बेनतीजा रही पहली वार्ता
बीसीबी में दो दिन से स्टूडेंट्स यूनियन और कॉलेज एडमिनिस्ट्रेशन के बीच चल रहे विवाद के निपटारे के लिए थर्सडे को भी पूरे दिन वार्ताओं का दौर जारी रहा। इसके लिए पहली वार्ता कैंपस की लाइब्रेरी में ऑर्गनाइज की गई। यहां प्रिंसिपल, चीफ प्रॉक्टर और स्टूडेंट्स यूनियन लीडर्स के अलावा कॉलेज के तमाम स्टूडेंट्स भी शामिल हुए। बातचीत तो दूर की बात, यहां नौबत स्टूडेंट लीडर्स की आपस में मारपीट तक पहुंच गई। स्टूडेंट्स यूनियन पदाधिकारियों के बीच जमकर हॉट-टॉक हुई और अपशब्दों का भी प्रयोग किया गया।
लॉक लगाने पर बनी सहमति
इसके बाद यह हॉट-टॉक स्टूडेंट यूनियन ऑफिस तक भी जा पहुंची। इसके बाद यहां अध्यक्ष, महामंत्री और उपाध्यक्ष के बीच स्टूडेंट यूनियन ऑफिस में लॉक लगाने पर सहमति बनी। इसके बाद एक बार प्रिंसिपल और छात्र संघ पदाधिकारियों के बीच वार्ता हुई, जिसमें छात्र संघ पदाधिकारियों ने अपने अस्तित्व पर ही सवाल उठाते हुए कहा कि इलेक्शन के बाद से कॉलेज में स्टूडेंट के हित में कोई भी काम नहीं हो पाया है। ऐसे में वह छात्र संघ में रह कर क्या कर रहे हैं। उनके द्वारा स्टूडेंट के हित में उठाई जा रहीं मांगे पूरी न होने पर उन्होंने प्रिंसिपल को स्टूडेंट यूनियन ऑफिस की चाबियां सौंप दीं।
नहीं लिया इस्तीफा
वेडनसडे को छात्रों द्वारा की गई अभद्रता के बाद परेशान होकर इस्तीफा देने वाले चीफ प्रॉक्टर डॉ। जोगा सिंह होठी का इस्तीफा प्रिंसिपल ने अस्वीकार कर दिया। शिक्षक संघ द्वारा भी उनके इस्तीफे का विरोध किया गया था। थर्सडे को उन्होंने फिर से काम शुरू कर दिया है। डॉ। होठी ने बताया वह चीफ प्रॉक्टर के पद पर कार्यरत हैं।
बाइक्स और कार कैंपस में दौड़ाईं
वार्ताओं का दौर विफल रहने पर स्टूडेंट्स यूनियन के पदाधिकारियों ने दिन भर कैंपस में अपने वाहन दौड़ाए। गौरतलब है कि वेडनसडे को स्टूडेंट्स यूनियन के पदाधिकारियों ने व्हीकल्स को कैंपस में ले जाने से रोकने के लिए कॉलेज के गेट पर लॉक लगा दिया था। बाद में प्रिंसिपल ने भी इससे संबंधित नोटिस जारी किया था और कहा था कि गाडिय़ां पार्किंग में ही खड़ी की जाएगी। लेकिन थर्सडे को नियमों का पालन नहीं किया गया। थर्सडे को प्रिंसिपल के नोटिस के बावजूद गेट खुले मिलने पर स्टूडेंट्स यूनियन के पदाधिकारी भड़क गए और अपनी नाराजगी जाहिर करने के लिए पूरे दिन उन्होंने अपनी बाइक्स और कार कैंपस में दौड़ाईं।
वार्ताओं का दौर विफल रहा है। पार्किंग तो क ोई मुद्दा ही नहीं है। यह तो पहले से ही चली आ रही है। पहले ही जो चार पार्किंग डिसाइड हैं, वही चलते रहेंगे।
-डॉ। आरपी सिंह, प्रिंसिपल, बीसीबी
कॉलेज में व्यवस्था बनाई जानी चाहिए। स्टूडेंट्स को कोई भी प्रॉब्लम होगी तो हम आवाज जरूर उठाएंगे।
-जवाहर लाल, प्रेसीडेंट, स्टूडेंट्स यूनियन, बीसीबी
जब हम छात्र हित में कुछ करवा ही नहीं सकते हैं तो हमें छात्र प्रतिनिधि बने रहने का कोई हक नहीं है।
-हृदेश यादव, जनरल सेक्रेट्री, स्टूडेंट्स यूनियन, बीसीबी