नगर निगम के नई दरों के टैक्स से जनता हलकान, नगर आयुक्त से कंप्लेन

लखनऊ से भी महंगे रेट लगाए नगर निगम ने, टैक्स वसूली की कवायद को झटका

रेजिडेंशियल टैक्स के रेट दोगुने, कॉमर्शियल का रेट रेजिडेंशियल के पांच गुना तक

केस -1

भवन संख्या 48 बी-एफ 35-एफ 11 रामपुर गार्डन में नगर निगम के टैक्स विभाग ने बिल भेजा। बिल संख्या 001163 पर भवन मालिक का 2014-15 का रेजीडेंशियल टैक्स 1980 रुपए से बढ़ाकर 25,808 रुपए कर दिया गया। भवन के मालिक ने बढ़े हुए टैक्स बिल के खिलाफ आपत्ति जताई। लिखित शिकायत नगर आयुक्त को भेजी।

केस -2

रामपुर गार्डन के भवन संख्या 48-एफ-11 सी को टैक्स विभाग की ओर से 7 अगस्त को बिल भेजा गया। बिल संख्या 001166 पर भवन मालिक को साल 2014-2015 का कॉमर्शियल टैक्स 3960 रुपए से बढ़ाकर 62,295 रुपए कर दिया गया। भवन मालिक ने अचानक बढ़ाए गए टैक्स के खिलाफ आपत्ति जताते हुए नगर आयुक्त को शिकायत की।

केस-3

रामपुर गार्डन के ही भवन संख्या 48-एफ-11बी पर टैक्स विभाग ने साल 2014-2015 का कॉमर्शियल टैक्स 16,805 रुपए से बढ़ाकर 62,295 रुपए लगाया। भवन मालिक ने भेजे गए बिल संख्या 001165 पर आपत्ति जताते हुए बढ़े हुए टैक्स के खिलाफ नगर आयुक्त को शिकायत की। बढे़ हुए बिल को असंवैधानिक बताया।

BAREILLY: नगर निगम के टैक्स विभाग के खिलाफ एक बार फिर लोगों में जबरदस्त नाराजगी है। निगम ने साल ख्0क्ब्-क्भ् से जनता पर बढ़े हुए रेट पर टैक्स का बोझ लाद दिया है। बिना जानकारी के कई गुना बढ़ाए गए टैक्स के खिलाफ नगर आयुक्त को आए दिन कंप्लेन मिल रही हैं, जिसमें टैक्स में की गई जबरदस्त बढ़ोतरी के खिलाफ आपत्ति दर्ज कराते हुए इसे दुरुस्त किए जाने की मांग उठ रही है। नई व्यवस्था में निगम की ओर से रेजीडेंशियल टैक्स पर दोगुने तक और कॉमर्शियल टैक्स में रेजीडेंशियल टैक्स का ब् से म् गुना तक इजाफा कर दिया गया है। वहीं टैक्स के बढ़े हुए रेट पर भी विभाग की ओर से गड़बडि़यों की कंप्लेन मिल रही हैं।

बिन बताए की बढ़ोतरी

नगर निगम को अप्रैल ख्0क्क् में बढ़े हुए रेट पर टैक्स व्यवस्था लागू करनी थी। जो दो साल ख्0क्फ् तक जारी रहनी थी। जानकारों के मुताबिक इसके बाद निगम को नई टैक्स दरों पर मिलने वाली समीक्षा के आधार पर इसे आगे के लिए लागू करना था, लेकिन निगम इस दौरान नई दरों पर टैक्स लागू नहीं कर सका। साल ख्0क्ब् में बढ़े हुए रेट पर टैक्स लागू कर तो दिया लेकिन इसके बारे में न तो जनता को जागरूक किया गया और न ही कोई विज्ञापन जारी कर सूचना दी गई।

बढ़े टैक्स पर सवाल

बढ़ाए गए रेट पर टैक्स वसूले जाने के खिलाफ लोगों ने नगर निगम को सवालों के कटघरे में खड़ा कर दिया है। नगर आयुक्त को अपनी लिखित कंप्लेन में लोगों ने शासनादेश का हवाला देतेहुए असंवैधानिक बताया है। साथ ही टैक्स बढ़ोतरी में शासन की मंजूरी का हवाला दिया है। इसके अलावा निगम की ओर से बढ़े रेट पर टैक्स लागू करने में भी गड़बडि़यां की गई हैं। लोगों ने टैक्स विभाग के कर्मचारियों पर टैक्स बिल गलत बनाने और इसे सही कराने को लेकर बाबुओं की मनमानी के आरोप लगाए हैं।

राजधानी से भी महंगा बरेली

नगर निगम बरेली ने अपने करदाताओं पर लगाए नए टैक्स रेट के मामले में अनोखा ही रिकॉर्ड बना दिया है। दरअसल टैक्स रेट शहर के अलग-अलग एरिया में अलग तरह से लागू किया जाता है। लखनऊ में जहां हजरतगंज जैसे पॉश एरिया की टैक्स दरें ख्.भ्0 रुपए पर स्कॉवयर फीट हैं। वहीं बरेली नगर निगम ने डीडीपुरम और रामपुर गार्डन के पॉश एरिया की टैक्स की दरें ब् रुपए पर स्कॉयर फीट तय की हैं। नई टैक्स व्यवस्था में रेजीडेंशियल एरिया की दरें दोगुने तक हुई हैं। जबकि कॉमर्शियल टैक्स की दरें रेजीडेंशियल रेट से भ्-म् गुना तक बढ़ाई हैं।

बीमार बुजुर्ग भी हुए बेहाल

नगर निगम की नई टैक्स व्यवस्था और विभाग के कर्मचारियों की गड़बड़ी का खामियाजा शहर के बुजुर्गो को भी उठाना पड़ रहा है। आवास विकास कॉलोनी में रहने वाले 78 साल के वीसी जौहरी बेबस और बीमार हैं। दो बेटियों की शादी कर वह और उनकी पत्‍‌नी राज जौहरी ही घर में हैं। किडनी की बीमारी और स्पॉन्डिलाइटिस की प्रॉब्लम होने के बावजूद उनका टैक्स निगम में हर साल समय पर पड़ोसियों की मदद से जमा होता है। पिछले साल तक वह अपने 88ख् स्कॉवयर फीट में बने घर का टैक्स 7फ्0 रुपए सालाना देते थे। इस साल निगम ने टैक्स की दरें बढ़ाई तो वीसी जौहरी का टैक्स 7फ्0 रुपए से बढ़ाकर ख्,भ्फ्भ् रुपए कर दिया। इसमें भी विभाग के कर्मचारी ने गड़बड़ी की। भवन में कोई बदलाव न किए जाने के बावजूद बुजुर्ग का जो नया टैक्स लगाना चाहिए था वह करीब क्फ्00 रुपए तक होना था। लेकिन निगम कर्मचारी ने इसे बढ़े हुए रेट के हिसाब से भी दोगुना ज्यादा लगाया। बुजुर्ग दंपति के अलावा घर में कोई और न होने के चलते वीसी जौहरी ने गलत बिल लगाए जाने के बावजूद पूरा टैक्स अदा कर दिया।

-बढ़े हुए टैक्स अगर जनहित के खिलाफ हैं या उनसे जनता पर बुरा प्रभाव पड़ता है तो शासन निगम को बढ़े टैक्स रद करने के आदेश दे सकता है। प्रस्ताव लाकर शासन को इस पूरे मामले से अवगत कराया जाएगा। शासन से इस मामले में दखल देने की अपील की जाएगी।

- राजेश अग्रवाल, नेता पार्षद दल

नगर निगम की ओर से पुराने रेट पर ही टैक्स वसूली की जा रही है। अगर किसी को अपने टैक्स में कोई गड़बड़ी लगती है तो वह अपने भवन का नक्शा सहित शिकायत भेजे। उनकी समस्या दूर की जाएगी। जो शिकायतें मिली है, उन पर सुनवाई की जा रही है।

-शीलधर सिंह यादव, नगर आयुक्त