बरेली को मिले 36 मार्क
सेंट्रल गवर्नमेंट के निर्देश पर एडमिनिस्ट्रेटिव स्टॉफ कॉलेज ऑफ इंडिया (आस्की) की टीम यूपी के सभी शहरों को सर्वे कर रही है। संस्था के सर्वे में सीवरेज ट्रीटमेंट, गार्बेज का निस्तारण, रोड्स की कंडीशन, वाटर डिस्पोजल और साफ-सफाई के आधार पर सिटी को माक्र्स देती है। इसमें बरेली सिटी को 36 मार्क मिले हैं। इन आधार पर सिटी को ब्लैक कैटेगरी में रखा गया है। यूपी में हुए सर्वे के दौरान सिर्फ कानपुर ऐसा शहर है, जो टॉप टेन में आ सका है। कानपुर को 10 मार्क मिले है। जबकि 227 रेटिंग के साथ अलीगढ़ सबसे खराब कंडीशन वाले शहर में काउंट हुआ है.
सर्वे पर उठे सवाल
सर्वे में सीवरेज की पहुंच सिटी में 40 परसेंट दिखाई, जिस पर पार्षद राजेश अग्रवाल ने आपत्ति जताते हुए बताया कि पापुलेशन वाइज देखा जाए तो इसका दायरा सिर्फ 20 परसेंट है। यही नहीं सर्वे में वाटर की डिमांड प्रति व्यक्ति 348.5 एमएलडी और सप्लाई 285.7 एमएलडी दिखाई गई है। इस पर चीफ इंजीनियर आर.बी राजपूत ने सवाल उठाया। उन्होंने बताया कि एक्चुअल में डिमांड 105 एमएलडी और सप्लाई 100 एमएलडी है। इस दौरान आस्की के प्रतिनिधि राज रतन सरदार ने बताया कि सुझावों के आधार पर सर्वे में सुधार कर लिया जाएगा।
ग्रीन कैटेगरी में कोई नहीं
राज रतन सरदार ने बताया कि सिटी के टॉयलेट, वेस्ट वाटर डिस्पोजल, सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट और वाटर सप्लाई के बेस पर मिली रेटिंग ज्यादा बेहतर हो सकती थी। अगर यहां सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट और सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट लग जाता। सिटी के कूड़ा निस्तारण के लिए कोई व्यवस्था नहीं है। सर्वे में कैटेगरी मैनटेन पर उन्होंने बताया कि 33 मार्क से कम आने पर सिटी को ब्लैक लिस्ट रखा जाता है। 34 से 66 मार्क तक रेड, 67 से 90 मार्क तक सिटी को ब्लू कैटेगरी में और 91 से 100 मार्क पर ग्रीन कैटेगरी में रखा जाता है। हालांकि देश में किसी भी सिटी को ग्रीन कैटेगरी में नहीं रखा गया है।
सर्वे रिपोर्ट अगले 15 दिन के अंदर मिल जाएगी। जिसके बाद निगम प्लान का डीपीआर तैयार करेगा। प्रपोजल शासन को भेजा जाएगा। वहां से फंडिंग का अप्रुवल आते ही सिटी को सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट सहित दूसरी योजनाओं का लाभ मिलने लगेगा।
-डॉ आई.एस तोमर, मेयर