डीआईओएस से मिला। इनके द्वारा आरएन टैगोर इंटर कॉलेज में प्रशासन के इस दखल पर नाराजगी जताई गई। इस संगठन का कहना है कि विभाग अगर इस सेंटर को संदिग्ध मान रहा है, तो कक्ष निरीक्षक बनाए गए टीचर्स को बदलकर विभाग को दूसरे टीचर्स से डयूटी करानी चाहिए थी। एसडीएम-सदर द्वारा लेखपालों को इंविजिलेटर बनाये जाने को ये संगठन शिक्षा विभाग की बदनामी मान रहा है। इनकी शिकायत पर डीआईओएस ने इन्हें बोर्ड परीक्षा समिति के अध्यक्ष डीएम के सामने अपनी बात रखने की सलाह देकर विदा कर दिया। ।
नकल माफिया के डर से दौड़े उड़नदस्ते
नकल की संभावनाओं को देखते हुए डीआईओएस के उड़नदस्ते की दो टोलियां बायोलॉजी के एग्जाम के दौरान दौड़ती रही। निरीक्षण में सेंसिटिव तहसीलों पर खास नजर रही, जिसमें डीआईओएस ने नबावगंज के दूर अंचल के केंद्रों का निरीक्षण किया। जबकि एसोसिएट डीआईओएस आरके सिंह ने आंवला के केंद्रों पर औचक निरीक्षण किया। इस दौरान किसी भी तरह की नकल नही पकड़ी गई।