दवा संग दुआ भी चाहिए
ऐसा लगता है कि अमन पसंद शहर को किसी की नजर लग गई है। यह जैसे ही खड़ा होने की कोशिश करता है टूटी हुई साख का दर्द इसे खड़ा ही नहीं होने देता है। अब तो दवा के साथ शहर को दुआ की भी जरूरत है। ताकि तकलीफ कहीं नासूर न बन जाए। जरूरत है कि हम भाईचारे की तरफ कदम बढ़ाएं और शहर की फिजा खराब करने वालों को मुंह तोड़ जवाब दें।
सबको सद्बुद्धि दे खुदा
शहर बीमार हुआ तो हम उससे ज्यादा बीमार हुए। शहर के हालात ठीक नहीं हैं तो हमारी तबियत भी ठीक नहीं हो सकती। अब तो इसे दवा नहीं दुआ की ही जरूरत है। मैं तो अब खुदा से इसके अमनो-अमान की दुआ कर रहा हूं। वह सबको सद्बुद्धि दे। शहरवासी अपने शहर और समाज के बारे में सोचें। फासले दूर करके शहर की फिजा क ो फिर से सुधार दें। बच्चों के भविष्य के बारे में तो सोचें। ऊपर वाले से अब तो यही दुआ है सबको सही रास्ते पर लाएं।
-वसीम बरेलवी, प्रख्यात शायर
अग्नि परीक्षा दे रही सिटी
शहर के हालात दुखदायी हैं। ना जाने क्यों यह शहर कांटों पर चलकर अग्नि परीक्षा दे रहा है। ऐसे में जरूरी है कि दोनों पक्षों के लोग संयम बरतें। सभी धर्मों से गुजारिश है लाउड स्पीकर बंद किए जाएं। कहीं ध्वनि प्रदूषण न होने दिया जाए। धर्म का पालन मर्यादा में रहकर ही करें। तभी शांति कायम हो सकती है। वैसे भी धर्म का पालन तो एकांतवास का विषय है। यह सही है अशांति कुछ असामाजिक तत्व ही फैला रहे हैं। पर उन्हें अपने असंयम का फायदा न उठाने देंं।
-महंत कमलनयन दास, तुलसी मठ
अब बस भी करो
बहुत हो चुका अब खुदा के लिए बस करो। बरेली नगरी आला हजरत के नाम से देश-विदेश में पहचानी जाती है। आला हजरत ने हमेशा अमन और भाईचारे का पैगाम दिया है। फिर मजहब के नाम पर यह कैसा हंगामा। सभी लोग मिलजुल कर रहें। यह चमन हमारा है। इसकी साझी विरासत को सहेज कर रखना सबकी जिम्मेदारी है। मेरी सभी बरेलियंस से अपील है कि शहर में हर हाल में अमन कायम रखा जाए।
- हजरत मौलाना सुब्हान रजा खां सुब्हानी मिया, सज्जादानशीन, दरगाह-ए-आला हजरत
सियासी रोटियां न सेंकने दें
शहर को नजर तो लगी ही है। हमेशा खुशनुमा रहने वाले इस शहर को पता नहीं क्या हो गया है जो हर रोज यहां कुछ नया बवाल हो जाता है। छोटी-छोटी बातों पर हम आमने-सामने आ जाते हैं। हम यह भूल जाते हैं कि हम इंसान हैं और हिंदू-मुस्लिम बन जाते हैं। किसी भी शहर के लिए इससे खराब बात नहीं हो सकती है। मेरा शहरवासियों से यही अनुरोध है कि शहर की शांति बनाए रखें। किसी को भी इस माहौल में सियाशी रोटियां सेंकने का मौका न दें।
- डॉ। आईएस तोमर, मेयर