-बरेली जिले में अब तक 30 से ज्यादा एच1एन1 वायरस के शिकार
-121 से ज्यादा सैंपल भेजे गए पीजीआई, 558 रोगियों की स्क्रीनिंग
BAREILLY: जानलेवा बीमारी स्वाइन फ्लू देश भर में भले ही हजारों लोगों को अपनी चपेट में ले चुकी हो, लेकिन बरेली में इसका प्रकोप नॉमर्ल है। ऐसा हेल्थ डिपार्टमेंट का मानना है। हालांकि बरेली में स्वाइन फ्लू के आंकड़े इससे अलग ही सच बयान करते हैं। दिल्ली से लेकर लखनऊ तक लोगों को डराने वाली इस बीमारी ने भी बरेली में भी अपना खौफ बरकरार रखा है। बरेली में अब तक फ्0 से ज्यादा लोग इस बीमारी का दंश झेल रहे हैं। वहीं म् से ज्यादा लोग इस बीमारी की चपेट में आकर अपनी जान गवां चुके हैं।
सवा सौ सैंपल भेजे पीजीआई
जनवरी के आखिरी हफ्ते में सीबीगंज की एक महिला के स्वाइन फ्लू से मरने का मामला उजागर हुआ था। इसी घटना से शहर में स्वाइन फ्लू ने अपनी दस्तक दे दी थी। तब से लेकर मार्च के पहले पखवाड़े तक क्ख्क् से ज्यादा सस्पेक्टेड स्वाइन फ्लू मरीजों के सैंपल सीएमओ ऑफिस की ओर से पीजीआई को भेजे जा चुके हैं। बरेली ही नहीं बल्कि आस पास के एरियाज समेत उत्तराखंड तक के मरीजों के सैंपल रोजाना ही एचक्एनक् वायरस की पुष्टि के लिए सीएमओ ऑफिस पहुंच रहे।
बढ़ते जा रहा स्क्रीनिंग का आंकड़ा
स्वाइन फ्लू की लोगों में बढ़ रही दहशत को देखते हुए भारत सरकार को इससे निपटने को नई गाइड लाइंस तक जारी करनी पड़ी। नई गाइडलाइंस के तहत सस्पेक्टेड मरीजों को एडमिट करने से पहले उनकी स्क्रीनिंग करने की जरूरत बताई गई। बरेली में पिछले एक महीने के दौरान ही सीएमओ की रैपिड रिस्पांस टीम ने भ्भ्8 से ज्यादा मरीजों की इस बीमारी की पहचान के लिए स्क्रीनिंग की। मार्च में बार बार पलटी मार रहे मौसम और बारिश ने इस वायरस को ताकतवर बनाए रखा है। जिससे इस बीमारी की चपेट में आने वालों का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है।
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स्वाइन फ्लू से निपटने के पूरे इंतजाम है। निजी हॉस्पिटल्स ने इसे बीमारी को पैनिक बनाया। स्थिति कंट्रोल में हैं। पहचान होते ही मरीजों को दवाएं व इलाज मुहैया कराया जा रहा है।
- डॉ। विजय यादव, सीएमओ