-यूपी बोर्ड 12वीं के छात्रों ने बोर्ड आफिस के कार्यालय के सामने लगाया जाम, हंगामा किया

-क्षेत्रीय सचिव ने छात्रों को समझा-बुझाकर कराया शांत

बरेली : अंकों से संतुष्ट नहीं होने पर यूपी बोर्ड में कक्षा बारहवीं के छात्र पहले डीआइओएस कार्यालय पहुंचे। वहां सुनवाई नहीं होने पर छात्रों ने दोपहर में बोर्ड कार्यालय का रुख किया। अधिकारियों से परीक्षा परिणाम संशोधित करने की गुहार लगाई। लेकिन किसी तरह के आश्वासन नहीं मिलने पर छात्र सड़क पर बैठ गए। हंगामा शुरू होने के बाद छात्रों ने कहा कि हमें ग्रेजुएशन में एडमिशन के लिए इन्हीं मार्कशीट को दिखाना है। इनमें अंक नहीं है, सिर्फ प्रमोटेड लिखा है। तीन घंटे तक हंगामा होने के बाद क्षेत्रीय सचिव ने छात्रों से कहा कि हमारा कोई लेनादेना है। आपके प्रदर्शन पर मार्कशीट तैयार हुए। अगर संतुष्ट नहीं तो दोबारा परीक्षा दे सकते हैं।

तीन घंटा चला हंगामा

बोर्ड कार्यालय के बाहर रोड पर धरना प्रदर्शन करने के लिए बैठे छात्रों की वजह से दोनों ओर से रास्ता जाम हो गया। जिस वजह से राहगीरों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा। बारहवीं के छात्र अली अहमद ने बताया कि बोर्ड ने इंटर के परीक्षा परिणाम में मार्कशीट पर सिर्फ प्रमोटेड लिखा है। मार्कशीट पर किसी विषय के अंक चढ़कर नहीं आए हैं। जबकि, हमनें 11वीं की परीक्षा के साथ ही प्री-बोर्ड की परीक्षा भी दीं। कहा कि अंक नहीं चढ़ पाने की वजह से अब हमें कॉलेज में दाखिला लेने में परेशानी हो रही है। सभी कालेज में अंकों के आधार पर ही मेरिट लिस्ट लगी है। अधिकारियों से बात करने पर वह सुधारात्मक परीक्षा देने की बात कर रहे हैं। ऐसे में हमारे भविष्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है। प्रदर्शन में बरेली के साथ ही आसपास के जिलों के छात्र भी शामिल रहे।

पुलिस की सख्ती के बाद भी मौके पर डटे रहे छात्र

अधिकारियों की ओर से जब पुलिस को छात्रों के रोड पर प्रदर्शन करने की जानकारी दी तो कोतवाली पुलिस मौके पर पहुंची। छात्रों को धरने से हटाने के लिए भले ही पुलिस ने काफी मशक्कत की हो लेकिन छात्रों की जिद के आगे सारे प्रयास नाकाफी साबित हुए। छात्रों ने कहा है कि पुलिस ने उन्हें धमकाने की कोशिश की। कहा कि अगर नहीं हटेंगे तो वह छात्रों पर मुकदमा कर देंगे। करीब तीन घंटे की काफी मशक्कत के बाद उप क्षेत्रीय सचिव के समझाने के बाद छात्र प्रदर्शन से हटे।

छात्रों के भविष्य को देख उनके रिजल्ट पर प्रोमोटड लिखकर आया है। पिछली कक्षाओं के आधार पर मूल्यांकन कर छात्रों को अंक दिए गए हैं। अंकों से संतुष्ट न होने पर बोर्ड ने छात्रों को सुधारात्मक परीक्षा का विकल्प दिया है। प्रदर्शन का कोई औचित्य नहीं है।

- राकेश कुमार, क्षेत्रीय सचिव, यूपी बोर्ड कार्यालय