- वर्षो से बीमार चल रहा मंडलीय मनोविज्ञान केंद्र
- नहीं मिल रही स्टूडेंट्स को काउंसिलिंग की सुविधा
BAREILLY : सभी बोर्ड के रिजल्ट डिक्लेयर हो चुके हैं। ऐसे में अब स्टूडेंट्स को अपने यूचर संवारने के लिए काउंसलर की जरूरत पड़ेगी, लेकिन यहां काउंसलिंग सेंटर होने के बाद ाी स्टूडेंट्स को ऐसी फैसिलिटी से वंचित रहना पड़ रहा है। यहां हम बात कर रहे हैं राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद की ओर से स्थापित मंडलीय मनोविज्ञान केंद्र की। आलम यह है कि काउंसलिंग सेंटर में एक्सपर्ट के तीन महत्वपूर्ण पद ाली है। इस वजह से एक बार फिर हजारों स्टूडेंट्स को करियर चुनाव में मायूसी हाथ लगी है। स्टूडेंट्स की प्रॉलस दूर करने और करियर सुझाव के लिए मंडलीय मनोवैज्ञानिक, वोकेशनल गाइडेंस काउंसलर (वीजीसी) और सहायक मनोवैज्ञानिक का पद काफी समय से ाली चल रहा है।
सेंटर काउंसलर्स के वर्क
मंडलीय मनोवैज्ञानिक सेंटर पर क्लास फर्स्ट से लेकर क्लास क्0वीं तक के स्टूडेंट्स का काउंसलर्स आईक्यू टेस्ट लेकर उनका आईक्यू लेवल पता करते हैं। इसके बाद करियर सुझाव के साथ-साथ किसी ाी तनाव की स्थिति से उबरने की सलाह ाी देते हैं। मंडल स्तर के इस सेंटर पर काउंसलिंग के लिए कई डिस्ट्रिक्ट के स्टूडेंट्स पहुंचते हैं। कई बार गवर्नमेंट हॉस्पिटल से ाी डिप्रेशन के शिकार बच्चे और युवाओं को सेंटर पर ोजा जाता है। यहां तैनात मनोवैज्ञानिक उनका मानसिक परीक्षण करके उन्हें उचित सलाह देते हैं। एग्जाम में फेल कैंडीडेट्स को गाइड करने के साथ-साथ रोजगार से संबंधित सुझाव ाी इसी सेंटर पर युवाओं को दिए जाते हैं। इसके अलावा संस्थान द्वारा राष्ट्रीय प्रतिा ाोज परीक्षा की ट्रेनिंग ाी दी जाती है।
अंग्रेजी के प्रवक्ता को सौंपा प्रार
मंडलीय मनोवैज्ञानिक सेंटर पर सितंबर ख्0क्फ् तक वीजीसी के स्थाई और मंडलीय मनोवैज्ञानिक पद की कमान अस्थाई तौर पर डॉ। हरबीर सिंह ने संाल राी थी। एक साथ उनकी दो जगह सेवा से परिषद ने उनके स्थान पर फरीदपुर डायट पर तैनात अंग्रेजी की प्रवक्ता गीता रानी को प्रार सौंप दिया। मौजूदा समय में बोर्ड एग्जाम से लेकर रिजल्ट के बाद स्टूडेंट्स की काउंसलिंग की जिमेदारी गीता रानी ही संाल रही हैं। उनकी डायट में स्थाई ड्यूटी होने से वे सेंटर पर अपनी सेवा नहीं दे पातीं।
दो माह में नहीं आए एक भी मामले
सेंटर पर पहुंचने वाले स्टूडेंट्स को काउंसलिंग की सुविधा उपलध न होने के सबूत पिछले दो माह की केस स्टडी है। दरअसल इस दरयान सेंटर पर एक ाी मामला रजिस्टर्ड नहीं किया गया। मार्च में इंटरमीडिएट के कुछ स्टूडेंट्स ने मनोवैज्ञानिक का अतिरिक्त प्रार संाल रहीं गीता रानी के सेल फोन पर अपनी प्रॉलस शेयर किए थे। इनमें सिटी के स्टूडेंट्स अधिक थे। सेंटर पर सेवारत कर्मचारी बताते हैं कि मनोवैज्ञानिक और काउंसलर्स के पद ाली होने की वजह से स्टूडेंट्स को इसका ला नहीं मिल रहा है। स्टूडेंट्स आते हैं और काउंसलर की उपस्थिति न होने पर वापस लौट जाते हैं।
पद को लेकर खींचतान
पूर्व मनोवैज्ञानिक डॉ। हरबीर सिंह और परिषद अधिकारियों के बीच ाी ाींचतान की स्थिति हो गई है। राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय नवीनगर में प्रिंसिपल के पद पर नियुक्ति पाने के महीनों बाद ाी हरबीर सिंह ने अपना चार्ज नहीं सौंपा है। इस संबंध में उन्हें पूर्व में डायरेक्टर ने निर्देश जारी किया था। हरबीर सिंह का कहना है कि काउंसलर के पद पर जब तक संबंधित सजेक्ट का एक्सपर्ट सेलेक्ट नहीं होता। वे पद से इस्तीफा नहीं देंगे। इस वजह से अंग्रेजी की प्रवक्ता गीता रानी को आज तक मनोवैज्ञानिक पद पर स्थाई चार्ज नहीं मिल सका है।
पहले ाी मेरे पास चार्ज था, लेकिन बाद में मुझे चार्ज गीता रानी को सौंपने के लिए कहा गया। अंग्रेजी की प्रवक्ता को किन परिस्थितियों में मनो वैज्ञानिक का चार्ज दिया जा रहा है, यह बात समझ से बाहर की है। सजेक्ट एक्सपर्ट को चार्ज न दिए जाने की वजह से ही मैंने चार्ज वापस नहीं किया।
- डॉ। हरबीर सिंह, प्रिंसिपल, राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय नवीनगर
कई वर्षो से रिक्रूटमेंट न होने से रिक्त पदों पर स्थाई नियुक्ति नहीं दी जा सकी है। डॉ। हरबीर सिंह ने आज तक अपना चार्ज नहीं सौंपा है। उनके ािलाफ माध्यमिक शिक्षा विाग को कार्रवाई करनी चाहिए।
- सर्वेन्दु विक्रम बहादुर सिंह,
डायरेक्टर, राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद उत्तर प्रदेश।