-राजस्व परिषद ने मैनुअली सिग्नेचर के सर्टिफिकेट पर लगाई रोक

-अफसरों के डिजिटल सिग्नेचर वाले ही सर्टिफिकेट होंगे जारी

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BAREILLY: अब आय, जाति, निवास व अन्य सर्टिफिकेट बनवाने में फर्जीवाड़ा करना आसान नहीं होगा। निर्देश साफ है कि अब अफसरों को डिजिटल सिग्नेचर ही मान्य होंगे। सिर्फ इतना ही नहीं अगर सर्टिफिकेट पर मैनुअल सिग्नेचर किए तो फिर अफसरों पर कार्रवाई होगी। दरअसल, तहसीलों में होने वाले खेल को रोकने के लिएमैनुअली सिग्नेचर पर राजस्व परिषद ने रोक लगा दी है।

क्यों करना पड़ा बंद

दरअसल, हो यूं रहा था कि अफसरों के मैनुअल सिग्नेचर करके फर्जी सर्टिफिकेट बनाने के कई मामले प्रदेश भर में सामने आए। जिसके बाद राजस्व परिषद के आयुक्त ने यह साफ तौर पर निर्देश जारी कर दिया कि अब किसी भी तहसील में मैनुअल सिग्नेचर से सर्टिफिकेट जारी नहीं किए जाएंगे। अगर ऐसा पाया जाता है तो फिर इन केसेज को गंभीरता से लेते हुए संबंधित अधिकारी के खिलाफ एक्शन लिया जाएगा।

सभी सर्टिफिकेट वेबसाइट होंगे वेबसाइट पर

सर्टिफिकेट बनाने में बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा होता है। इसपर रोक लगाने के लिए ऑनलाइन सुविधा शुरू की गई। ऑनलाइन सर्टिफिकेट नेशनल ई-गवर्नेस प्लान के तहत स्टेट सर्विस डिलिवरी गेटवे सिस्टम से जनसेवा केंद्र और लोकवाणी सेंटर से ही आय, जाति, निवास व अन्य प्रमाण पत्रों को जारी किया जाता है। इसके लिए सभी एसडीएम और तहसीलदार के डिजिटल सिग्नेचर लिए गए हैं। इन सर्टिफिकेट पर डिजिटल सिग्नेचर ही होते हैं। ये सभी सर्टिफिकेट राजस्व परिषद की वेबसाइट पर भी लोड किए जाते हैं।

मैनुअली सिग्नेचर केस में एक्शन

ऑनलाइन सर्टिफिकेट की व्यवस्था में भी सेंध लगाने का प्रयास किया गया और एसडीएम और तहसीलदारों के मैनुअली सिग्नेचर से सर्टिफिकेट जारी किए जाने लगे। इसकी वजह से सर्टिफिकेट बनने में भी देरी होने लगी। यही नहीं इनका रिकार्ड भी आनलाइन मेंटेंन नहीं हो पाया। इसी के चलते राजस्व परिषद ने मैनुअली सर्टिफिकेट पर पूरी तरह से रोक लगा दी। शासन की सख्ती का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि तकनीकी प्राब्लम होने के बावजूद भी मैनुअल सर्टिफिकेट जारी नहीं किए जाएंगे।