BAREILLY: हायर एजूकेशन गेन कर रहे जीरो फीस वाले स्टूडेंट्स को अब एग्जाम फॉर्म जमा करने में कोई परेशानी नहीं होगी। न ही उन्हें एडमिट कार्ड रोककर एग्जाम से बाहर करने की चेतावनी दी जाएगी। यही नहीं, उनका रिजल्ट भी होल्ड नहीं होगा। हाईकोर्ट के एक डिसिजन के बाद शासन ने ऐसे स्टूडेंट्स को बिना किसी रुकावट के एग्जाम फॉर्म जमा करने और एग्जाम में बैठने के निर्देश जारी किया है। यह निर्देश स्टेट के सभी यूनिवर्सिटीज, डिग्री कॉलेजेज और इंजीनियरिंग व मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट्स को फॉलो करना होगा। ऐसा न करने वाले कॉलेजेज के खिलाफ कंप्लेन मिलने पर कार्रवाई भी की जा सकती है।
एडमिशन के समय नहीं देनी होती है फीस
दशमोत्तर छात्रवृत्ति योजना के अनुसार एससी व एसटी कैटेगरी के स्टूडेंट्स का जीरो फीस पर एडमिशन दिया जाता है। इसके अनुसार एडमिशन के समय इन स्टूडेंट्स से फीस नहीं ली जाती। शासन की तरफ से इनके खाते में फीस ट्रांसफर की जाती है। जिसके बाद वही फीस संबंधित शिक्षण संस्थान में ट्रांसफर हो जाती है। जबकि दूसरे कैटेगरी के स्टूडेंट्स एडमिशन के समय पूरी फीस जमा करते हैं। बाद में शासन की तरफ उनके खाते में फीस प्रतिपूर्ति की जाती है।
लेट होने पर स्टूडेंट्स को भुगतना होता है खमियाजा
अक्सर शासन की तरफ से दी जाने वाली स्कॉलरशिप खाते में लेट आती है। ऐसे में जब एग्जाम फॉर्म भराए जाते हैं तब एससी व एसटी स्टूडेंट्स पर फीस जमा करने का दबाव बनाया जाता है। फीस जमा न करने पर उनके एग्जाम फॉर्म असेस्ट नहीं किए जाते। जिन कॉलेजेज में एडमिशन के समय एग्जाम फॉर्म भरा लिया जाता है वहां पर इन स्टूडेंट्स का एडमिट कार्ड रोककर फीस वसूली जाती है। जिससे स्टूडेंट्स को काफी प्रॉब्लम होती है। वे मजबूरी में किसी तरह जुगाड़ कर फीस जमा करते हैं।
प्रमुख सचिव ने जारी किया निर्देश
गत 7 नवम्बर को ही इससे संबंधित एक केस में हाईकोर्ट ने आदेश जारी किया। जिसके बाद शासन को सभी शिक्षण संस्थानों को निर्देश जारी करना पड़ा। प्रमुख सचिव, यूपी शासन कल्पना अवस्थी के जारी निर्देश में कहा गया है कि एससी व एसटी स्टूडेंट्स से बिना फीस वसूली के एग्जाम फॉर्म भराया जाए। फीस न होने के चलते उनका एग्जाम से वंचित न किया जाए। साथ ही इस बात की कार्यवाही भी सुनिश्चित की जाए कि स्टूडेंट्स के खाते में शुल्क प्रतिपूर्ति प्राप्त होने के बाद उसे जल्द संबंधित शिक्षण संस्थान को ट्रांसफर किया जाए। ताकि किसी रूप में स्टूडेंट्स का अहित न हो और उनका रिजल्ट न रुके।