- कॉपियों पर स्टूडेंट्स ने गलत इंफॉर्मेशन भरी तो कक्ष निरीक्षकों पर लगाया जाएगा अर्थदंड

- लास्ट ईयर बड़े पैमाने पर हुई थीं गलतियां, इससे सबक लेकर आरयू ने जारी की गाइडलाइंस

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BAREILLY: आरयू के मेन एग्जाम्स में इस बार ऐसी व्यवस्था की गई है जिससे सभी टीचर्स हैरानी में हैं। दरअसल इस नई व्यवस्था में स्टूडेंट्स की गलतियों की सजा टीचर्स को भुगतनी पड़ेगी। एग्जाम कॉपियों में इंफॉर्मेशन फिल करते वक्त यदि स्टूडेंट ने गलती कि तो इसका खामियाजा भुगतते हुए टीचर्स को अर्थदंड भरना होगा। पिछली अनुभवों से सीख लेते हुए आरयू ने इस नई व्यवस्था के जरिए टीचर्स को जिम्मेदारी सौंपी है। ताकि वे मुस्तैदी से ड्यूटी कर सकें। फिलहाल इस व्यवस्था से टीचर्स सकते में और कई तहर की प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं।

कक्ष निरीक्षकों को सौंपी जिम्मेदारी

एग्जाम के दौरान स्टूडेंट्स आंसर शीट के पहले पेज अपने से रिलेटेड इंफॉर्मेशन फिल करते हैं। वे रोल नम्बर के अलावा सब्जेक्ट, डेट समेत तमाम इंफॉर्मेशन फिल करते हैं। इसमें कोई गलती न हो, इसकी जिम्मेदारी एग्जाम में ड्यूटी करने वाले कक्ष निरीक्षकों को सौंपी गई है। उन्हें क्रास चेक करना है कि कहीं स्टूडेंट्स ने गलत इंफॉर्मेशन तो नहीं फिल कर दी। यदि किसी ने गलत भरा है तो उसे सही कराना होगा। उसे सत्यापित कराकर उन्हें हस्ताक्षर भी करना होगा। यही नहीं आरयू के अनुसार यह विवरण भी देना होगा किन-किन टीचर के पास कितने रोल नम्बर तक की जिम्मेदारी है।

गलत इंफॉर्मेशन पर कटेगा भत्ता

आरयू ने साफ निर्देश दिया है कि कॉपी के पहले पेज पर यदि गलती पकड़ी जाती है तो उसकी जिम्मेदारी केवल कक्ष निरीक्षकों की होगी। आरयू ने निर्देश दिया है कि यदि गलती की वजह से किसी स्टूडेंट का रिजल्ट रुका तो कक्ष निरीक्षक पर निर्धारित अर्थदंड लगाया जाएगा। अर्थदंड उनको दिए जाने वाले ड्यूटी चार्ज से काट लिया जाएगा।

ताकि ड्यूटी में रहें सतर्क

आरयू की यह सारी कवायद एग्जाम के दौरान जिम्मेदारी से ड्यूटी करने को लेकर है। लास्ट ईयर मेन एग्जाम्स में आंसरशीट में बड़े पैमाने पर गलतियां गई थीं। दरअसल आरयू ने पहली बार ओएमआरशीट वाली कॉपी इंट्रोड्यूस की थी। इसको स्टूडेंट्स से कैसे भरवाना है उसकी वर्कशॉप भी कराई गई थी, जिसमें कॉलेजेज के प्रतिनिधि शामिल हुए थे। बावजूद इसके मेन एग्जाम्स में लापरवाही बरती गई। स्टूडेंट्स ने ओएमआरशीट पर काफी संख्या में गड़बड़ी की। जिस वजह से कोडिंग भंग हो गई थी। कक्ष निरीक्षकों ने इसमें सुधार भी नहीं कराया। नतीजा यह रहा कि गलत इंफॉर्मेशन की वजह से काफी संख्या में स्टूडेंट्स का रिजल्ट फंस गया। उनका रिजल्ट सही समय पर डिक्लेयर नहीं हुआ। उन्होंने अपने डॉक्यूमेंट में सुधार कराया तब कहीं जाकर रिजल्ट डिक्लेयर हुआ।

एग्जाम्स को लेकर गाइडलाइंस जारी किए गए हैं। कक्ष निरीक्षकों के लिए भी निर्देश हैं। उन्हें यह जिम्मेदारी दी गई है कि स्टूडेंट्स कॉपी में गलत इंफॉर्मेशन फिल न करें। इसमें यदि वे लापरवाही बरते तो कार्रवाई की जाएगी।

- एके सिंह, रजिस्ट्रार