-ठंड और ह्यूमिड मौसम ने एच1एन1 वायरस को किया एक्टिव
-डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में सेल्फ सस्पेक्टेड स्वाइन फ्लू के मरीज बढ़े
BAREILLY: स्वाइन फ्लू के बढ़ते खौफ के बीच मौसम की करवट भी परेशानी का सबब बनी है। माहौल में ठंड और नमी की बढ़ोत्तरी ने स्वाइन फ्लू के वायरस को एक्टिव बनाए रखा है। कुछ हफ्तों पहले अलग-अलग जगहों पर हुई बारिश ने ही सूबे में इस बीमारी को तेजी से फैलने में मदद दी। नॉर्मल फ्लू व वायरल की तरह ही स्वाइन फ्लू का वायरस भी नमी और ठंडे माहौल में एक्टिव हुआ है। मेडिकल एक्सपर्ट का कहना है कि जब तक माहौल में ठंड और ह्यूमिडिटी कम नहीं होती और टेंपरेचर फ्7 डिग्री सेल्सियस तक नहीं पहुंचता तब तक इस बीमारी के कमजोर पड़ने के आसार नहीं।
वायरस के लिए मौसम मेहरबान
देश के अलग अलग राज्यों में एचक्एनक् वायरस के यकायक गंभीर होने की बड़ी वजह मौसम रहा है। कुछ दिनों पहले रुक-रुक कर होने वाली बारिश और ठंड के बरकरार रहने से यह मौसम स्वाइन फ्लू के फैलने में मददगार बना। दिल्ली और लखनऊ में इस तरह के मौसम ने वहां स्वाइन फ्लू के मरीजों की कतार लगा दी। ऐसे में इन दोनों राजधानियों को जोड़ने वाले बरेली शहर में भी इस बीमारी ने दस्तक देने के बाद अपने पांव पसारने शुरू कर दिए।
मौसम बदला तो बढ़ेगा खतरा
पिछले कुछ दिनों से टेंपरेचर में हो रही बढ़ोतरी से एक्सपर्ट्स को इस बीमारी के जल्द रोकथाम की उम्मीदें नजर आने लगी है। लेकिन मौसम विभाग के ठंड के मार्च तक खिंचने की आशंकाओं ने एचक्एनक् वायरस को काबू करने की उम्मीदों को भी ग्रहण लगाया है। दरअसल ठंड लंबे समय तक होने से इस बीमारी की समस्या भी बढ़ जाएगी। ऐसे मौसम में इस बीमारी का वायरस हवा में ज्यादा ऊपर नहीं उठ पाता। जिसके चलते लोग आसानी से हवा में फैले इन वायरस की चपेट में आ सकते हैं।
बढ़े 'सेल्फ सस्पेक्टेड' मरीज
स्वाइन फ्लू के बढ़ते खतरे से बरेली में भी लोग खौफजदा होने लगे हैं। हालांकि अब तक बरेली से सिर्फ ख् स्वाइन फ्लू के कंफर्म मरीज मिले हैं, जिसमें से एक की डेढ़ हफ्ते पहले मौत भी हो चुकी है। ऐसे में नॉर्मल फ्लू व वायरल के मरीज भी इस बीमारी के संदेह में डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल की ओपीडी में खिंचे चले आ रहे हैं। यह मरीज डॉक्टर्स से खुद के स्वाइन फ्लू के खतरे की चपेट में आने की फिक्र जता रहे। डॉक्टर्स ने ऐसे मरीजों को सेल्फ सस्पेक्टेड स्वाइन फ्लू केसेज करार दिया है। फिजिशियन समेत चेस्ट स्पेशलिस्ट के पास बीते ब्-भ् दिनों में ही फ्0 फीसदी मरीजों की तादाद बढ़ गई।
संजीदा रहे सर्दी जुकाम में
भले ही नजला जुकाम होना स्वाइन फ्लू का डर नहीं लेकिन डॉक्टर्स ने लोगों से सर्दी जुकाम व वायरल में संजीदा रहने की चेतावनी दी है। दरअसल स्वाइन फ्लू के लक्षण भी कॉमन फ्लू सरीखे होते हैं। ऐसे में ख्-फ् दिन तक जुकाम में राहत न मिलने पर तुरंत जांच कराएं। इसमें देरी न करें। इस दौरान सांस में तकलीफ होने पर जल्द से जल्द अनुभवी डॉक्टर्स से इलाज ले। समय पर स्वाइन फ्लू की पहचान और इलाज इस बीमारी के खिलाफ सबसे अहम कदम है।
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खराब मौसम व ठंड के चलते एचक्एनक् वायरस तेजी से एक्टिव हुआ। सर्दी बढ़ने पर इस बीमारी का खतरा बरकरार रहेगा। मार्च के दूसरे हफ्ते तक इस बीमारी के काबू में आने की उम्मीद है। जब टेंपरेचर फ्7-ब्0 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचा तो वायरस का असर कम होने लगेगा।
- डॉ। अजय मोहन अग्रवाल
पिछले कुछ दिनों से ओपीडी में मरीजों की तादाद फ्0 से फ्भ् फीसदी तक बढ़ गई है। हालांकि इनमें वायरल फीवर के मरीजों की तादाद ज्यादा है जो मौसम में हो रहे बदलावों से बीमार पड़ रहे। हर सर्दी जुकाम में सावधान रहे। आराम न मिलने पर जांच कराएं- डॉ। वीके धस्माना