-एमआरडी स्टूडेंट चला रहा था ठग कंपनी

-न्यूज पेपर में एड देकर करते थे ठगी

-क्राइम ब्रांच ने एमआरडी और दो बीकाम स्टूडेंट समेत तीन पकड़े

BAREILLY: गुरु जी छात्रों को अच्छे काम का पाठ पढ़ाते हैं लेकिन गुरु जी को क्या पता था कि छात्र उन्हें ही ठगी का पाठ पढ़ा देंगे। बिहार के दो गुरुओं के साथ बरेली के तीन छात्रों ने लो इंट्रेस्ट पर लोन दिलाने के नाम पर ठगी की। यही नहीं एक गुरुजी को आठ लाख का फर्जी चेक भी पकड़ा दिया लेकिन जब गुरुजी ने बैंक में जाकर पता किया तो अकाउंट में सिर्फ क्ब्00 रुपये ही मिले। दोनों गुरुजी ने आईजी से मामले की शिकायत की जिसके बाद क्राइम ब्रांच ने तीनों स्टूडेंट को गिरफ्तार कर लिया गया। एक स्टूडेंट कंपनी का डायरेक्टर है। पुलिस ने आरोपियों के पास से 7 मोबाइल, ख्भ् मोबाइल सिम, बरेली और मुरादाबाद के फ् फर्जी वोटर आईडी कार्ड, दो लैपटाप और बड़ी संख्या में लोन के नाम पर लिए डॉक्यूमेंट भी बरामद किए हैं। तीनों के खिलाफ कोतवाली में दो एफआईआर दर्ज की गई हैं। कंपनी सैकड़ों लोगों को अपना शिकार बना चुकी है।

मीनाक्षी नाम की लड़की ने फाेन उठाया

मंजुल प्रसाद, गांधी नगर खगडि़या बिहार के रहने वाले हैं। वह टीचर हैं। ब् अप्रैल ख्0क्ब् को उन्होंने न्यूज पेपर में एसएफसी प्राइवेट लिमिटेड कंपनी का एड पढ़ा। इस विज्ञापन में ब् परसेंट पर लोन दिलाने की बात लिखी थी। मंजुल प्रसाद ने एड में दिए गए नंबर पर फोन किया तो मीनाक्षी नाम की युवती ने फोन उठाया। मीनाक्षी ने उन्हें 8 लाख का लोन दिलाने का भरोसा दिलाया। इसके लिए फाइल चार्ज भ्क्00 रुपये और प्रोसेसिंग फीस फ्क्00 रुपये देनी होगी। मंजुल ने कंपनी के डायरेक्टर विविध कुमार सिंह, और स्टाफ सुमित गांधी और आदर्श मिश्रा को दे दिए। जब उन्होंने लोन के बारे में पूछा तो उन्हें फाइल लेट होने की बात कहकर फ्0 हजार रुपये और जमा करने के लिए कहे। जिसके बाद वह बरेली में सिविल लाइंस स्थित कंपनी के आफिस पहुंचे और सुमित गांधी को क्भ्000 रुपये कैश दिए। इसके अलावा आदर्श मिश्रा को 9 हजार रुपये पेपर जांच के भी दिए।

लखनऊ बुलाया चेक लेने के लिए

जब लोन न होने पर फोन किया तो उन्हें लखनऊ में आठ लाख का चेक लेने के लिए बुलाया। वह ख्क् फरवरी को लखनऊ पहुंचे तो उन्हें एसबीआई बैंक का आठ लाख का चेक दिया। चेक पर अजय कुमार के साइन थे। चेक पर उन्हें शक हुआ तो वह तुरंत लखनऊ में आफिस के नीचे एसबीआई ब्रांच में गए तो पता चला कि जिस एकाउंट नंबर का चेक जारी हुआ है उसमें सिर्फ क्ब्00 रुपये का बैलेंस है। यही नहीं अजय के साइन भी फर्जी हैं। जब उन्होंने विविध को फोन किया तो उन्हें ख्फ् फरवरी को बरेली में आकर चेक लेने के लिए कहा लेकिन चेक नहीं दिया। यही नहीं उन्हें दोबारा न आने और जान से मारने की धमकी दी।

कस्टमर से रुपये मिलने के बहाने बुलाया

मंजुल प्रसाद की तरह ही उनके ही मोहल्ले के रहने वाले टीचर कैलाश प्रसाद से भी लोन दिलाने के नाम पर ठगी की गई। उन्होंने अपने भाई अनिल के लिए ख्0 लाख रुपये के लोन के लिए अप्लाई किया था। उनसे भी प्रोसेसिंग फीस, पेपर जांच सहित फ्फ् हजार रुपये ले लिए। वह लखनऊ भी मंजुल के साथ गए थे। जिसके चलते दोनों ने ख्फ् फरवरी को मामले की शिकायत आईजी से की। आईजी ने क्राइम ब्रांच को मामले की जांच सौंप दी। क्राइम ब्रांच ने पीयूष कुमार सारस्वत से रुपये लेने के बहाने तीनों आरोपियों को सेटेलाइट के पास बुलाकर गिरफ्तार कर लिया।

फ्क् सौ रुपये में कर रहे थे काम

पुलिस गिरफ्त में आए कंपनी डायरेक्टर गढि़या रंगीन शाहजहांपुर का रहने वाला है। उसने रुहेलखंड यूनिवर्सिटी से मास्टर इन रूल डेवलपमेंट का कोर्स किया है। इसके अलावा सुमित गांधी और प्रेम कुमार गुप्ता सुभाषनगर के रहने वाले हैं। दोनों खुसरो डिग्री कालेज से बीकाम सेकेंड ईयर की पढ़ाई कर रहे हैं। दोनों कंपनी में फ्क्00 रुपये पर जॉब करते थे। विविध कुमार पहले भी फर्जी कंपनी चलाने के मामले में सुनगढ़ी पीलीभीत में वर्ष ख्0क्क् में पकड़ा जा चुका है। उसके खिलाफ दो मुकदमें दर्ज हैं।

होटल के बगल में बनाया आफिस

विविध कुमार पहले से ही काफी शातिर है। उसने बरेली में चौपुला स्थित एक होटल के बगल में आफिस ओपन किया था। आफिस में कम उम्र की ग‌र्ल्स को भी बैठाया था ताकि लोगों को असली कंपनी लगे।