सोशल साइट्स व व्हाट्सएप पर खूब पॉपुलर हो रहे मेसेज
होलिका दहन से वायरस दूर होने पर एक्सपर्ट्स में मतभेद
BAREILLY:
एक ओर जहां देश भर में महामारी की शक्ल ले चुके स्वाइन फ्लू से निपटने में सेंट्रल हेल्थ मिनिस्ट्री और पीएमओ तक बेबस साबित हो गए। वहां कपूर की टिकिया और हवन सामग्री अब एचक्एनक् वायरस के खिलाफ रामबाण साबित होंगे। यह हम नहीं कह रहे बल्कि व्हॉट्स एप व सोशल साइट्स पर तेजी से पॉपुलर हो रहे मेसेज बता रहे हैं। सोशल साइट्स व व्हॉटस एप पर आजकल तेजी से एक मेसेज वायरल हो रहा है, जिसमें कपूर जलाने व होलिका दहन में हवन सामग्री डालने से इलाके में स्वाइन फ्लू बीमारी में कमी आने का उपाय बताया जा रहा है। इन मेसेज पर हमने सिटी के मेडिकल एक्सपर्ट्स से बात की तो उनके विचारों में मतभेद मिलें।
जितनी ज्यादा होलिका, उतना कमजोर वायरस
व्हॉटस एप पर चल रहे मेसेज में कपूर जलाने से स्वाइन फ्लू के वायरस के कमजोर होने की बातें बताई जा रही हैं। साथ ही होलिका दहन के दौरान उसमें कपूर व हवन सामग्री डालने से एरिया में वायरस के कमजोर पड़ने की बातें बताई जा रही। इस पर शहर के कॉर्डियोलॉजिस्ट डॉ। राजीव गोयल का कहना है जितनी ज्यादा होलिकाएं शहर में जलेंगी, उससे हर तरह फ्लू वायरस कमजोर पड़ेंगे। डॉ। गोयल ने बताया कि यदि हर मोहल्ले में होलिका दहन न हो, तो लोग अपने घरों में हवन कराकर उसमें कपूर डालें।
कपूर न करेगा वायरस दूर
वहीं शहर के एक अन्य नामी फिजिशियन डॉ। सुदीप सरन इस राय से पूरी तरह इत्तेफाक नहीं रख रहे। डॉ। सरन ने इसे कोरी अफवाह करार दिया है। डॉक्टर का कहना है कि मान भी लें कि कपूर व हवन में एंटी वायरल प्रापर्टी हैं, तो भी यह बड़े लेवल पर एरिया को वायरस से कैसे दूर करेंगे या कमजोर कर सकेंगे। दूसरा यह है कि अगर कपूर के जलने से वायरस कमजोर हो भी जाएं तो आखिर कितनी देर तक यह असरदार रह सकेगा। फिलहाल लोगों में आजकल यह मेसेज बेहद वायरल हो रहा है। जिसके बारे में सही जानकारी किसी को नहीं।
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आईटीबीपी जवानों में फैला फ्लू
स्वाइन फ्लू की दहशत ने देश की सरहदों की सुरक्षा संभालने वाले जवानों में भी डर पैदा कर दिया है। ट्यूजडे को डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल की ओपीडी में स्वाइन फ्लू के डर से 9 इंडो-तिब्बत बॉर्डर पुलिस, आईटीबीपी के जवानों ने अपनी जांच कराई। डॉक्टर ने इन सभी जवानों का सामान्य परीक्षण किया और उनसे किसी और राज्य या फिर बीमारी वाले इंफेक्टेड एरिया में पोस्टिंग होने के सवाल किए। इन सभी जवानों में नॉर्मल फ्लू के लक्षण मिलें, तो उन्हें दवा देकर फ्-ब् दिन बाद आकर जांच कराने को कहा गया। वहीं ट्यूजडे को सस्पेक्टेड स्वाइन फ्लू के दो सैंपल जांच के लिए भेजे गए। इनमें एक सैंपल आईवीआरआई के साइंटिस्ट प्रो वीएन झा की वाइफ का लिया गया। तो वहीं दूसरा सैंपल पीलीभीत के एक मरीज का लिया गया। जिसका डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में चल रहा है।