-डीजे की आवाज के कारण स्टूडेंट्स की स्टडी हो रही प्रभावित

-पुलिस कंट्रोल रूम में फोन कर डीजे बंद कराने की करते हैं रिक्वेस्ट

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BAREILLY: एक बार फिर डीजे के शोर से प्रॉब्लम खड़ी हो गई है। ऐसी प्रॉब्लम, जिससे स्टूडेंट का कॅरियर भी प्रभावित हो सकता है। सिटी में डीजे की तेज आवाज से स्टूडेंट्स की पढ़ाई डिस्टर्ब हो रही है, जबकि बोर्ड एग्जाम सिर पर है। कभी पेरेंट्स तो कभी स्टूडेंट्स खुद पुलिस कंट्रोल रूम में डीजे बंद कराने के लिए फोन कर रहे हैं। जिन्हें डीजे बंद कराने की जिम्मेदारी दी गई है उनके कानों तक यह शोर या तो पहुंच नहीं रहा है या फिर वे इसे सुनकर इग्नोर कर रहे हैं। साइकोलोजिस्ट का भी मानना है कि डीजे के शोर के से बच्चे सही से तैयारी नहीं कर पाते हैं।

पुलिस करती है सिर्फ खानापूर्ति

अंकल मैं पीलीभीत रोड पर रहता हूं। मेरे पड़ोस के बैंकट हॉल में तेज डीजे बज रहा है, जिसके चलते मैं पढ़ाई नहीं कर पा रहा हूं। प्लीज डीजे बंद करा दीजिए। कुछ इसी तरह से रोजाना 8 से क्0 कॉल सिटी कंट्रोल रूम में डीजे बंद कराने के लिए आती हैं। इनमें से कुछ कॉल लॉग बुक में लिखी जाती हैं तो कुछ नहीं। कंट्रोल रूम से चीता को भेजने का मैसेज भी दिया जाता है, लेकिन वो भी सिर्फ खानापूर्ति करके चले आते हैं।

सारे अभियान हो गए बेकार

डीजे के शोर की प्रॉब्लम पहली बार सामने नहीं आयी है। विगत दिसंबर माह में भी डीजे के शोर को लेकर काफी शिकायतें आयी थीं। डीआईजी ऑफिस में भी रोजाना डीजे बंद कराने के लिए फोन जाते थे। अधिकारियों की सख्ती के बाद 7 दिसंबर ख्0क्ब् को एसपी सिटी राजीव मल्होत्रा ने सभी बैंकट हॉल वालों के साथ मीटिंग कर क्0 बजे के बाद डीजे बंद कराने की हिदायत दी। यही नहीं रात में सीओ के नेतृत्व में सभी थाना क्षेत्रों में अभियान चलाया गया था। कुछ डीजे भी जब्त किए गए थे। कुछ दिनों तक चले अभियान के बाद डीजे का शोर कुछ कम हुआ लेकिन उसके बाद सारे अभियान बेकार गए ।

थिकिंग, लर्निग और मेमोरी पर पड़ता है इफेक्ट

साइक्लोजिस्ट सुविधा शर्मा का कहना है कि डीजे के शोर डिस्टर्बेस होता है। जिससे बच्चों में इरीटेशन, बेचैनी व गुस्सा आता है। कई बार बच्चा सोने के लिए दवाई भी खाता है, लेकिन इसके भी कई साइड इफेक्ट हो जाते हैं। नींद पूरी न होने से शरीर और मस्तिष्क दोनों थक जाते हैं। इस थकान की वजह से थिंकिंग, लर्निग और मेमोरी पर इफेक्ट पड़ता है। स्टूडेंट के दिमाग पर साइकोलोजिकल इफेक्ट भी पड़ता है। किसी भी प्रिपरेशन के लिए स्वस्थ मस्तिष्क, शांत मन और उर्जावान शरीर तीनों का कार्डिनेशन जरूरी होता है। इन तीनों के लिए शांत वातावरण भी बहुत जरूरी होता है।

दस बजे के बाद डीजे बंद कराने के सख्त निर्देश हैं। अगर बच्चों की पढ़ाई पर फर्क पड़ रहा है तो संडे से फिर से डीजे के खिलाफ अभियान चलाया जाएगा। किसी भी हाल में बच्चों की पढ़ाई डिस्टर्ब नहीं होगी।

राजीव मल्होत्रा, एसपी सिटी बरेली