- शिक्षा माफिया के हाथों ठगे गए बच्चे

- बोर्ड एग्जाम के एडमिट कार्ड के लिए भटक रहे हैं

<- शिक्षा माफिया के हाथों ठगे गए बच्चे

- बोर्ड एग्जाम के एडमिट कार्ड के लिए भटक रहे हैं

BAREILLY:

BAREILLY: लेट ही सही यूपी बोर्ड में जब ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन का प्रोसेस शुरू हुआ तो यह उम्मीद बंधी थी कि एग्जाम से पहले ठेकेदारी प्रथा के जरिए बोर्ड एग्जाम दिलाने वालों पर काफी हद तक लगाम लगेगी। अफसोस, शिक्षा माफिया कहलाने वाले नकल के ठेकेदारों पर इस प्रोसेस का भी कोई असर नहीं पड़ा। उन्होंने बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने का गोरखधंधा बंद नहीं किया। बल्कि, दूर-दराज के क्षेत्रों में शिक्षा माफिया का यह धंधा बदस्तूर जारी है। इस बार भी ऐसे सैकड़ों स्टूडेंट्स हैं, जो इनका शिकार बन चुका हैं और उनका भविष्य बर्बादी के चौराहे पर खड़ा है। क्9 मार्च से बोर्ड एग्जाम शुरू होने हैं, और इन स्टूडेंट्स का न तो बोर्ड फार्म का कुछ अता-पता है और न ही एडमिट कार्ड का।

ठगे गए स्टूडेंट्स

महाशिवरात्रि के ऑकेजन पर ट्यूजडे को डीआईओएस ऑफिस बंद था। ऑफिस में कोई भी अधिकारी नहीं था। बावजूद इसके करीब दो दर्जन से ज्यादा स्टूडें व स व परिजन बोर्ड एग्जाम के लिए एडमिट कार्ड मिलने की आस में ऑफिस कैंपस में बैठे हुए थे। वहां से जो भी गुजरता वह उससे अपनी व्यथा सुनाते और यही पूछते कि एक दिन बाद एग्जाम है, एडमिट कार्ड कैसे मिलेगा। दरअसल, ये स्टूडेंट्स शिक्षा माफिया की ठगी का शिकार हो गए हैं। इन स्टूडेंट्स का बोर्ड फॉर्म भराया ही गया, तो एडमिट कार्ड मिलने का सवाल ही पैदा नहीं होता।

स्टूडेंट्स से वूसले म्,000 रुपए

सभी स्टूडेंट्स हाईस्कूल के हैं। स्टूडेंट्स ने बताया कि उन्होंने फरीदपुर के लोंगपुर स्थित गायत्री पब्लिक स्कूल के छात्र हैं। इस स्कूल की मान्यता नहीं है, लेकिन मान्यता के खेल से बच्चे अंजान हैं। उन्हें तो बस इतना भरोसा दिलाया गया कि पूरे साल यहां पढ़ने के बाद उन्हें बोर्ड एग्जाम दिला दिया जाएगा। उन्हें बाबू रामचरन इंटर कॉलेज से बोर्ड फॉर्म भराने का भरोसा दिलाया गया था। बच्चों ने बताया कि स्कूल के प्रिंसिपल ने हाई स्कूल में एडमिशन ले लिया। पूरे वर्ष फीस नहीं ली। जब बोर्ड फॉर्म भराने का समय आया तो हर स्टूडेंट से कम से कम भ् से म् हजार रुपए फीस वसूली। फीस रसीद भी नहीं दी। जो ज्यादा दे सकता था उससे ज्यादा रुपए वसूल लिए गए।

9 में भी इसी स्कूल से की पढ़ाई

बच्चों ने बताया कि कक्षा 9वीं की पढ़ाई भी उन्होंनें गायत्री पब्लिक स्कूल से की। तब उनसे करीब ढाई हजार रुपए वसूले गए थे। उन्हें क्लास 9 का जो रिपोर्ट कार्ड दिया गया था, उस पर पान कुमारी स्कूल का नाम लिखा था। एडमिट कार्ड लेने के लिए दो दर्जन से ज्यादा बच्चे व उनके परिजन विभाग का चक्कर काट रहे हैं, लेकिन बच्चों ने बताया कि वहां के अधिकांश बच्चों के साथ ऐसा हुआ है।

रजिस्ट्रेशन न होने से नहीं भर पाया बाेर्ड फॉर्म

सीबीएसई की तर्ज पर यूपी बोर्ड में भी ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन प्रोसेस लागू हो गया। इन स्टूडेंट्स का पहले क्लास 9 में रजिस्ट्रेशन होना था। गायत्री पब्लिक की मान्यता न होने के चलते बच्चों का रजिस्ट्रेशन दूसरे स्कूल से कराना था, लेकिन उसमें भी छात्र क्षमता आड़े आ रही थी। ऐसे में कुछ स्टूडेंट्स का रजिस्ट्रेशन दूसरे स्कूलों से करा दिया, जबकि शेष स्टूडेंट्स का रजिस्ट्रेशन नहीं हो पाया। जब क्लास 9 में रजिस्ट्रेशन नहीं हुआ तो कायदे से इन स्टूडेंट्स का बोर्ड फॉर्म भराया नहीं जा सकता। स्कूल मैनेजमेंट ने रुपए के लालच में बच्चों को अंधेरे में रखा।

तो क्या फर्जी भी हुए हैं रजिस्ट्रेशन

बच्चों ने बताया कि इतना सब कुछ हो जाने के बाद स्कूल मैनेजमेंट अभी भी उनको दिलासा दे रहा है। स्कूल मैनेजमेंट उनसे बात फैलाने से आगाह कर रहा है। उनको बताया गया कि किसी दूसरे स्टूडेंट के एडमिट कार्ड पर उनकी फोटो लगाकर एग्जाम दिला दिया जाएगा। उसके बाद बोर्ड ऑफिस में सेंटिंग कर उनका रिजल्ट डिक्लेयर कर दिया जाएगा। यदि स्कूल मैनेजमेंट की बातों पर गौर करें तो यह सवाल उठता है कि क्या फर्जी बच्चों के नाम व फोटो पर भी रजिस्ट्रेशन हुए हैं। क्या रजिस्ट्रेशन कराने के बाद स्कूलों का स्थलीय निरीक्षण नहीं किया गया।