On the ‘main’ track of IIT
113 marks है cut off
जेईई एडवांस के लिए क्वालीफाईंग एग्जाम जेईई मेन की जनरल कैटेगरी की कट ऑफ 113 माक्र्स, ओबीसी की 70 माक्र्स, एससी कैटेगरी के लिए कट ऑफ 50 माक्र्स और एसटी कैटेगरी के लिए 45 माक्र्स की है। इससे ज्यादा माक्र्स स्कोर करने वाले कैंडीडेट्स 2 जून को होने वाले जेईई एडवांस के एग्जाम में एपीयर हो सकते हैं, इसका रिजल्ट 23 जून को डिक्लेयर किया जाएगा।
Selection process in IIT's
आईआईटीज में एडमीशन के लिए जेईई (एडवांस) में प्राप्त माक्र्स का 60 प्रतिशत और क्लास ट्वेल्थ के माक्र्स का 40 प्रतिशत जोड़कर मेरिट बनाई जाएगी। इस मेरिट के बेस पर काउंसिलिंग के थ्रू देश की कुल 16 आईआईटीज व आईएसएम धनबाद में एडमीशन लिया जाएगा। एडमीशन के लिए सेलेक्टेड कैंडिडेट्स के लिए जरूरी होगा कि वे अपने संबंधित बोर्ड के टॉप 20 प्रतिशत स्टूडेंट्स में शामिल हों।
Jee advance के लिए करें
online apply
जेईई मेन ब्रेक करने के बाद जो भी कैंडीडेट्स जेईई एडवांस के लिए एप्लाई करना चाहते हैं, वह ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के लिए http://jeeadvonline.iitd.ac.in, jeeadv.iitd.ac.in पर जाकर 8 से 13 मई के बीच करा सकते हैं। एग्जामिनेशन फी के पेमेंट के लिए उन्हें एसबीआई का चालान फिल करना होगा।
NIT‘s में admission का process
देश के 17 आईआईटी लेवल के इंस्टीट्यूट की सीट फुल होने के बाद कैंडिडेट्स को एनआईटीज, आईआईआईटीज व गवर्नमेंट फंडेड इंस्टीट्यूट सहित अन्य इंस्टीट्यूशंस में एडमिशन दिया जाएगा। ये एडमिशन जेईई (मेन) की मेरिट पर बेस्ड होगा। जेईई (मेन) में प्राप्त माक्र्स का 60 प्रतिशत और क्लास ट्वेल्थ के माक्र्स का 40 प्रतिशत जोड़कर मेरिट बनाई जाएगी। काउंसिलिंग के लिए ये मेरिट लिस्ट सात जुलाई को जारी होगी।
Category wise merit list
जेईई (मेन) में क्वालिफाई करने वाले कैंडिडेट्स के लिए जेई (एडवांस) आगामी दो जून को कंडक्ट कराया जाएगा। इस एग्जाम में कुल डेढ़ लाख कैंडिडेट शामिल होंगे। इनमें 50.5 प्रतिशत यानी 75,750 कैंडीडेट्स कॉमन मेरिट लिस्ट के हैं। ओबीसी कैंडीडेट्स की संख्या 27 प्रतिशत यानी 40,500 है। इसी प्रकार जेईई (एडवांस) में एससी कैटेगरी के 15 प्रतिशत यानी 22,500 कैंडीडेट्स और एसटी कैटेगरी के 7.5 प्रतिशत यानी 11.250 कैंडीडेट्स शामिल होंगे। पर्सन विद डिसएबलिटी की संख्या तीन प्रतिशत होगी। इन कैंडीडेट्स में जो जेईई (एडवांस) क्वालिफाई करेगा, वह आईआईटीज में एडमीशन के लिए एलिजिबल होगा।
Deemed में मिल सकता है एडमीशन
लास्ट सेशन तक बीटेक करने के लिए आईआईटी में एडमीशन के लिए एक मात्र आईआईटी का एग्जाम देना होता था, वहीं बोर्ड एग्जाम में 60 परसेंट माक्र्स सेक्योर करना जरूरी होता था। एनआईटी के लिए एआईईईई का एग्जाम कंडक्ट कराया जाता था। पर प्रजेंट सेशन में इस एग्जाम को दो पाट्र्स में डिवाइड किया गया है, जेईई मेन और जेईइ्र्र एडवांस। जेईई मेन में सेलेक्ट होने वाले ही जेईई एडवांस का एग्जाम दे सकते हैं। आईआईटी में सेलेक्शन के लिए जेईई एडवांस को क्लियर करना जरूरी है। वहीं जेईई मेन क्लियर करने वाले कैंडीडेट्स आईआईआईटी के अलावा, डीम्ड यूनिवर्सिटी में भी एडमिशन ले सकते हैं।
गौरेश को बनना है scientist
सिटी के वीर सावरकर नगर में रहने वाले गौरेश गंगवार ने जेईई मेन में 314 माक्र्स सिक्योर किए हैं। फिलहाल, सिटी में यह जेईई मेन में हाई एस्ट स्कोरिंग माक्र्स हैं। ट्यूजडे को रिजल्ट आने के बाद से ही उनके घर में सेलिब्रेशन का माहौल है। लास्ट ईयर केवी एनईआर से इंटरमीडियट कंप्लीट करने वाले गौरेश आइंस्टीन और न्यूटन को अपना आइडियल मानते हैं। वह भी साइंटिस्ट बनना चाहते हैं। बेटे की सक्सेस से पापा ने बताया कि यह इतना पढ़ता था, कि मुझे यह कहना पड़ता था कभी सो भी जाया करो। गौरेश कहते हैं, कि वह जो टॉपिक पढऩा शुरू करते थे, उसे खत्म किए बगैर स्टडी ब्रेक नहीं लेते थे। कहते हैं कि यह तो पहला पड़ाव है, उनकी मंजिल तो जेईई एडवांस ब्रेक करने की है।
Software expert का सपना
सिद्धार्थ गुप्ता ने अभी 12 के एग्जाम्स दिए हैं और उन्हें जेईई मेन के एग्जाम्स में भी 255 माक्र्स मिले हैं। वह काफी खुश हैं कि इसके बाद वह एनआईटी तो ज्वाइन कर ही सकते हैं। इसके साथ ही आईआईटी के लिए जेईई एडवांस का एग्जाम देने का भी मौका मिला है। इतना ही नहीं, सिद्धार्थ कहते हैं कि कॉम्पिटीशन और क्लास 12 की प्रिप्रेशन एक साथ करना ईजी नहीं था, पर वह इसे बैलेंस करके चलते थे। इसमें उन्हें नरेश सर सबसे ज्यादा हेल्प की। कभी भी पढ़ाई को बोझ मानकर नहीं करते थे। वह सॉफ्टवेयर एक्सपर्ट के रूप में कॅरियर संवारना चाहते हैं।
बाजेगा को बनना है मैनेजमेंट गुरू
बाजेगा तबस्सुम ने यूं तो लास्ट ईयर ही 12 पास कर लिया था, पर उनका ऐम आईआईटी से बीटेक करना था। इसके लिए उन्होंने कोचिंग ज्वाइन की और जमकर मेहनत की। उन्हें जेईई मेन के एग्जाम में 211 माक्र्स सिक्योर किए हैं। बाजेगा पढ़ाई के लिए टाइम मैनेजमेंट को सबसे इंपार्टेंट मानती हैं। वह कहती हैं खुद को रिफ्रेश रखने के लिए मेरे टाइम शेड्यूल में एंटरटेन्मेंट के लिए भी समय रहता था। वह आईआईटी से बीटेक करने के बाद आईआईएम से एमबीए करना चाहती हैं।
इस एग्जामिनेशन के प्रॉस एंड कॉन्स दोनों ही हैं। यह पैटर्न स्टूडेंंट्स के लिए काफी कन्फ्यूजिंग रहा है। वह कॉम्टिीशन या बोर्ड किसी एक के लिए सेंट्रलाइज नहीं हो सकते हैं। हालांकि, इस पैटर्न से बोर्ड के माक्र्स की अहमियत काफी बढ़ गई है।
डॉ। नरेश उपाध्याय, कोचिंग फैकल्टी
काफी कॉमप्लिकेटेड एग्जामिनेशन स्ट्रक्चर होने की वजह से स्टूडेंट्स में कन्फ्यूजन बढ़ा है। पहले आईआईटी में एडमिशन के लिए केवल एक ही एग्जाम देना होता था, अब तीन एग्जाम्स पर डिपेंड होना पड़ेगा। मैनेजमेंट के जरिए ही स्टडीज ठीक से हो सकती हैं।
विशाल वाष्र्णेय, कोचिंग फैकल्टी