बरेली(ब्यूरो)। आखिर वह ही हो गया, जिसका अनुमान लगाया जा रहा था। स्मार्ट सिटी के कार्यों में जिम्मेदारों द्वारा बरती जा रही सुस्ती ने इसकी रैंकिंग को धराशायी कर दिया। इसको लेकर दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने 25 जुलाई के अंक में इसकी संभावना पहले ही जता दी थी। इसका कारण रैंकिंग का लगातार नीचे की ओर आना था। वेडनेसडे को स्मार्ट सिटी मिशन की ओर से सभी स्मार्ट सिटीज की रैंङ्क्षकग जारी की गई। बरेली की रैंङ्क्षकग जून माह में 41वें नंबर पर थी। जुलाई में यह 15 स्थान नीचे गिरकर 56वें स्थान पर पहुंच गई। अब जब रैंकिंग इतना नीचे पहुंच गई तो स्मार्ट सिटी के ऑफिसर्स बजट नहीं मिलने का रोना रोते नजर आ रहे हैं।

अधर में लटे कार्य
स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत शहर में तमाम कार्य किए जा रहे हैं। इनमें संजय कम्युनिटी तालाब, लाइट एंड साउंड शो, वर्टिकल गार्डन, मल्टीलेवल कार पार्किंग, भूल-भुलैया, घंटाघर सुंदरीकरण, स्मार्ट टॉयलेट, नाला निर्माण, मल्टीलेवल कार पार्किंग, सडक़ व फुटपाथ चौड़ीकरण समेत कई दर्जनभर से अधिक प्रोजेक्ट का कार्य अंतिम चरण में है। लेकिन, इनका शुभारंभ नहीं हो पा रहा है। प्रोजेक्ट के शुभारंभ नहीं होने के पीछे अधिकारी बजट का रोना रो रहे हैं। इससे रैंङ्क्षकग गिरने का सिलसिला लगातार जारी है। अधिकारियों की सुस्ती का ही परिणाम है कि इस बार स्मार्ट सिटी की रैंिकग इस बार इतना नीचे गिरते हुए 56वें स्थान पर जा पहुंची। इससे पहले जून में यह 17 से 24 स्थान नीचे गिरकर 41वें स्थान पर पहुंच गई थी।

वर्जन
दो माह से बजट नहीं मिलने से की वजह से काम की गति नहीं बढ़ पाई, इससे रैंङ्क्षकग पर असर पड़ा। दो अगस्त को बजट जारी हुआ है उम्मीद है इस माह बरेली की रैंङ्क्षकग में तेजी से उछाल आएगा।
निधि गुप्ता वत्स, सीईओ, स्मार्ट सिटी