चार साल में हुए हजारों registration

2009-10 के सेशन से सर्विस जब शुरू की गई तो इसको स्टूडेंट्स ने काफी पॉजिटिवली लिया। कुछ ही समय में स्टूडेंट टैलेंट बैंक में हजारों स्टूडेंट्स ने अपना रजिस्टे्रशन करा लिया। पर इसको प्रमोट न किए जाने की वजह से धीरे-धीरे इसमें स्टूडेंट्स का इंट्रेस्ट कम होने लगा।

नहीं हुआ कोई placement

स्टूडेंट्स की मानें तो इस टैलेंट बैंक क ो जिस उद्देश्य के साथ शुरू किया गया था, वह वास्तव में कहीं भी पूरा होता नजर नहीं आया। खास बात यह है कि इंजीनियरिंग और एमबीए के स्टूडेंट्स को भी इसके जरिए क ोई भी प्लेसमेंट नहीं मिला है। वहीं आरयू के प्लेसमेंट ऑफिस की ओर से इसका प्रचार न होने की वजह से तमाम स्टूडेंट्स को तो इसके बारे में जानकारी ही नहीं है।

इसलिए बनाया था link

स्टूडेंट टैलेंट बैंक का लिंक आरयू की वेबसाइट पर भी डाला गया है। यह पोर्टल इसलिए डिजाइन किया गया था, कि स्टूडेंट्स रजिस्टे्रशन कर इस अपना करिकुलम वाइटे अपलोड कर सकें और रिक्रूटर कंपनीज इसे देख कर उन्हें एम्प्लॉयमेंट दे सकें। लगभग एक महीने पहले इस लिंक के लिए सर्विस प्रोवाइड करने वाली कंपनी से यूनिवर्सिटी का टाईअप खत्म हो गया। इसका रिन्यूअल न होने की वजह से स्टूडेंट्स इस फेसिलिटी को अवेल नहीं कर पा रहे हैं।

स्टूडेंट टैलेंट बैंक जब शुरू किया गया तब से इसमें 5 हजार स्टूडेंट्स के रजिस्ट्रेशंस हो चुके हैं। पर लास्ट वन मंथ से रिन्यूअल न होने की वजह से यह बंद हो चुका है। इसके लिए मैंने ओमनीनेट से संपर्क  किया था। पर यूनिवर्सिटी से प्रॉपर कनवर्सेशन न होने से यह रिन्यू नहीं हो पाया है। यह वास्तव में एंप्लॉयमेंट के लिए एक आधार है, पर कंपनीज क ो मन मुताबिक क्वालिफि केशन न मिलने की वजह से प्लेसमेंट्स नहीं हो पाए।

सुमति मिश्रा, उप प्रमुख, यूनिवर्सिटी एम्प्लॉयमेंट ब्यूरो

मैं इस कॉलेज में तीन साल से हूं पर प्लेसमेंट सेल की ओर से स्टूडेंट टैलेंट बैंक के लिए कोई भी अवेयरनेस कैंपेन नहीं चलाया गया। ताकि स्टूडेंट्स इसके लिए अपना रजिस्ट्रेशन करवाएं। अब तो यह फै सिलिटी सर्विस प्रोवाइडर कंपनी केेसाथ टाईअप खत्म होने की वजह से बंद ही हो चुकी है।

अरविंद पटेल, प्रेसीडेंट, स्टूडेंट्स यूनियन, आरयू

मैंने आरयू से बीटेक किया है, और अब मैं यहां एमआरडीएम का स्टूडेंट हूं। कुल मिला कर  मुझे इस यूनिवर्सिटी में पांच साल हो चुके हैं। पर अब तक मुझे याद नहीं आ रहा कि किसी भी स्टूडेंट को टैलेंट बैंक के जरिए जॉब मिली हो। अब तो यह सुविधा ही नहीं रह गई है।

सुशील कुमार, जनरल सेक्रेट्री, स्टूडेंट्स यूनियन, आरयू