बरेली (ब्यूरो)। बच्चों को अभी से आर्टिफिशियल इंटलिजेंस से लैस करने की तैयारी है। सीबीएसई के निर्देश पर शहर के स्कूलों में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस की स्टडी शुरू कराई जा रही है। एआई की स्टडी करने वाले स्टूडेंट्स में भी गजब का उत्साह देखने को मिल रहा है। एआई की बनाई गई लैब में स्टूडेंट्स को स्टडी और प्रैक्टिकल कराया जा रहा है। माधव राव सिंधिया स्कूल में बनाई गई एआई लैब में क्लास एक से लेकर 12वीं तक के स्टूडेंअ्स के लिए पढ़ाई कराई जा रही है।

तकनीक से बढ़ेगी क्वालिटी
इस तकनीक से बच्चों में क्वालिटी बढ़ेगी। बच्चे पढ़ाई के साथ-साथ एआई की भी जानकारी रखेंगे। यह फ्यूचर की टेक्नालॉजी है। खास बात यह है कि इसके लिए अलग से कोई फीस नहीं ली जाएगी। इस तकनीक को बच्चे मन से सीख भी रहे हैं। इससे बच्चों में क्वालिटी बेहतर हो रही है।

क्या है लेवल
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पढ़ाने वाली टीचर का कहना है कि उनके यहां तीन लेवल पर पढ़ाई कराई जाती है। क्लास एक से तीन तक के स्टूडेंट्स को सिर्फ जनरल नॉलेज दी जाती है। इसमें उन्हें किसी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस के बारे में जानकारी दी जाती है। इसके बाद क्लास तीन से आठवीं तक के स्टूडेंट्स को लेवल वन की पढ़ाई कराई जाती है। इसमें उन्हें इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट के बारे में जानकारी दी जाती है। इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट से क्या और कैसे यूज करते हैं इसकी भी जानकारी दी जाती है। लेवल टू की पढ़ाई क्लास नाइन से टेन्थ तक के स्टूडेंट्स के लिए कराई जा रही है। इसमें उन्हें सेंसर रिमोट आदि की जानकारी के साथ इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट की भी जानकारी और प्रयोग बताए जा रहे हैं। लेवल थ्री पढ़ाई इलेवन्थ और ट्वेल्थ के स्टूडेंट्स को कराई जा रही है। इसमें उन्हें किसी भी प्रोजेक्ट पर कार्य करना सिखाया जाता है। स्टूडेंट्स को सेंसर रिमोट का प्रयोग कहां पर करना है यह भी उन्हें प्रैक्टिकली बना कर दिखाना होता है। किसी भी डिवाइस को वह बनाकर दिखाते हैं या फिर स्कूल में उन्हें प्रैक्टिकल के माध्यम से बनवाई जाती है। ताकि स्टूडेंट्स आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को बेहतर से समझ सकें।

45 मिनट की है क्लास
लैब की क्लास 45 मिनट की होती है। इसमें बच्चों को बहुत कुछ सिखाया जाता है। टीचर का कहना है कि पढ़ाई से ज्यादा लैब में सिखाने में अधिक ध्यान दे रहे हैं। बच्चों का कहना है कि पढ़ाई से ज्यादा इस पर फोकस दिया जाए।

टीचर्स को दी गई ट्रेनिंग
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस लैब में स्टूडेंट्स को पढ़ाने के लिए टीचर्स को भी ट्रेनिंग दी गई है। ट्रेंड टीचर्स लैब में स्टूडेंट्स को बेहतर ढंग से स्टडी करा रहे हैं। स्कूल में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की लैब बनकर तैयार हो गई है। इस नए सत्र से एआई की पढ़ाई भी कराई जा रही है। काफी अपडेट और हाईटेक लैब तैयार की गई है, ताकि स्टूडेंट्स को इसमें ना केवल तकनीकी ज्ञान मिले बल्कि वह अपने फ्यूचर में सेल्फ डिपेंड भी बन सकें। एआई की शिक्षा देने वाली टीचर्स को भी ट्रेंड किया गया है।
डॉ। सौरभ अग्रवाल, चेयरमैन, माधवराव सिंधिया पब्लिक स्कूल

स्टूडेंट्स की बात
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस स्कूल टाइम में ही पढ़ाया जा रहा है। इसको पढऩे में काफी मन लगता है और बहुत कुछ सीखने को भी नई जानकारी मिलती है।
मौली अग्रवाल, क्लास-8

स्कूल में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की लैब बनने के बाद अब काफी प्रैक्टिकली ज्ञान भी दिया जा रहा है। हम लोग कई प्रोजेक्ट भी बना रहे हैं, नई-नई जानकारियां मिल रही हैं।
अंजलि, क्लास-8

काफी अच्छी जानकारी मिल रही है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में मेरी काफी रुचि भी है। यहां पर डेली क्लास होती है।
अंश, क्लास-8

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के माध्यम से तकनीकी ज्ञान दिया जा रहा है। ये फ्यूचर में काफी कारगर साबित होगा, क्योंकि प्रैक्टिकली ज्ञान काफी अच्छा होता है।
आयुष, क्लास-8