-- वीमेंस डे पर आईनेक्स्ट के सर्वे में गर्ल्स और वीमेन ने रखी अपनी बात
-- 66 फीसदी महिलाएं देश में अपनी हालत से नाखुश, 54 परसेंट सुरक्षा को लेकर चिंतित दिखीं
BAREILLY: देश भले ही अपनी आजादी के म्7वें पड़ाव का आधा सफर तय कर चुका हो। पर इसकी आधी आबादी आज भी खुद की नजर में पिछड़ेपन का शिकार है। म्म् सालों की आजादी ने इंडिया को सपेरों का देश की पहचान से निजात दिलाकर विकसित देश की कतार में सबसे आगे खड़ा तो कर दिया, लेकिन अपनी आधी आबादी को पूरी सुरक्षा का भरोसा देने में कहीं पिछड़ गया। म्म् सालों की आजादी भी देश में महिलाओं के एक बड़े तबके को खुद की हालत पर नाखुशी का अहसास कराती हैं। विकास के तमाम रिकार्ड्स बनाने वाले देश में आज भी आधी आबादी के लिए उसकी सुरक्षा ही सबसे बड़ा मुद्दा है। ऐसे में हर साल मनाया जाने वाला वीमेंस डे क्या सही मायने में महिलाओं को उनकी अचीवमेंट्स का अहसास कराता है। सामाजिक, इकोनॉमिक और राजनीतिक नजरिए में आज भी पिछड़ेपन की टीस उन्हें सालती है। आईनेक्स्ट ने चुनाव और महिलाओं से जुड़े मुद्दों पर सर्वे के जरिए जानी शहर की आधी आबादी की सोच और पहल।
देश में अपनी हालत से म्म् फीसदी नाखुश
सर्वे में शामिल महिला और गर्ल्स से देश में उनकी स्थिति से संतुष्टि के बारे में पूछा गया था। इसके जवाब में म्म् फीसदी ने साफ तौर पर न कहा। म्म् फीसदी ने देश में महिलाओं की मौजूदा हालत पर नाखुशी जाहिर की। वहीं ख्9 फीसदी ने महज कुछ हद तक ही स्थिति सही होने की बात कही। जबकि सिर्फ ख् फीसदी ने ही हालत पर संतुष्टि दिखाई। हालांकि सर्वे में फ् फीसदी महिलाएं ऐसी भी रहीं, जो इस सवाल पर कोई जवाब न दे सकी।
ख्ख् फीसदी का वोट फैमिली करती है तय
चुनाव में महिलाओं की भागीदारी पर सवाल पूछा गया था कि आपके वोट को कौन प्रभावित करता है। इसके जवाब में ख्ख् फीसदी ने अपने पति, पिता या किसी फैमिली मेंबर्स को जिम्मेदार ठहराया। वहीं क्ब् फीसदी ने मीडिया के प्रभाव में वोट देने की बात कही, लेकिन सबसे ज्यादा तादाद भ्9 फीसदी महिलाओं की रही, जिन्होंने पॉलिटिकल पार्टीज की आइडियोलॉजी और कैंडीडेट के प्रोफाइल को परखकर वोट देने की बात कही। वहीं भ् परसेंट ने ही धार्मिक सौहार्द को इसकी वजह गिनाया।
महिलाओं के मुद्दे से दूर पार्टीज
सर्वे में पूछे गए सवाल क्या आपको लगता है कि राजनीतिक पार्टीज महिलाओं के मुद्दे को इग्नोर करती हैं। फ्म् फीसदी महिलाओं ने हां में जवाब दिया। अपने से जुड़े मुद्दों पर राजनीतिक पार्टियों की यह बेरूखी शहर में आधी आबादी के एक बड़े हिस्से को नाखुश कर दिया है। ब्9 फीसदी ने इस सवाल पर कुछ हद तक खुद को इग्नोर किए जाने की बात मानी। वहीं सिर्फ 8 फीसदी ने ही इस सवाल के जवाब में नहीं ऑप्शन को लॉक किया। जबकि 7 फीसदी महिलाएं ऐसी भी, जिन्होंने इस पर जवाब दे पाने में नाकाम रही।
भ्ख् फीसदी के लिए सेफ्टी ही मुद्दा
एक महिला वोटर होने के नाते भ्ख् फीसदी महिलाओं व गर्ल्स के लिए उनकी सेफ्टी ही सबसे बड़ा मुद्दा है। सर्वे में पूछे गए इस सवाल पर आधे से ज्यादा ने खुद की सुरक्षा को ही सबसे ज्यादा अहमियत दी। इसके बाद फ्क् फीसदी ने रोजगार को मौजूदा समय में सबसे बड़ा इश्यू माना। जबकि क्भ् फीसदी ऐसी भी रही, जिनके मुताबिक एजूकेशन ही चुनाव में वोटर होने के नाते उनके लिए सबसे बड़ा इश्यू है। हालांकि ख् फीसदी इस सवाल का कोई भी जवाब नहीं दे पाई।
78 फीसदी पहले से वोटर
सर्वे में शामिल तमाम महिला व गर्ल्स से पिछली बार वोट डालने का सवाल भी पूछा गया था, जिसमें से 78 फीसदी ने अपना जवाब हां में दिया। इतनी बड़ी तादाद में हां पर लगी मुहर देश में निकाय चुनाव से लेकर लोकसभा के गठन तक में महिलाओं की बढ़ती हिस्सेदारी और उनकी अहम भूमिका को दिखाता है। सिर्फ ख्ख् परसेंट ने ही इससे पहले कभी भी वोट न डालने की बात कही।
वोट अधिकार और फर्ज
सर्वे के पांचवें सवाल में शहर की महिलाओं ने अपने वोट को अपना हक और अपना फर्ज माना। आपके लिए वोट का क्या मतलब है, इस सवाल पर ब्9 फीसदी महिलाओं ने इसे अपना अधिकार बताया। कमोबेश यही सोच ब्म् परसेंट महिलाओं की भी रही जिन्होंने अपने वोट को अपना कर्तव्य मानते हुए। इसे अपनी जिम्मेदारी माना। सिर्फ ख् फीसदी महिलाओं के लिए ही वोट डालना एक तरह का बोझ रहा। वहीं फ् फीसदी महिलाएं हक, फर्ज या बोझ के बीच वोट का मतलब तलाशने में नाकाम रही।
सरकार प्रियॉरिटी पर रखे महिलाओं के मुद्दे
सरकार की प्राथमिकता में क्या होना चाहिए। सर्वे के इस सवाल पर फ्9 फीसदी ने महिलाओं के मुद्दे ऑप्शन पर अपनी मंजूरी की मुहर लगाई। इन महिलाओं के लिए सरकार को उनके मुद्दों को प्रियॉरिटी देनी चाहिए। जबकि फ्ख् फीसदी ने इकनॉमिकल ग्रोथ को अपना जवाब दिया। वहीं महिलाओं के मुद्दों और विकास से इतर ख्ख् फीसदी महिलाओं ने देश की आंतरिक सुरक्षा को सरकार के लिए प्रियॉरिटी बताकर देश की सुरक्षा के लिए कंसर्न दिखी। जबकि 7 परसेंट महिलाएं ऐसी भी रही, जिन्होंने देश में धार्मिक सौहार्द बनाए रखने की जरूरत बताई।
यूं रहा सर्वे
वीमेंस डे स्पेशल पर आईनेक्स्ट की ओर से किए गए सर्वे में चुनाव और महिलाओं की भूमिका पर जोर रहा। सर्वे में ऑप्शन बेस्ड कुल 7 सवाल पूछे गए थे। इनमें आधी आबादी के वोट के हक, उन्हें प्रभावित करने वाली वजह, वोटर होने के नाते उनके मुद्दे, देश में उनकी हालत और वोट का मतलब जैसे इश्यू शामिल थे। क्8-ब्भ् एज ग्रुप में ख्00 महिलाओं व गर्ल्स पर यह सर्वे किया गया था, जिसमें शहर की टीचर्स, वर्किंग गर्ल्स व वीमेन, स्टूडेंट्स और सेल्फ इंप्लॉयड विमेन ने भागीदारी की।