-आईवीआरआई के वैज्ञानिक स्टूडेंट्स को दे रहे जानकारी
-बोले एक्सपर्ट-मशरूम उगाने से पहले प्रशिक्षण और टेक्निकल जानकारी जरूरी
23-जनवरी को शुरू हुआ स्टूडेंट्स के लिए मशरूम प्रशिक्षण
25 जनवरी तक चलेगा ऑनलाइन प्रशिक्षण
3-दिन बीसीबी में कराया जाएगा ऑफलाइन प्रैक्टिकल
200-स्टूडेंट्स ने प्रशिक्षण में किया प्रतिभाग
बरेली: मशरूम उगाने से पहले प्रशिक्षण और उसकी टेक्निकल जानकारी होना जरूरी है। क्योंकि मशरूम की खेती करने के दौरान उसमें विषैले मशरूम उग सकते हैं जो हमारे लिए हानिकारक भी होंगे। इसीलिए कहीं भी मशरूम की खेती करने की प्लानिंग कर रहे हैं तो उसके लिए प्रशिक्षण के साथ उसके बारे में टेक्निकल जानकारी लेना जरूरी है। यह बात मशरूम कल्टीवेशन की ऑनलाइन क्लास के दौरान पंतनगर से एक्सपर्ट डॉ। बरखा रानी ने कही। दरअसल बीसीबी प्रशासन स्टूडेंट्स को आईवीआरआई के वैज्ञानिकों की हेल्प से ऑनलाइन फ्री ट्रेनिंग करा रहा है, जिसमें पहले दिन सैटरडे को मशरूम की खेती का परिचय बताया गया। ज्ञात हो यह प्रशिक्षण बरेली कॉलेज एनएसएस के कार्यक्रम अधिकारी डॉ। राजीव यादव की पहल पर कराया जा रहा है।
मिलेगी रोजगार की दिशा
आईवीआरआई वैज्ञानिकों के सहयोग से बीसीबी के स्टूडेंट्स के लिए सैटरडे से शुरू हुए ऑनलाइन प्रशिक्षण का इनॉग्रेशन बरेली कॉलेज कार्यवाहक प्राचार्य डॉ। अनुराग मोहन ने किया। उन्होंने कहा कि बरेली कॉलेज में पहली बार स्टूडेंट्स को रोजगार परक कोर्स इस तरह का करा रहा है इसमें पढ़ाई के साथ स्टूडेंट्स रोजगार की दिशा में आगे बढ़ेंगे। ऑनलाइन प्रशिक्षण के दौरान कार्यक्रम में मौजूद रहे आईवीआरआई के वैज्ञानिक डॉ। आरके सिंह ने स्टूडेंट्स को बताया कि आईवीआरआई कौन-कौन से प्रशिक्षण कराता है। उन्होंने कहा कि भविष्य में आईवीआरआई बीसीबी के स्टूडेंट्स को इस तरह के प्रशिक्षण कराने के लिए हेल्प करता रहेगा।
मशरूम की खेती दिखती आसान
पहले दिन शुरू हुई ट्रेनिंग के दौरान मशरूम एक्सपर्ट डॉ। बरखा रानी ने कहा कि मशरूम उगाना दिखता तो आसान है, लेकिन इसको उगाने से पहले हर किसी को एक बार वैज्ञानिक जानकारी लेना जरूरी है। ऑनलाइन प्रशिक्षण के दौरान मशरूम की खेती का स्टूडेंट्स को परिचय दिया गया। इसमें बताया गया कि मशरूम उगाने के लिए क्या-क्या चीजें चाहिए होती है।
200 रहे प्रतिभागी
ऑनलाइन प्रशिक्षण में पहले दिन करीब 200 प्रतिभागियों ने प्रतिभाग किया। दोपहर दो बजे प्रशिक्षण शुरू हुआ जो 3.15 बजे तक चला। बरेली कॉलेज एनएसएस के कार्यक्रम अधिकारी डॉ। राजीव यादव ने बताया कि प्रशिक्षण लेने के लिए जिन स्टूडेंट्स ने ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराया है उनको ई-मेल पर प्रशिक्षण का लिंक भेजा जा रहा है। प्रशिक्षण के लिए हॉर्टीकल्चर एक्सपर्ट डॉ। रंजीत सिंह भी मौजूद रहे। ऑनलाइन प्रशिक्षण में नाबार्ड के रीजनल मैनेजर को भी जोड़ा जाएगा ताकि स्टूडेंट्स फाइनेंशियली जानकारी भी हासिल कर सकें।
25 तक चलेंगी क्लासेस
डॉ। राजीव यादव ने बताया कि ऑनलाइन क्लासेस 25 जनवरी तक चलेंगी। इसके बाद बीसीबी में एक घंटा का प्रैक्टिकल ऑफलाइन कराया जाएगा। पूरा प्रशिक्षण होने के बाद स्टूडेंट्स से फीडबैक और रिस्पांस लेने के बाद अगला बैच शुरू करने के बारे में निर्णय लिया जाएगा। फिलहाल फर्स्ट बैच में बरेली कॉलेज के स्टूडेंट्स को ही मौका दिया गया है। लेकिन फीडबैक बेहतर मिलने पर बाहर वालों को भी प्रशिक्षण का मौका दिया जाएगा। इसके लिए बीसीबी फीस तय करेगा।