छत्रपाल ने बीटेक के स्टूडेंट के तौर पर महामंत्री पद का चुनाव जीता। इसके बाद से ही उन्होंने मेन स्ट्रीम पॉलिटिक्स में एंट्री करने के लिए पांव पसारने शुरू कर दिए। एबीवीपी से चुनाव जीतने के बाद उन्होंने बीएसपी ज्वॉइन की पर विधानसभा टिकट कटने के बाद उन्होंने क ांग्रेस से नाता जोड़ लिया। पर जब कांग्रेस में भी उन्हें प्रत्याशी नहीं बनाया गया तो एक बार फिर पार्टी बदलकर समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए हैं। उन्होंने दावा किया बीटेक स्टूडेंट की एकेडमिक्स प्रॉब्लम्स, एनिमल साइंस और प्लांट साइंस को लाइफ साइंस से एप्रूवल और बैरियर लगवाया था।

कहां है वो लीडर्स

छत्रपाल सिंह, महामंत्री

सत्र 2006-07, आरयू

धीरे-धीरे बढ़ रहे main stream politics की ओर कदम

हरविंदर ने एबीवीपी के टिकट पर बीसीबी के महामंत्री पद का चुनाव जीता। चुनाव जीतने के बाद उन्होंने स्टूडेंट वेलफेयर के तमाम काम किए हैं। उन्होंने दावा किया है कि कॉलेज में जीसीआर, छात्र संघ भवन, ब्वॉयज कैंटीन, फ्री साइकिल स्टैंड की व्यवस्था उनके कार्यकाल में ही शुरू हुई। यह चुनाव जीतने के बाद मेन स्ट्रीम पॉलिटिक्स में आने के लिए उन्होंने भाजपा युवा मोर्चा ज्वॉइन किया। इस समय उनके पास विभाग प्रभारी के तौर पर बरेली और बदायूं जिले की जिम्मेदारी है। इसके साथ ही इस समय उन्हें बीसीबी इलेक्शन की जिम्मेदारी भी दी गई है।

कहां है वो लीडर्स

हरविंदर यादव, महामंत्री

सत्र 2006-07, बीसीबी