बरेली (ब्यूरो)। बरेली कॉलेज में चलने वाले सेमेस्टर कोर्स को नई शिक्षा नीति के तहत एक सेमेस्टर में बदल दिया गया। लेकिन, इसकी जानकारी अलग से बरेली कॉलेज को नहीं भेजी गई। इस कारण बरेली कॉलेज से मास कम्यूनिकेशन का डिप्लोमा करने वाले 30 से अधिक स्टूडेंट्स का भविष्य अधर में फंस गया है। हालांकि 25 जुलाई को अपनी समस्या को लेकर बरेली कॉलेज में प्रदर्शन भी किया और 26 जुलाई को एमजेपीआरयू परीक्षा नियंत्रक के पास पहुंचे, लेकिन परीक्षा नियंत्रक से बात नहीं हो सकी। इसके बाद बरेली कॉलेज आकर फिर से समस्या के समाधान की मांग की। वहीं स्टूडेंट््स की समस्या को देखते हुए बरेली कॉलेज के प्राचार्य ने आरयू के परीक्षा नियंत्रक से बात कर समाधान निकालने का भरोसा दिया है।

पहली बार आ रही समस्या
बरेली कॉलेज से मास काम डिप्लोमा कोर्से के प्रभारी उमेश की माने तो एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स का एक वर्ष बाद ही एग्जाम होता था। लेकिन इस बार भी सभी को जानकारी यही थी कि रेग्यूलर कोर्सेस को सेमेस्टर में कर दिया गया है लेकिन जो डिप्लोमा कोर्स है उसको अभी वार्षिक ही रखा गया है। इसी को ध्यान में रखते हुए सभी स्टूडेंट्स परीक्षा फार्म के आने का इंतजार कर रहे थे। कुछ स्टूडेंट्स आरयू के चक्कर भी लगा रहे थे। सेकंड सेमेस्टर के एग्जाम फार्म भरने के लिए जैसे ही नोटिफिकेशन जारी हुआ वैसे ही स्टूडेंट््स ने फार्म भरने के लिए प्रयास किया तो उनका फार्म ही ओपन नहीं हुआ। साइट पर फार्म ओपन इसीलिए नहीं हुआ क्योंकि स्टूडेंट्स ने फस्र्ट सेमेस्टर का फार्म ही नहीं भरा था। जिस कारण परीक्षा फार्म ओपन ही नहीं हो रहे थे। इसी समस्या को लेकर स्टूडेंट्स सेटरडे को विभाग के टीचर के पास समस्या को लेकर गए लेकिन समाधान नहीं हो सका।

आरयू से मांगेंगे अनुमति
बरेली कॉलेज 30 से अधिक स्टूडेंट्स का भविष्य अधर में फंसता देख प्राचार्य ओपी राय ने आरयू परीक्षा नियंत्रक से समाधान के लिए बात की। समाधान निकालने के लिए बरेली कॉलेज प्राचार्य ने वेडनसडे को एक पत्र भी भेजा है जिसमें परीक्षा कराने की मांग की है। हालांकि परीक्षा नियंत्रक ने अभी इस बारे में कोई निर्णय नहीं लिया है।

स्टूडेंट्स ने जताया विरोध
बरेली कॉलेज के मास कॉम के परीक्षा फार्म ओपन होने की जानकारी जैसे ही स्टूडेंट्स को हुई तो पहले तो सभी खुश हुए। लेकिन बाद में पता चला कि कैफे पर किसी स्टूडेंट्स के फार्म ही नहीं ओपन हो रहे हैं तो बाद में मायूस होकर अपने टीचर को बताने लगे। टीचर ने इस मामले कुछ जानकारी होने इनकार कर दिया। इसके बाद कुछ स्टूडेंट्स आरयू पहुंचे और विरोध जताया। स्टूडेंट्स का कहना था कि गलती उनकी नहीं तो उनका वर्ष खराब क्यों किया जा रहा है। उनके लिए इस बारे में किसी के द्वारा कोई सूचना नहीं दी गई। जबकि कॉलेज में सभी स्टूडेंट्स को यही जानकारी थी कि परीक्षा एक वर्ष के बाद ही एक बार होगी।