-कॉपियों में अटैच किये निकल रहे हैं दस से लेकर पांच सौ तक के नोट

-एग्जामिनर्स डकार रहे हैं रुपया, मूल्यांकन केंद्र इंचार्ज तक नहीं पहुंच रही सूचना

<-कॉपियों में अटैच किये निकल रहे हैं दस से लेकर पांच सौ तक के नोट

-एग्जामिनर्स डकार रहे हैं रुपया, मूल्यांकन केंद्र इंचार्ज तक नहीं पहुंच रही सूचना

BAREILLY:

BAREILLY: यूपी बोर्ड एग्जाम में स्टूडेंट्स ने आंसर्स लिखने से ज्यादा एग्जामिनर्स को इमोशनली ब्लैकमेल करने में अपना दिमाग चलाया है। यही वजह है कि एग्जामिनर्स को कॉपी में आंसर की जगह दस से लेकर पांच सौ तक के नोट मिल रहे हैं। साथ ही, पास करने की गुजारिश भी किए हैं। ताकि, एग्जामिनर रहम खाकर पास कर दें। फिलहाल एग्जामिनर्स रहम खा रहे हैं या नहीं, लेकिन यह जरूर है कि कॉपी में मिले वह जरूर डकार रहे हैं।

सर बस दस रुपया है, पास कर देना

जीआईसी स्थित मूल्यांकन केंद्र में इंटरमीडिएट के इंग्लिश लिटरेचर की कॉपी में दस रुपया का नोट नत्थी था। स्टूडेंट ने आंसर की जगह अनुरोध पत्र लिखा था कि उसके पास महज दस रुपए ही थे। ये कॉपी सुल्तानपुर डिस्ट्रक्ट की है। वहीं एक कॉपी में सौ रुपये का नोट मिला। हैरत की बात है कि इन कॉपियों में प्रलोभन देने के लिए रखे गए रुपयों की कोई भी शिकायत जीआईसी मूल्याकंन केंद्र के इंचार्ज को नहीं दी गई है।

सोशल साइंस की कीमत भ्0 रुपये

हाईस्कूल के सोशल सांइस सब्जेक्ट की कॉपी चेक करते हुए एक कॉपी में भ्0 रुपये का नोट अटैच मिला। मूल्यांकन केंद्र जीआईसी में पायी गई ये कॉपी अमेठी जिले की है। इस्लामियां इंटर कॉलेज में भी इस बाबत जांच की गई, लेकिन वहां कोई मामला नहीं मिला। केडीएम इंटर कॉलेज और अन्य सेंटर्स पर कॉपियों में अन्य गड़बडि़यां निकली हैं, जिसमें इमोशनल ब्लैकमेलिंग मेन है। रुपये से नत्थी कॉपियों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए एग्जामिनर ने कोई भी शिकायत मूल्यांकन केंद्र के इंचार्ज को नहीं दी है।

कहीं चली लस्सी, तो कहीं बस खीरा

स्टूडेंट्स ने अपने सब्जेक्ट की जितनी कीमत आंकी, उसके हिसाब से ही उनसे कॉपी में रुपयों के नोट नत्थी कर दिए। मूल्यांकन केंद्रों पर जिन रूम्स में इंग्लिश, फिजिक्स, केमेस्ट्री, और दूसरे टफ माने जाने वाले सब्जेक्ट्स की कॉपियां चेक हो रही थीं, उनमें लस्सी और दूसरे मंहगे नाश्ते चले। असल में इन रूम्स में चेक होने वाली कॉपियों में ज्यादा रुपये निकल रहे थे। नाम न छापने की शर्त पर एक एग्जामिनर ने बताया कि सैटरडे को क्फ्00 रुपये इकट्ठे हुए जिससे लस्सी मंगाई गई। जबकि कई रूम्स ऐसे भी थे जहां हिंदी, हिस्ट्री, होम साइंस जैसे विषयों की कॉपी में दस से पचास तक के ही रुपये निकले। ऐसे में एग्जामिनर्स ने खीरा का स्वाद लिया।

क्या है नियम

अगर किसी भी कॉपी में स्टूडेंट रुपये रखकर एग्जामिनर को प्रलोभन या रिश्वत देने की कोशिश कर रहा है, तो ऐसी कॉपियों को कायदे में अनुचित साधन के प्रयोग के जुर्म में नत्थी किया जाना चाहिए। कॉपी चेक करने वाले एग्जामिनर की जिम्मेदारी है कि वह मूल्यांकन केंद्र के उपनियंत्रक को ऐसी कॉपी की सूचना दें, साथ ही रुपये को भी जमा करायें। एग्जामिनर द्वारा ऐसे रुपये को अपने पास रखना भी रिश्वत लेने के जुर्म के तौर पर देखा जाता है।

मेरे पास कॉपियों में रुपये निकलने की कोई सूचना नहीं पहुंची है। आज से मैं इनकी चेकिंग कराऊंगा। यदि ऐसी कॉपियां निकलती हैं तो उन्हें सीज कराया जायेगा। साथ ही अगर एग्जामिनर इसकी जानकारी छुपा रहा है या फिर रुपया दबा रहे हैं तो उसके खिलाफ एक्शन होगा।

- आरके सिंह, मूल्यांकन केंद्र जीआईसी प्रिंसिपल व उपनियंत्रक

बहन की डेथ होगी, सर या मैम पास कर देना

इंटरमीडिएट की समाजशास्त्र की कॉपियां चेक करते हुए जीआईसी के एक रुम का माहौल हंसी-ठिठोली में बदल गया। एक कॉपी के आखिरी पेज पर एक इमोशनल रिक्वेस्ट लिखी हुई मिली। जिसमें स्टूडेंट ने अपने आपको लड़की दिखाते हुए पेपर वाले दिन अपनी बहन की डेथ के बारे में लिखा। साथ ही रिक्वेस्ट की इस परेशानी की वजह से वह पढ़ नहीं सकी है, इसलिए उसे अच्छे मा‌र्क्स दिये जायें।