- विवादों के बीच रहा पूरा इलेक्शन

- महज 12 परसेंट हुई वोटिंग

- हंगामा से लेकर हुआ विरोध प्रदर्शन

BAREILLY: कन्या महाविद्यालय, भूड़ का स्टूडेंट्स यूनियन इलेक्शन शुरू से ही विवादों से घिरा रहा। वोटिंग की शुरुआत से कैंडिडेट्स और उनके समर्थक कॉलेज मैनेजमेंट के रवैये से नाराज दिखे। यह नाराजगी काउंटिंग तक जारी रही और अंत में रिजल्ट डिक्लेयर होने के बाद पूरा मामला विरोध प्रदर्शन में तब्दील हो गया। हारा हुआ पक्ष अपने समर्थकों के साथ कॉलेज मैनेजमेंट के खिलाफ उतर गया और इलेक्शन को निरस्त करने की मागं करने लगा। यहां तक कि उन्होंने शपथ ग्रहण तक का बहिष्कार करने का एलान कर दिया। विवाद और हंगामे के बीच सुरभि सैनी को स्टूडेंट्स यूनियन का नया प्रेसीडेंट निर्वाचित किया गया। उपाध्यक्ष के पद पर सुहाना बानों विजयी रहीं। महामंत्री, पुस्तकालय मंत्री और संकायाध्यक्ष निर्विरोध निर्वाचित हुए।

क्ख् वोट से जीतीं सुरभि

प्रेसीडेंट पद पर विजयी सुरभि सैनी को 88 मत हासिल हुए। उनकी प्रतिद्वंद्वी नीतू गंगवार को 7म् मत प्राप्त हुए। जबकि नीतू को मात्र क्म्। प्रेसीडेंट पद के लिए क्क् वोट निरस्त कर दिए गए। वहीं उपाध्यक्ष पद पर विजयी सुहाना बानों को 9फ् मत मिले। जबकि दूसरे नम्बर पर रहीं ज्योति राव को 7म् वोट मिले। इस पद के लिए पड़े ख्ख् वोट को निरस्त कर दिया गया। गलत जगह मार्क करने और एक से ज्यादा कैंडिडेट्स को मार्क करने से वोट को निरस्त किया गया। वहीं महामंत्री के पद पर विमलेश देवी, पुस्तकालय मंत्री के पद पर एकता शर्मा और संकायध्यक्ष के पद पर पूनम निर्विरोध निर्वाचित हुई।

महज क्ख् परसेंट हुई वोटिंग

इसे कॉलेज का रवैया कहें या फिर स्टूडेंट्स का इलेक्शन से दूर होना, स्टूडेंट्स यूनियन इलेक्शन में महज क्ख् परसेंट वोटिंग हुई। इसके पीछे कई तर्क दिए जा रहे हैं। एक भी कैंडिडेट्स को प्रॉपर ढंग से कैंपेनिंग नहीं करने दिया गया। इसके चलते स्टूडेंट्स में इलेक्शन के प्रति कोई जोश नहीं दिखा। वहीं थर्सडे को कॉलेज का जो स्टूडेंट्स के प्रति रवैया था उससे भी काफी स्टूडेंट्स वोट नहीं डाल पाए। चुनाव अधिकारी डॉ। रेनू उपाध्याय ने बताया कि कुल क्9क् वोट ही पड़े। जबकि टोटल क्,भ्98 स्टूडेंट्स वोटर लिस्ट में शामिल थे।

बिना अनुमोदक और प्रस्तावक के हो गए इलेक्शन

इलेक्शन के दौरान स्टूडेंट्स को तो कैंपस और उसके आसपास एकत्रित नहीं होने दिया गया यहां तक कि कैंडिडेट्स के अनुमोदक और प्रस्तावक भी कैंपस के अंदर नहीं घुस पाए। कैंडिडेट्स और उनके समर्थकों ने आरोप लगाया कि कॉलेज ने अनुमोदक और प्रस्तावक बनवाए ही नहीं थे। इनके बिनाही इलेक्शन को निपटा दिया गया। इसी बात को लेकर वोटिंग की शुरुआत से विवाद गहरा गया। कैंडिडेट्स के समर्थकों ने विरोध किया तो उनको कॉलेज के बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। वहीं चुनाव अधिकारी डॉ। रेनू उपाध्याय ने स्टूडेंट्स के सारे आरोप निराधार बताए।

कॉलेज पर लगाया धांधली का आरोप

कैंडिडेट्स और उनके समर्थकों ने कॉलेज पर धांधली का आरोप लगाया। उनका आरोप था कि इलेक्शन को पूरी तरह से टीचर्स ने अपने कब्जे में कर रखा था। न कैंडिडेट और न ही उनके एजेंट पोलिंग बूथ तक जा सके। उन्होंने आरोप लगाया कि पोलिंग बूथ में व्यवस्था संभाल रहे टीचर्स ने वोट डालने आए स्टूडेंट्स को निर्देश दे दिया था कि किसको वोट देना है।

रिजल्ट के बाद हुआ हंगामा

विवाद रिजल्ट के डिक्लेयर होने के बाद हंगामा और विरोध प्रदर्शन में बदल गया। खासकर एबीवीपी का गुट विरोध प्रदर्शन पर उतर आया। उनके समर्थन वाले कैंडिडेट्स की हार की वजह उन्होंने कॉलेज को ठहराया। उन्होंने कॉलेज पर धांधली का आरोप लगाते हुए इलेक्शन को निरस्त करने की मांग की। वे कॉलेज गेट पर धरने पर बैठ गई। इसके बाद उन्होंने प्रिंसिपल ऑफिस में भी विरोध प्रदर्शन किया। मौके पर मौजूद महिला पुलिस उनके साथ-साथ स्थिति पर नजर गड़ाए हुए थी। उन्होंने प्रदर्शन करने वालों को कैंपस से हटाया भी। विरोध कर रहे गुट ने फ्राइडे को होने वाले शपथ ग्रहण का बहिष्कार करने का ऐलान किया है।